कुल्लू जिला में पहले दिन 82 प्रतिशत छात्रों ने भरी हाजरी – सुरजीत राव
कहा- प्राईमरी शिक्षा विभाग में 890 शिक्षण संस्थानों में कोविड-19 से बचाव के लिए उचित प्रबंध
न्यूज मिशन
कुल्लू
पूरे प्रदेश में डेढ माह के बाद एक बार फिर से सरकार ने शिक्षण संस्थानों को खोले है जिसमें पहली से लेकर आठवी कक्षा तक के छात्रों की स्कूल में पढ़ाई शुरू हो गई है कुल्लू जिला में पहले दिन छात्रों में खासा उत्साह दिखा और स्कूल में अधिक सख्या में छात्रों ने हाजरी भरी और सभी शिक्षण संस्थानो में कोरोना महामारी से बचाव के लिए खासा प्रबंध किया गया है। शिक्षण संस्थानों के गेट पर छात्रों की थर्मल स्कैनिंग के साथ हैड सैनिटाईजर करवा कर कक्षा में प्रवेश दिया जा रहा है और सभी छात्रों को स्कूलों में मास्क अनिवार्य कर दिए है।प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कुल्लू सुरजीत राव ने कहाकि कोरोना महामारी की तिसरी लहर के कारण शिक्षण संस्थान बंद है और अब सरकार ने शिक्षण संस्थानों को खोलने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहाकि कुल्लू जिला के प्रारंभिक शिक्षा विभाग में 890 स्कूलों में कोरोना से बचाव को लेकर सभी तरह की पूरी तैयारियां की गई है।उन्होंने कहाकि शिक्षकों के साथ छात्रों को कोरोना नियमों के पालन को लेकर उचित दिशा निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहाकि स्कूल खुलने के बाद पहले दिन प्राईमरी स्कूलों ममें 82 प्रतिशत छात्रों की उपस्थित दर्ज करवाई है।उन्होंने कहाकि प्राईमरी में 23 हजार छात्रों में से 18 हजार छात्र स्कूल में पढ़ाई करने के लिए पहुंचे है।उन्होंने कहाकि शिक्षण संस्थानों में थर्मल स्कैनिंग,हैड सैनिटाजर व मास्क का उपयोग अनिवार्य है और छात्रों को कक्षा में सोशल डिस्टेसिंग के साथ पढ़ाई करवाई जा रही है।शिक्षिका मीना कुमारी ने कहाकि करीब डेढ माह के बाद प्राईमरी स्कूल फिर से खुल गए है। उन्होंने कहाकि सरकार के दिशा निर्देश पर कोराना प्रोटोकॉल फोलो किया जा रहा है।उन्होंने कहाकि छात्रों की थर्मल स्कैनिंग,हैड सैनिटाइजर व मास्क अनिवार्य किए है और कक्षा में सोशल डिस्टेसिंग के साथ बैठाया जा रहा है।उन्होंने कहाकि छात्रों को खाने पीने की वस्तुए व अन्य सामान एक दूसरे से शेयर न करने के लिए जागरूक किया है।
गौर रहे कि इससे पहले सरकार ने कोरोना महामारी के बढ़ते आंकड़ो को देखते हुए 3 जनवरी को प्रदेश भर के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद किया और अब 1 माह 13 दिन केे बाद फिर से कोरोना महामारी के आंकडे कम होने से शिक्षण संस्थानों को खोला है।