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देवता पिरडी महादेव और देवता नरसिंह भगवान बदाह क्षेत्र में परिक्रमा कर बांधा सुरक्षा सुत्र

बदाह में 12 वर्षों बाद धार्मिक उत्सव में टाला उत्सवके प्राचीन परंपरा का हुआ निर्वहन

भगवान नारसिंह तथा देवता पिरड़ी महादेव ने की गांव की परिक्रमा

न्यूज मिशन
जिला कुल्लू मुख्यालय स्थित गांव बदाह के पूरे क्षेत्र में धार्मिक ताला उत्सव विधिवत देव परंपरा के निर्वहन साथ संपन्न हुआ । उत्सव में स्थानीय देवता पिरड़ी महादेव तथा देवता नरसिंह ने क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सुरक्षा सूत्र बांधा। इस धार्मिक उत्सव में देव विधि के साथ कारकोनों और हारियानों ने डीडीपाथ प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया। हर 12 वर्षों के बाद क्षेत्र की खुशहाली सुख शांति सुरक्षा के लिए धार्मिक ताला उत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमें देवता पिरड़ी महादेव तथा देवता नरसिंह ने क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बुरी  शक्तियों, व्याधियों एवं किन्हीं अनिष्ठ होने वाली दुर्घटनाओं का टालते हैं ताकि क्षेत्र में स्मृद्धी एवं खुशहाली बरकरार रहे। इसके बाद यह उत्सव अब 2035 में आयोजित होगा।
स्थानीय श्रद्धालु बेअंत सिंह ने कहा के हर 12 वर्षों के बाद 20 भादो के दिन वृद्ध क्षेत्र में धार्मिक टाला उत्सव  का आयोजन किया जाता है जिसमें स्थानीय देवता पीरडी महादेव प्रमुख रूप से भाग लेते हैं और स्थानीय देवता नरसिंह भगवान भी शामिल होते हैं उन्होंने कहा कि प्राचीन समय मे जब नवजात शिशु पैदा होता था और उसके कुछ समय के बाद उसकी मृत्यु होती थी। ग्रामीणों ने इस समस्या के लिए देवता के दरबार में हाजिरी भरी जिसके बाद देवता क्षेत्र की रक्षा के लिए इस उत्सव का आयोजन हर 12 वर्षों के बाद करते हैं उन्होंने कहा कि देवता पूरे क्षेत्र की सुरक्षा कवच के लिए परिक्रमा करता है और श्रद्धालु इस धार्मिक कार्यक्रम को क्षेत्र की रक्षा के लिए देव आदेश पर आयोजित करते हैं।
 स्थानीय देवता  नरसिंह के कारदार   राजेश ठाकुर ने कहा कि देवता पड़ी महादेव और नरसिंह भगवान क्षेत्र की सुरक्षा के लिए हर 12 वर्षों के बाद परिक्रमा करते हैं जिससे इस क्षेत्र के लोगों की रक्षा होती है उन्होंने कहा कि इसके लिए यह धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
देवता पिरडी महादेव के पुजारी पुष्प कांत शर्मा ने कहा कि बदाह में धार्मिक टाला उत्सव 12 वर्षों के बाद मनाया जा रहा है । जिसमें मुख्य देवता पिरडी  महादेव और स्थानीय कुलदेवता नर्सिंग भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में इस क्षेत्र में जो भी बच्चे पैदा होते थे वह नहीं जीते थे और जन्म के बाद उनकी मृत्यु होती थी उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में राक्षसी प्रकोप के चलते मानव जीवन पर संकट पढ़ता थ उन्होंने कहा कि उसकी शांति के लिए इस धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है उन्होंने कहा कि पिछले सैकड़ो वर्षों से इस धार्मिक कार्यक्रम को ग्रामीण आयोजित करते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे गांव का सुरक्षा चक्कर परिक्रमा सुबह सवेरे की गई जिसके बाद देखते ने सभी हारियानों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा चक्कर लगाया है।

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