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राष्ट्र की सुरक्षा में तैनात सैनिकों का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए- बीएस ठाकुर
विजय दिवस पर पूर्व सैनिकों शाहिदों को किया याद
न्यूज मिशन
कुल्लू
जिला कुल्लू एवं लाहौल स्पीति के पूर्व सैनिकों ने विजय दिवस पूर्व सैनिक समुदाय भवन ढालपुर कुल्लू में मनाया। इस अवसर पर लैफटीनेंट जनरल बीएस ठाकुर और ब्रिगेडियर टी एस ठाकुर अध्यक्ष पूर्व सैनिक कुल्लू ने राष्ट्रीय ध्वज को फिराया। तत्पश्चात राष्ट्रीय गान का गया। इस दिवस पर दिए सैनिकों जिन्होंने देश के लिए अपनी जान निछावर कि उनको याद किया गया और दिल की गहराइयों से श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर वीर सैनिकों जिन्होंने अपना बलिदान देश के लिए दिया। उनकी स्मृति में 2 मिनट का मौन रखा गया इस अवसर पर पूर्व सैनिकों युद्ध विजेताओं एवं वीर नारियों की समस्याओं पर भी चिंतन किया गया और यथावत संभव उनकी समस्याओं को भी काफी ध्यान समाधान किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष पूर्व सैनिक संगठन तथा अन्य सैनिकों ने अपने विचार रखे।
वीओ- सेवानिवृत लैफटीनेंट जनरल बीएस ठाकुर ने कहा कि विजय दिवस का हमारा इतिहास 1971 की जिसमें इंडिया और पाक की लड़ाई हुई थी जो कि दोनों फ्रंट पर लड़ी गई थी ईस्टन फ्रंट में जो कि बांग्लादेश बोलते हैं और वेस्टर्न फ्रंट से जान पहचान रखते हैं जो कि पंजाब और जेएंडके बॉर्डर के साथ है। जोकि भारतीय सेना की लड़ाई की जीत हुई थी। उसे सेलिब्रेट करने के लिए हर साल विजय दिवस 16 दिसंबर को मनाते हैं। इसका सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि हमारे सिटीजन है वह भी जो भारतीय सेना की अचीवमेंट है उनसे परिचित रहे। उन्होंने कहा कि आजकल के समय में पाकिस्तान का ईस्ट पाकिस्तान का हिस्सा मानते हुए उसे स्वतंत्रता बनाना बहुत बड़ी अचीवमेंट थी। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे लोग इतिहास को भूल रहे हैं उन्होंने कहा कि राष्ट्र के नाते हम उन सैनिकों की कुर्बानी को याद रखें और यह जो भव्य जीत हुई है उसे हम हमेशा याद रखें। उन्होंने कहा कि और राष्ट्र हमारी सेना का पूरे तन मन धन से उसका सपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि उन्हें उन्दुहख होता है जब हमारे पॉलिटिशन उसे पॉलिटिसाइज करते हैं राष्ट्र की सुरक्षा के साथ कोई भी राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भारत की सेना है। किसी राजनीतिकरण की सेना नहीं है ऐसी उम्मीद करते हैं कि भारतीय सेना का योगदान है। राष्ट्र के आजादी में राष्ट्र की उन्नति में उसे याद रखते हुए हम हर वर्ष इसी प्रकार से इस आजादी के पर्व को मनाते रहे है। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान इतिहास को बदलने की कोशिश कर रहा है। कुछ दिन पहले मैंने पाकिस्तान के सेवानिवृत आर्मी चीफ वाजवा की स्टेटमेंट पढ़ी थी कि उसमें वाजवा कह रहे है कि हिंदुस्तान गलत बोल रहा है कि 93000 सैनिकों को बंधक बनाया नहीं बनाया था जबकि 34000 सैनिक थे।उन्होंने कहाकि पाकिस्तान के 93000 सैनिकों के नाम की सूची है ऐसे में पाकिस्तान के द्वारा इतिहास को बदलने का प्रयास कर रहे है।उन्होंने कहाकि विजय दिवस उन सभी शहीद वीर सैनिकों को देश वासियों को याद करना चाहिए।
वीओ- सेवानिवृत लैफटीनेंट जनरल बीएस ठाकुर ने कहा कि विजय दिवस का हमारा इतिहास 1971 की जिसमें इंडिया और पाक की लड़ाई हुई थी जो कि दोनों फ्रंट पर लड़ी गई थी ईस्टन फ्रंट में जो कि बांग्लादेश बोलते हैं और वेस्टर्न फ्रंट से जान पहचान रखते हैं जो कि पंजाब और जेएंडके बॉर्डर के साथ है। जोकि भारतीय सेना की लड़ाई की जीत हुई थी। उसे सेलिब्रेट करने के लिए हर साल विजय दिवस 16 दिसंबर को मनाते हैं। इसका सबसे बड़ा उद्देश्य यह है कि हमारे सिटीजन है वह भी जो भारतीय सेना की अचीवमेंट है उनसे परिचित रहे। उन्होंने कहा कि आजकल के समय में पाकिस्तान का ईस्ट पाकिस्तान का हिस्सा मानते हुए उसे स्वतंत्रता बनाना बहुत बड़ी अचीवमेंट थी। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे लोग इतिहास को भूल रहे हैं उन्होंने कहा कि राष्ट्र के नाते हम उन सैनिकों की कुर्बानी को याद रखें और यह जो भव्य जीत हुई है उसे हम हमेशा याद रखें। उन्होंने कहा कि और राष्ट्र हमारी सेना का पूरे तन मन धन से उसका सपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि उन्हें उन्दुहख होता है जब हमारे पॉलिटिशन उसे पॉलिटिसाइज करते हैं राष्ट्र की सुरक्षा के साथ कोई भी राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भारत की सेना है। किसी राजनीतिकरण की सेना नहीं है ऐसी उम्मीद करते हैं कि भारतीय सेना का योगदान है। राष्ट्र के आजादी में राष्ट्र की उन्नति में उसे याद रखते हुए हम हर वर्ष इसी प्रकार से इस आजादी के पर्व को मनाते रहे है। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान इतिहास को बदलने की कोशिश कर रहा है। कुछ दिन पहले मैंने पाकिस्तान के सेवानिवृत आर्मी चीफ वाजवा की स्टेटमेंट पढ़ी थी कि उसमें वाजवा कह रहे है कि हिंदुस्तान गलत बोल रहा है कि 93000 सैनिकों को बंधक बनाया नहीं बनाया था जबकि 34000 सैनिक थे।उन्होंने कहाकि पाकिस्तान के 93000 सैनिकों के नाम की सूची है ऐसे में पाकिस्तान के द्वारा इतिहास को बदलने का प्रयास कर रहे है।उन्होंने कहाकि विजय दिवस उन सभी शहीद वीर सैनिकों को देश वासियों को याद करना चाहिए।