तीर्थन घाटी की दिलकश और मनमोहक वादियां पर्यटकों से गुलजार।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, बाड़ासारी टॉप और यहां के झरने बने आकर्षण का केन्द्र।
तीर्थन घाटी की दिलकश और मनमोहक वादियां सैलानियों से गुलजार।
फिशिंग का आगाज होते ही बढ़ी पर्यटकों की आवाजाही।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, बाड़ासारी टॉप और यहां के झरने बने आकर्षण का केन्द्र।
सैलानियों को खूब भा रही है यहां की फिजाएं लेकिन मूलभुत सुविधाओं का अभाव।
परस राम भारती , बंजार तीर्थन घाटी गुशैनी
विश्व धरोहर ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क और ट्राउट मछली के लिए महशूर जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार में तीर्थन घाटी की शांत और सुरम्य वादियां देसी विदेशी पर्यटकों को खूब भा रही है। यहां की जैव विविधता, मनमोहक और दिलकश फिजाएं, नदियां, नाले, झरने, जंगल, पहाड़ों में दूर दूर बसे सुंदर गांव तथा यहां का प्रदूषण मुक्त वातावरण सहज ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। इस समय तीर्थन घाटी की सभी ऊंची चोटियों भारी बर्फबारी से लकदक भरी पड़ी है जिस कारण पहाड़ों की अदभुत प्राकृतिक दृश्यवाली उभर कर सामने आई है।
तीर्थन घाटी पर्यटन के क्षेत्र में एक उभरता हुआ स्थल है और यहां पर ग्रामीण एवं साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं भरी पड़ी है। कोरोना महामारी के बीच बीते दो वर्षों से बहुत ही कम सैलानीयों ने तीर्थन घाटी का रुख किया है। हालांकि अब धीरे-धीरे पर्यटन कारोबार पटरी पर उतर रहा है और वीकेंड पर यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। शनिवार और रविवार को तीर्थन घाटी में बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों की काफी चहलकदमी देखने को मिली। पर्यटकों की बढ़ती आमद से स्थानीय पर्यटन कारोबारियों को भी राहत पहुंच रही है।
इसके साथ ही घाटी में प्रथम मार्च से तीर्थन नदी की निर्मल जल धारा पर इस साल के ट्राउट फिशिंग सीजन का आगाज हो चुका है। ट्राउट मछली आखेट प्रेमी तीर्थन की लहरों में उतर चुके हैं। तीर्थन नदी में ट्राउट फिशिंग का रोमांच लेने के लिए प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में देशी-विदेशी सैलानी यहां का भ्रमण करते हैं।
तीर्थन घाटी में पहुंचने वाले सैलानीयों ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, सर्ची गांव, वाडासारी टॉप, छोई झरना और नेचर पार्क में दस्तक देना शुरु कर दी है। तीर्थन घाटी का वाड़ासारी टॉप आजकल पर्यटकों के लिए स्नो प्वाइंट बना हुआ है जहां पर बाहरी राज्यों से आए सैलानी बर्फ के बीच जमकर अठखेलियां कर रहे हैं।
इस साल की वसंत ऋतु का आगाज हो चुका है और अब यहां शरद ऋतु अलविदा कहने के कगार पर है जिस कारण ठंड का प्रकोप अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। आजकल पेड़ पौधों, घास, पतियों और उगाई गई फसलों से हरियाली आना शुरू हो गई है। प्लम, खुरमानी, मटर, सरसों आदि फसलों पर फूल खिलखिला रहे है। समुची तीर्थन घाटी फलदार फुलों की खुशबू से महक उठी है और जंगलों में बुरांश के फूल खिलना शुरु हो गए है। अगले माह से ही यहां पर लोकल फलों और सब्जियों के सीजन की शुरुआत हो जाएगी।
तीर्थन घाटी में साल दर साल यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यहां के खुबसूरत स्थलों को विकसित करके मूलभूत सुविधाएं जुटाए जाने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन स्थलों को सुधारने और सौंदर्यकरण के लिए प्रशंसनीय प्रयास किए जा रहे है ताकि यहां पर भ्रमण करने वाले पर्यटकों का सफर सुगम हो सके। गर्मियों के मौसम में यहां पर पर्यटकों की काफी ज्यादा भीड़ आने का अनुमान है लेकिन वर्षो बाद भी यहां के पर्यटन स्थलों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव देखने को मिल रहा है। यहां के खुबसूरत स्थलों तक पहुंचने वाले रास्तों की हालत बहुत ही खराब है जिस कारण पर्यटकों को काफी कठिनाई हो रही है। अभी तक यहां के कई मुख्य स्थल अच्छे रास्तों, शुद्ध पेयजल और सुलभ शौचालय जैसी मूलभुत सुविधाओं से बंचित है।
दिल्ली राज्य से तीर्थन घाटी घुमने आई युवती लवीना देवानी, मुंबई की युवती निकिता सिंह, राजस्थान की युवती निक्की गुप्ता, शिमला की युवती मीनल पांटा, तेलंगाना राज्य के युवा सरन रामचंद्रन, ज्याकृष्ण, सुमीत और राजस्थान के प्रतीक प्रजापति आदि का कहना है कि यह घाटी इन्हें बहुत खूब भा रही है। ये सभी युवा बार बार यहाँ पर घूमने फिरने और मौज मस्ती के लिए आना चाहते है। इनका कहना है कि इस बार इनकी इच्छा किसी नई जगह देखने की थी जो इन्हें तीर्थंन घाटी में पहुंच कर बहुत ही ज्यादा आत्मिक शांति और सकून मिला है। ये सभी यहां के सुन्दर स्थलों को अपने कैमरा में कैद करके ले गए है। बाहरी राज्यों से आए पर्यटकों ने भी कहा है कि यहां के स्थानीय प्रशासन को घाटी के खुबसूरत स्थलों को पर्यटन के लिए अच्छे से विकसित करना चाहिए। इन स्थलों तक पहुंचने के लिए अच्छे रास्तों का निर्माण हो और यहां पर जरुरी मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाए ताकि ताकि सभी को आने जाने में सुविधा रहे।
तीर्थन घाटी की स्थानीय ग्राम पंचायत कंडीधार के उपप्रधान मोहिंद्र सिंह ने बताया कि यहां के महशुर छोइ झरने को सौंदर्यकर्ण की योजना बनाई गई है। ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित करके जिला प्रशासन को मंजूरी हेतु भेजा गया है, जिसके तहत इस झरने का सौंदर्यकरण किया जाएगा और यहां के लिए एक अच्छे इकोफ्रेंडली रास्ते का निमार्ण किया जाएगा।