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सुप्रीम कोर्ट ने जनहित के विकास कार्यों के लिए एफसीए  में दी बड़ी राहत-राजीव किमटा

कहा-  वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और नेशनल पार्क को छोड़कर अन्य वन भूमि पर एफसीए की अनुमति की जरूरत नहीं

 न्यूज मिशन
कुल्लू
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजीव किमटा ने कुल्लू में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से जनहित के लिए विकासात्मक योजनाओं को लेकर एफसीए क्लीयरेंस की अनुमति को लेकर सुप्रीम कोर्ट से परमिशन नहीं लेनी पड़ेगी उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के एजी अनूप गौतम ने विभिन्न विकास कार्यो में एफसीए मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से एप्लीकेशन देकर रिलैक्सेशन मांगी थी उन्होंने कहा कि 8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया है कि स्कूल ,अस्पताल, आंगनवाड़ी, केंद्र पंचायत भवन रोड़ निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की जरूरत नहीं है उन्होंने कहा कि ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जहां पर वाइट लाइफ सेंचुरी या नेशनल पार्क है उन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार के विकास  कार्यों के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेना अनिवार्य है। लेकिन अन्य वन भूमि पर विभिन्न विकास कार्यो को लेकर एफसीए की अनुमति की जरूरत नहीं है उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से हिमाचल प्रदेश में जनहित के लिए मूलभूत विकास कार्यों के लिए गति मिलेगी। और यह फैसला हिमाचल प्रदेश की प्रगति के लिए मील का पत्थर साबित होगा जिससे आने वाले समय में जनहित के विकास कार्यों को प्रगति के साथ धरातल पर उतारा जाएगा उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में व्यवस्था परिवर्तन हो रहा है।

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