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देव भूमि कुल्लू में बिच्छू बूटी का प्रसाद बांटकर निभाई अद्वभुत प्राचीन देव परंपरा- राजकुमार
कहा-देवता बीर नाथ गौहरी ने बुरी शक्तियों के प्रभाव को रोकने के लिए लगाई कार रेखा
देवता के गुरों ने कराणी सौह में बिच्छू बूटी के साथ की देवखेल
न्यूज मिशन
कुल्लू
देव भूमि कुल्लू जिला में देवी देवताओं के सम्मान में देव परंपराओं का निर्वहन साल भर किया जाता है ऐसे में भादुरु मास को काला माह के नाम से जाना जाता है। ऐसे में एक माह तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते है। जिला मुख्यालय में देवता वीर नाथ गौहरी ने बुरी शक्तियों के प्रभाव को रोकने के लिए क्षेत्र परिक्रमा की। इस दौरान महंत बहेड़ में कराणी सौह में जोगणी माता के स्थान पर देवता पहुँचे जहां पर विधिवत पूजा अर्चना के बाद देखता के गुरु ने बिच्छू बूटी के साथ देव खेल की इस दौरान उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को बिच्छू बूटी का प्रसाद भेंट किया गया। मान्यता है कि बिच्छू बूटी के प्रसाद से श्रद्धालुओं की बुरी आत्माओं से रक्षा होती है।
देवता वीर नाथ गौहरी के कारदार राजकुमार ने कहा कि देवता वीर नाथ गौहरी के सम्मान में हर साल भादुर सक्रांति पर निकलता चित्र की परिक्रमा पर निकलते हैं और हर घर में श्रद्धालुओं की श्रद्धा के अनुसार धूप पूजा अर्चना की जाती है जिसके बाद शाम को मंदिर के पास बुरी आत्माओं को भगाने के लिए सभी कार्यक्रमों के द्वारा अश्लील जुमले गए जाते है। उन्होंने कहा कि दूसरे दिन करानी शो में जोगणी माता के स्थान पर विधिवत पूजा अर्चना की जाती है।देवखेल व परिक्रमा के बाद बिच्छू बूटी के साथ खेलते हैं और उसके बाद श्रद्धालुओं को बिच्छू बूटी का प्रसाद भेंट किया जाता है ऐसी मान्यता है कि बहादुर मार्च में बुरी आत्माओं का प्रकोप बढ़ता है जिसके बचाव के लिए देवता के द्वारा श्रद्धालुओं को बिच्छू बूटी का प्रसाद दिया जाता है ताकि बुरी आत्माओं से श्रद्धालुओं की सुरक्षा रहे ।उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से लेकर बुजुर्गों के द्वारा जो देव परंपराएं हैं उनका निर्माण किया जा रहा है ऐसे में आने वाले समय में भी इस देव परंपरा का निर्वहन इस तरह से किया जाएगा
देवता के गुर हीरा लाल ने कहा कि प्राचीन काल से कई सदियों से देवता वीर नाथ गौहरी के इस क्षेत्र देव परंपरा का निर्माण किया जाता है उन्होंने कहा कि देवता क्षेत्र की परिक्रमा कर बुरी शक्तियों के प्रभाव को लेकर कार्य का लगाते हैं और उसके बाद यहां पर देवता की बहन सूची जोगणी माता के स्थान कराणी सौह में विधिवत पूजा अर्चना कर आटे का बकरा बनाकर प्रसाद चढ़ाया जाता है और उसके बाद यहां पर सभी श्रद्धालुओं को विश्व बूटी का प्रसाद भेज किया जाता है उन्होंने कहा कि भादुर मास में बुरी शक्तियों का प्रभाव ज्यादा होता है ऐसे में उन बुरी शक्तियों से बचाने के लिए यहां पर विधिवत पूजा अर्चना के बाद बिच्छू बूटी से देव खेल कर बुरी शक्तियों के प्रभाव से रोकने के लिए प्राचीन परंपरा का निर्माण किया जाता है।