जनजातीय क्षेत्र पांगी की संमृद्व संस्कृति को वीडियो एल्वम के द्वारा किया जा रहा सरंक्षण संवर्धन-ओम राणा
कहा-पुज्यारा एल्वल में परंपरागत लाहौल-चंबा का परंपरागत संस्कृति की झलक
जनजातीय क्षेत्र पांगी की संमृद्व संस्कृति को वीडियो एल्वम के द्वारा किया जा रहा सरंक्षण संवर्धन-ओम राणा
पुज्यारा एल्वल में परंपरागत लाहौल-चंबा का परंपरागत संस्कृति की झलक
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू में चंबा और लाहौल की संस्कृति पर आधारित वीडियो एलबम का विमोचन किया है। इस वीडियो एलबम में लाहौल और चंबा की संस्कृति को शामिल किया गया है। डॉक्टर ओम राणा ने इस मौके पर जानकारी देते हुए बताया कि पुज्यारा नाम की एलबम में पांगी घाटी के लोगों के संघर्षों को शामिल किया गया है। लाहौल और चंबा जिला के पांगी घाटी के लोगों का आपस में तालमेल रहा है और सदियों से दोनों क्षेत्रों के लोगों का आपस में तालमेल रहा है। उनका कहना है कि सर्दियों के दौरान पांगी घाटी के लोगों को लाहौल से पांगी जाना मुश्किल होता था और उस दौर में मृकुला माता का पुजारी पांगी से हुआ करता था और पुजारी को राजा ने पांगी आने का आदेश दे दिया था और घाटी में बर्फ होने के कारण वह पांगी नहीं पहुंच पाया और बर्फ के बीच ही उसकी मौत हो गई थी। लिहाजा, इस कहानी को एलबम में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इस एलबम में कलाकार के रूप में शशिकांत, प्रिती, प्रिया ने भूमिका निभाई है और गीत में पंगवाली और लाहौली भाषा का समावेश किया गया है।उन्होने कहाकि पांगी की समृद्व संस्कति को वीडियों एल्वम के माध्यम से संरक्षण किया जा रहा है और पांगी की प्राचीन परंपरा रीति रिवाज वेशभूषा को वीडियो एल्वम में प्रदर्शित किया है।