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साहसिक खेल स्थलों पर किया जाएगा सामुदायिक शौचालयों का निर्माण-आशुतोष गर्ग  

ग्रामीण विकास व पंचायती राज के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आयाजित

न्यूज मिशन
कुल्लू 17 फरवरी।

उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि जिला में अनेक ऐसे स्थल हैं जिनमें साहसिक गतिविधियां बड़े पैमाने पर की जाती हैं और लोगों का लगातार तांता लगा रहता है। इन स्थलों पर शौचालयों के निर्माण के लिये संबंधित ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव जल्द से प्राप्त करने के लिये उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बवेली, रामशिला, डोभी, गड़सा इत्यादि अनेक स्थलों पर पैराग्लाईडिंग अथवा रिवर राफ्टिंग गतिविधियां की जाती हैं और शौचालयों की सुविधा न होने के कारण नदी-नालों तथा आस-पास गंदगी फैलने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग की योजना के तहत जल्द से ऐसे स्थलों पर शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। बवेली तथा रामशिला के लिये सामुदायिक शौचालय स्वीकृत किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन शौचालयों का निर्माण वन भूमि पर किया जाएगा और इसके लिये प्रस्ताव वन विभाग के माध्यम से भी प्राप्त किया जा सकता है। राष्ट्रीय तथा राज्य राजमार्गों पर स्थित पर्यटन स्थलों में शौचालयों के निर्माण के लिये सीमा सड़क संगठन, लोक निर्माण तथा राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों से सम्पर्क करके शौचालयों के निर्माण की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाए।

उपायुक्त ने कहा कि जिला में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 705 शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य है जिसमें से केवल 180 शौचालयों का निर्माण किया गया है। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों से लक्ष्य को हासिल करने के लिये अतिरिक्त प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में बड़े गांव में भी सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जा सकता है। इसके अलावा स्कूलों, पटवार खानो तथा सार्वजनिक स्थलों पर जहां आवश्यकता हो, जल्द से सामुदायिक शौचालय बनाने के लिये कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शौचालयों केे रखरखाव की जिम्मेवारी स्थानीय स्तर पर निर्धारित की जाएगी।

उपायुक्त ने खण्ड विकास अधिकारियों से कहा कि सभी पंचायतों में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन की कम से कम एक एक्टिविटी जरूर करवाई जानी चाहिए। इसके लिये पर्याप्त धनराशि उपलब्ध है। उन्होंने इस दिशा में प्रगति न होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि खण्ड विकास अधिकारी कचरा प्रबंधन के कार्य को गंभीरतापूर्वक लें। इसी प्रकार, मनरेगा के कार्यों का समय-समय पर निरीक्षण करने को खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए। मनरेगा के निरीक्षण की रिपोर्ट एप्प पर अपलोड करने को कहा ताकि राज्य स्तर पर डैशबोर्ड में प्रगति नजर आ सके। बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला में 85 गांवों में ठोस व तरल कचरा निष्पादन एक्टिविटी के तहत चयनित किया गया है।

बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कुल 2516 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं जिनमें लगभग 22 हजार सदस्य हैं। अधिकांश स्वयं सहायता समूहों के केवल एक लाख रुपये के छोटे ऋण मामले विभिन्न बैंकों में लंबित हैं और बैंक ऋण देने में आनाकानी कर रहे हैं।

ग्राम पंचायतों में ज्ञान केन्द्रों की स्थापना की जिला प्रशासन की पहल सार्थक हो रही है। वर्तमान में 22 ग्राम पंचायतों में ज्ञान केन्द्रों की स्थापना प्रस्तावित है और 12 ज्ञान केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है। इन ज्ञान केन्द्रों में पुस्तकें, बैठने की व्यवस्था तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं का बेहतर सृजन किया गया है। उपायुक्त ने पंचायत स्तर पर ज्ञान केन्द्रोें के बेहतर संचालन के लिये समिति का गठन करने को कहा ताकि संचालन तथा रिकार्ड इत्यादि की अच्छे से देखभाल हो सके। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों से जिला की अधिक से अधिक ग्राम पंचायतों में ज्ञान केन्द्रों की स्थापना करवाने के प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि ज्ञान केन्द्रों के बेहतर संचालन के लिये ग्राम पंचायतों को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके आंकलन के लिये मानदण्ड तय किये गए हैं।

उपायुक्त ने कहा कि 14वें वित्तायोग के तहत लंबित राशि को आगामी 31 मार्च तक हर हालत से व्यय किया जाना चाहिए ताकि छोटे-छोटे विकास कार्यों का लोगों को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग की जिला को 42 करोड़ रुपये की राशि तीनों स्तरों पर प्राप्त हुई है और इस राशि को व्यय करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, उपायुक्त ने मुख्यमंत्री आवास योजनाओं के तहत निश्चित लक्ष्यों को समयबद्ध पूरा करने के लिये कहा। योजना के तहत नये लाभार्थियों के चयन के लिये भी उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये। प्रथम सत्र में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी प्रशांत सरकैक ने ग्रामीण विकास व पंचायती राज जिला विभागोें के विकास कार्यों की बैठक की अध्यक्षता की और विभिन्न मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। परियोजना अधिकारी डीआरडीए सुरजीत ठाकुर ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।

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