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देशभर में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में 2005 घरेलू हिंसा कानून सख्ती से लागू करें सरकार – फालमा चौहान

कहा- लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के कानून को किया जाए निरस्त

महिला की सुरक्षा को लेकर सरवरी में हुआ अधिवेशन आयोजित
न्यूज मिशन

कुल्लू
केंद्र सरकार के द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 18 से 21 साल करने के लिए कानून संसद में लाया जा रहा है। उसे जल्द से जल्द निरस्त किया जाना चाहिए।यह बात अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की प्रदेश सचिव फालमा चौहान ने  मीडिया को संबोधित करते हुए कही।उन्होंने कहाकि  सभी कार्य स्थलों व शिक्षण संस्थानों पर सक्रिय लिंग संवेदनशील कमेटियों का भी गठन किया जाना चाहिए। कुल्लू अशोक भवन में   अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के द्वारा  महिलाओं व युवतियों की समस्याओं को लेकर सरवरी में एक अधिवेशन का आयोजन किया गया। जिसमें आज के दौर में महिलाओं व युवतियों को पेश आ रही समस्याओं पर विशेष रूप से चर्चा की गई। इस अधिवेशन में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए समिति के प्रदेश सचिव फालमा चौहान ने कहा कि कई जगह पर सक्रिय लिंग संवेदनशील समितयों का गठन किया गया है लेकिन वह बिल्कुल भी सक्रिय नहीं है। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन कमेटी सक्रिय किया जाना चाहिए। इसके अलावा पीसीपीएनडीटी एक्ट को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस एक्ट को सख्ती से लागू करने पर बाल लिंगानुपात सुधरेगा और बच्चियों की भ्रूण हत्या जैसे मामले भी खत्म होंगे। वहीं साल 2005 में जो घरेलू हिंसा कानून लाया गया था। उसे भी सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। फालमा चैहान का कहना है कि आज देश भर में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है। क्योंकि आए दिन देश में महिला हिंसा के मामले सामने आते रहते हैं। हिमाचल भी अब इससे अछूता नहीं है और महिला के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में निर्भया फंड को भी दुष्कर्म पीड़ित के पुनर्वास के लिए तुरंत किया जाना चाहिए और युवा लड़कियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए

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