मंडी शिवरात्रि में साबरी ब्रदर्स; अशोक मस्ती, अर्शप्रीत, कुलदीप शर्मा, विक्की चौहान मचाएंगे धमाल
न्यूज़ मिशन
मंडी
प्रदेश में पहली बारअंतरराष्ट्रीय महोत्सव के मंच पर दिव्यांगों, वृद्वाश्रमों में रह रहे बुजुर्गों तथा निराश्रितों को भी सांस्कृतिक संध्याओं में स्टार कलाकार बनने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंद सिंह सुक्खू द्वारा शुरू की गई सुखाश्रय योजना की पहल को आगे बढ़ाते हुए अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव आयोजन समिति मंडी ने यह निर्णय लिया है। सुखाश्रय अब सपने होंगे पूरे थीम पर आधारित कार्यक्रम शिवरात्रि महोत्सव की 19 फरवरी को आयोजित होने वाली पहली सांस्कृतिक संध्या में प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में इस बार प्रशासन ने लाखों रुपए खर्च कर बड़े मुंबइयां कलाकारों की जगह हिमाचली कलाकारों को ज्यादा अधिमान दिया है। 19 फरवरी से सेरी मंच पर इस बार शुरू होने जा रही अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की सांस्कृतिक संध्याओं में इस बार सूफी कलाकार साबरी ब्रदर्स, पंजाबी सिंगर अशोक मस्ती, अर्शप्रीत, कुलदीप शर्मा और विक्की चौहान सहित अन्य कलाकार सेरी मंच पर धमाल मचाएंगे।* सांस्कृतिक उपसमिति की संयोजक अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने बताया कि शिवरात्रि महोत्सव में 19 से 24 फरवरी तक सांस्कृतिक संध्याएं मंडी के सेरी मंच पर आयोजित की जाएंगी। पहली सांस्कृतिक संध्या में कुमार साहिल, सैंड आर्ट तथा साबरी बंधु बतौर स्टार कलाकार चयनित किए गए हैं। 20 फरवरी को हिमाचली नाइट के रूप में आयोजित की जाएगी, जिसमें लमन बैंड, गीता भारद्वाज तथा नाटी किंग कुलदीप शर्मा बतौर स्टार कलाकार भाग लेंगे। 21 को सारेगामा लिटिल चैंप फेम पायल ठाकुर, एक्स सर्विसमैन लीग द्वारा शहीदों को प्रणाम पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा, जबकि ममता भारद्वाज व अभिजीत श्रीवास्तव रियलटी शो फेम बतौर स्टार कलाकार भाग लेंगे। 22 को अरिन अर्शदीप, गोपाल शर्मा, बालीवुड प्ले बैक सिंगर शबाब सबरी बतौर स्टार कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। 23 को रमेश ठाकुर, वाइस आफ इंडिया फेम विनीत सिंह, पंजाबी सिंगर अशोक मस्ती बतौर स्टार कलाकार भाग लेंगे। 24 फरवरी को अंतिम सांस्कृतिक संध्या में विनर वॉइस आफ पंजाब दीपेश राही तथा अभिज्ञा बैंड व विक्की चौहान बतौर स्टार कलाकार भाग लेंगे। अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने बताया कि इसके अतिरिक्त मंडी जिला के स्थानीय तथा राज्य के अन्य जिलों के लोक कलाकारों को भी सांस्कृतिक संध्याओं में अवसर दिया जा रहा है।