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देवता क्षेत्रापाल थान शालंग और देवता क्षेत्रपाल थान भुठ्ठी  3 दशकों के बाद हुआ भव्य देवमिलन

4 कोठी की परिक्रमा के दौरान भु्ठ्ठी में भाईयों के देवमिलन से  भावुक श्रद्वालुओं 

देवताओं के देवमिलन को  देखने  बड़ी संख्या में उमड़े  श्रद्धालु
सीपीएस सुन्दर ठाकुर ने अपने गृह कुलंज से लिया आर्शिवाद
न्यूज मिशन
कुल्लू
देवभूमि कुल्लू जिला के  लगघाटी के भुटटी गांव में  देवता क्षेत्रापाल थान शालंग और देवता क्षेत्रपाल थान भुठ्ठी  दो भाइयों का 32 साल के  बाद भव्य देव मिलन हुआ। इस मिलन को देखने के लिए घाटी के श्रद्धालुओं का हजूम उमड़ा। घाटी की परिक्रमा पर निकले शालंग के देवता थान का अपने बडे़े भाई भुटटी के देवता थान के साथ 32 साल के बाद भव्य देव मिलन हुआ। इस दौरान दोनों देवताओं ने देव परंपराओं का भी निर्वाह किया। देव खेल और देव नृत्य आकर्षण का केंद्र रहे। इस अवसर पर प्रदेश सरकार में सीपीएस व कल्लू सदर की विधायक सुंदर सिंह ठाकुर भी इस भव्य देव मिलन को देखने के लिए पहुंचे और देवताओं के समक्ष शीश नवाज कर आशीर्वाद लिया। देवता 2 दिन तक अपने भाई के मंदिर में ठहरेंगे और तीसरे दिन देवता अपने लाभ लश्कर के साथ आगे की परिक्रमा में भाग लेंगे।
सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि देवता क्षेत्रपाल थान शालंग चार कोठी की परिक्रमा पर निकले हुए हैं। आज देवता भुटटी में पहुंचे हैं और ऐसे में देवता क्षेत्रपाल थान भुटटी के साथ भव्य मिलन हुआ है। उन्होंने कहा कि यह परिक्रमा घाटी की सुख शांति के लिए अहम मानी जाती होती है। उन्होंने कहा कि ऐसी वक्त में सबसे बड़ी त्रासदी हमने देखी है और हम देवी देवताओं के पास भविष्य के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उन्होने कहा कि ऐसे मौके पर चार कोठी का भ्रमण पर देवताओं का मेल मिलाप आपस में होता है और पंरपरा को भी निभाते है। उन्होंने कहा कि उनका भी देवता क्षेत्रपाल थान कुल देवता है और हम भी कारदार परिवार से जुड़े हुए हैं उन्होंने कहा कि ऐसे में गांव वासी होने के नाते और कुल देवता होने के नाते मैंने देवता से एक ही प्रार्थना की है कि ऐसी त्रासदी जो पिछले वक्त में आई है उसकी भरपाई जल्दी हो और पूरे लगघाटी कुल्लू हिमाचल पूरे भारतवर्ष में शांति का माहौल बना रहे। ऐसी हमने देवता से कामना की है।
देवता के कारदर सुंदर सिंह ने बताया कि देवता शालंग थान लगभग 32 साल के बाद चार कोठी की परिक्रमा पर आए हैं। जब भी क्षेत्रपाल थान शालंग भुटटी पहुंचते हैं और ऐसे में हमारा देवता भी रथ में विराजमान होकर अपने छोटे भाई से मिलन करते हैं जो की बहुत ही भावुक भरा क्षण होता है। ऐसे में इस भव्य मिलन को देखने के लिए घाटी से दूर-दूर से लोग यहां पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि वही दोनों देवताओं के समान में धाम की व्यवस्था भी की जाती है और सभी लोगों को धाम भी परोसी जाती है। और कल देवता आपस में मेल मिलाप करने के बाद आगे की परिक्रमा में भाग लेंगे वहीं देवता थान भुटटी अपने स्थाई निवास स्थान में विराजमान होंगे।

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