कुल्लू जिला में लहसुन की अच्छी पैदावार किसानों को अच्छे दाम मिलने की जगी उम्मीद
सिरमौर के बाद लहसुन उत्पादन में कुल्लू जिला का दूसरा स्थान
1500 हैक्टेयर भूमि पर होती है लहसुन की खेती
कुल्लू जिला में एक ग्रेड लहसुन की कीमत 105 प्रतिकिलो
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू जिला में लहसुन की फसल तैयार होने पर किसान फसल निकालने के कार्य में जुटे हुए हैं। कुल्लू जिला में इस बार लहसुन की फंसल की अच्छी पैदावार होने किसानों के चेहरे खिले है और किसानों को अच्छे दाम मिलने की आस जगी है।कुल्लू जिला में लहसुन आई फ़ंसल के 40 रुपये से लेकर 105 रुपये तक प्रतिकिलो दाम मिल रहे है।जिससे आने वाले दिनों में बाहरी राज्यो से व्यापारियों क्व आने स्व और ज्यादा दाम मिल सकते है।
स्थानीय महिला किसान शकुंतला ने कहा कि इस बार लहसुन की फसल बहुत अच्छी हुई है उन्होंने कहा कि 9 महीने तक लहसुन की फसल की देखरेख करनी पड़ती है जिसके चलते किसानों को अच्छे दाम नहीं मिलते हैं उन्होंने कहा कि सरकार को लहसुन की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना चाहिए ताकि किसानों को अच्छे दाम मिल सके जिससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके
लगघाटी भुट्ठी के उत्कृष्ट किसान संजीव कुमार ने कहा कि लग घाटी में लहसुन की अच्छी फसल हुई है जिसमें 90% किसानों की अच्छी फसल हुई है जबकि 10% किसानों की फसल बीमारी के कारण खराब भी हुई है उन्होंने कहा कि लग घाटी में नकदी फसलों में लहसुन की फसल से हजारों लोगों की आर्थिकी सुदृढ़ हो रही है ऐसे में सिंचाई के अभाव के कारण कई क्षेत्रों में किसानों की फसल को नुकसान हुआ है और वर्षा आधारित क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने से फसल अच्छी हुई है जबकि मार्च और अप्रैल माह में ज्यादा बारिश होने से फसलों को नुकसान भी हुआ है उन्होंने कहा सर्दियों में लहसुन के अलावा अन्य सब्जी लगाने के लिए किसान रुचि नहीं दिखा रहे हैं उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नकदी फसलों में मटर और गोभी की फसल के दाम अच्छे नहीं मिल रहे हैं जिसकी वजह से लोग लहसुन या फिर परंपरागत फसलें गेहूं की बिजाई कर रहे हैं उन्होंने कहा कि 9 महीने के बाद लहसुन की फसल तैयार होती है ऐसे में किसानों को उम्मीद होती है कि लहसुन की फसल के अच्छे दाम मिले ताकि उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो सके उन्होंने कहा कि किसानों को लहसुन की फसल के अच्छे दाम मिले उन्होंने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश में लहसुन की फसल की पैदावार अधिक होती है तो दूसरे राज्यों और विदेशों के लिए लहसुन की फसल को निर्यात करना सरकार की जिम्मेदारी है उन्होंने कहा कि इस को लेकर सरकार को लहसुन के न्यूनतम मूल्य भी निर्धारित करना चाहिए ताकि किसानों को सम्मानजनक दाम मिल सके। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बेरोजगारी बढ़ रही है उससे पढ़े-लखे युवा कृषि की तरफ आकर्षित हो रहे हैं लेकिन जिस प्रकार लहसुन की फसल में बीमारी के कारण
फसलें खराब हो रही है उसको लेकर कृषि विभाग के वैज्ञानिकों को बीमारी की रोकथाम के लिए प्रयास करने चाहिए जिससे आने वाले समय में कुल्लू जिला में लहसुन का अधिक उत्पादन हो सके इस दिशा में कृषि विभाग को युवा किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
स्थानीय।किसान सुंदर नेगी ने कहा कि इस बार मौसम ने किसानों का साथ दिया है जिससे समय-समय पर अच्छी बारिश होने से अच्छी फसल हुई है उन रेखा के फसल जब ज्यादा लगती है तो तब दाम गिर जाते हैं और फसल जब कम लगती है तो दाम बढ़ जाते हैं ऐसे में किसानों को मेहनत के हिसाब से अच्छा दाम नहीं मिल पा रहा है उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां कीटनाशक दवाइयां महंगी हुई है वहीं दूसरी तरफ लेबर भी महंगी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से किसानों को दवाइयों पर खाद पर सब्सिडी मिले ताकि उनकी लागत कम हो सके और फसल के अच्छे दाम मिले जिससे किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके।स्थानीय किसान मेहर चंद ने कहा कि इस बार लहसुन की फसल घाटी में अच्छी हुई है जिससे अच्छी पैदावार होने से किसानों को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद जगी है उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से भी लहसुन की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाए ताकि किसानों को आर्थिक नुकसान ना हो सके। उन्होंने कहा कि लहसुन के अच्छे दाम मिलने से किसान आने वाले समय में लहसुन की खेती मैं रुचि लेंगे जिससे प्रदेश की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी।
गौर रहे कि कुल्लू जिला में 1500 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की खेती की जाती है जिससे हर साल लहसुन की खेती करने बाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। प्रदेश भर में सिरमौर के बाद लहसुन की खेती करने वाला दूसरा जिला कुल्लू है जहां पर हजारों किसान लहसुन की खेती कर आर्थिकी सुदृढ़ कर रहे है।