कुल्लूधर्म संस्कृतिबड़ी खबरहिमाचल प्रदेश

पवित्र देव स्थलों से छेड़ छाड से माता फुंगणी नाराज- राम लाल

कहा-देववाणी में पवित्र स्थलों पर गंदगी न फैलाने के दिए सख्त निर्देश

देवता पांचाली नारायण, माता फुंगणी , मंडी के माता पजौंड मे हुआ धारा रा काहिका
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू मण्डी की सीमा गांव पजौंड (थल्टू खोड़ ) जिला मण्डी, गांव तीऊन (लगवैली) जिला कुल्लू की अराध्या देवी माता फुंगणी तथा गांव ग्रामंग के अराध्य देव पंचाली नारायण के मिलन पर काहिका उत्सव मनाया गया।माता ने देश में चल रही त्रासदी को लेकर माता काफी नाराज हैं और कहा कि मानव जाती आज जहां नहीं जाना होता बांह जा रही हैं, और उनके पवित्र स्थल को ंभी अपवित्र कर रहें। बहीं माता गौबंश को छोड़ने को ले कर भी काफी नाराज है।माता ने मानव जाति को संबल कर चलने को कहा हैं अन्यथा आने बाला समय विनाशकार होगा। जहां पर कई प्रकार की निषेध वस्तुएं जा रही है और कई प्रकार की मानव जाति पहुंच रही है। मानव आज जहां नहीं जाना चाहिए वहां पहुंच रहे हैं। देवी देवताओं के प्राचीन स्थल है साफ सुथरा रखेंगे और किसी प्रकार की निषेध वस्तुएं इन स्थानों पर न ले जाएं और जहां तक मानव जाति को जाने का आदेश है वहीं तक ही जाए
माता फंगुणी के कारदार राम लाल ठाकुर ने बताया कि धारा काहिका हर वर्ष सावन के महीने में मनाया जाता है। जिसमें लगघाटी के देवता पांचाली नारायण, माता फंुगणी और मंडी के माता पजौंड इस काहिका का उत्सव में परंपरा का निर्वहन करते हैं, सभी देवी देवताओं के कारकून पूरी तैयारी के साथ यहां फंुगणी टॉप पर आते हैं। काहिका तीन दिनों तक आयोजित किया जाता है। जिसमें पुरोहित, गुर, विशेष जाति के नड़ पुजारी इस काहिका उत्सव में मौजूद रहते हैं। इस काहिका को ऐतिहासिक माना जाता है जब तक धारा काहिका का नहीं होता है तब तक हमारे लगघाटी के कोई भी देवी-देवता सावन का महीने में बाहर नहीं निकलते हैं। सबसे पहले धारा का काहिका होता है, क्योंकि बड़ी माता होने के कारण प्राचीन काल से लेकर विधि-विधान के साथ यह परंपरा निभाई जा रही है। जब तक माता धारा का काहिका नहीं होता, तब तक कुल्लू लगघाटी के देवता नहीं निकलते हैं और धारा के काहिका में माता फंुगणी ने गुऱ के माध्यम से अपनी वाणी में कहा है जितनी भी हमारे देवी देवताओं के धार्मिक स्थान है देवभूमि होने के नाते पुर हिमाचल हो माता ने कहा है कि हमारे धार्मिक स्थलों पर कई प्रकार के निषेध वस्तुएं और हमारे पवित्र स्थान पर छेड़छाड़ होने के कारण कुछ एक स्थान पर जो हमारे पवित्र स्थान है वह अपवित्र हो रहे हैं। इसमें सभी देवी देवताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि मानव जाति को हम सभी देवी देवताओं ने बार-बार बोलने के बावजूद भी नहीं मान रहे हैं।ं 2023 में कितनी त्रासदी हुई थी ज्यादातर शिमला कुल्लू और मनाली में यह त्रासदी हुई थी और मंडी में भी। तभी देवी देवताओं को मानव जाति ने याद किया था तो इस विपता को देखकर हम सब मिलकर जितने भी हमारे देवी देवताओं के प्राचीन स्थल है साफ सुथरा रखेंगे और किसी प्रकार की निषेध वस्तुएं इन स्थानों पर न ले जाएं और जहां तक मानव जाति को जाने का आदेश है वहीं तक ही जाए। उन्होंने कहा कि मानव अपने पशुओं को छोड़ रहे हैं जिसे देवी देवताओं नराजगी जाहिर की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Trending Now