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तीर्थन घाटी दुर्गम क्षेत्र पेखड़ी के गोपाल भारद्वाज खाखी पहनकर सत्य निष्ठा और लगन से करेंगे जनसेवा
दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों के युवा सेना और पुलिस में भर्ती बन रहे प्रेरणा स्रोत
रोजाना 6 घण्टे का पैदल सफर कर गुशैनी स्कूल से की मैट्रिक की पढ़ाई
न्यूज मिशन
तीर्थन बंजार
परस राम भारती
कुल्लू जिला के बंजार में तीर्थन घाटी की दुर्गम ग्राम पंचायत पेखड़ी के एक छोटे से गांव शलिंगा से एक साधारण परिवार के बेटे गोपाल भारद्वाज का पुलिस विभाग में बतौर कांस्टेबल चयन होने पर गांव में उत्साह और खुशी का माहौल है। गोपाल भारद्वाज के पिता हीरा लाल लकड़ी के मिस्त्री का कार्य करते और माता मुर्तू देवी गृहणी है। युवा गोपाल भारद्वाज ने हाल ही में हुई पुलिस भर्ती परीक्षा को अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कर लिया है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा अपने गांव के ही स्कूल पेखड़ी एक स्थित शालिंगा में हुई है। दसवीं तक की पढ़ाई अपने गांव से रोजाना करीब छह किलोमीटर तक का पैदल सफर तय करके गुशैनी स्कूल से हासिल की है। जो अभी तक शलींगा गांव सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाया है। बहारवीं की परीक्षा गोपाल ने बंजार स्कूल से मेडिकल साइंस विषय में पास की है और वर्तमान में शिमला के कोटशेरा कॉलेज से बीएससी अन्तिम वर्ष में पढ़ाई कर रहा है।
गोपाल के पिता हीरा लाल ने बताया कि इनके बच्चे बचपन से ही पढ़ने लिखने में काफी होशियार रहे है। इनकी एक बेटी शिवा भारद्वाज शिमला से पत्रकारिता के क्षेत्र में काफी नाम कमा चुकी है जबकि एक बेटी की शादी हो चुकी है।
तीर्थन घाटी की दूरदराज ग्राम पंचायत पेखडी के एक छोटे से गांव शलिंगा के युवा गोपाल भारद्वाज का पुलिस विभाग में चयन होने पर क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है और परिवार में भी खुशी का माहौल बना हुआ है। तीर्थन घाटी के दूरदराज इलाकों से सेना और पुलिस विभाग में अब हर साल काफी युवा भर्ती हो रहे है जिससे यहां के अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिल रही है।
गोपाल भारद्वाज ने बताया कि दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत के कारण ही इसे यह मुकाम हासिल हुआ है। यह रोजाना अपनी कॉलेज की पढ़ाई के साथ साथ भर्ती की तैयारी भी करता रहा रहता था। इसने कहा है कि ट्रेनिंग पूरी होने के बाद विभाग की ओर से उसे जो भी ड्यूटी मिलेगी उसे पुरी निष्ठा और लगन से करेंगे।