जिला निर्वाचन अधिकारी,(उपायुक्त) अशुतोष गर्ग ने आचार संहिता के सम्बन्ध में विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों
न्यूज मिशन
कुल्लू
जिला निर्वाचन अधिकारी,(उपायुक्त) अशुतोष गर्ग की अध्यक्षता में विधान सभा के सामान्य निर्वाचन-2022 के दौरान आदर्श आचार संहिता के सम्बन्ध में विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ आज एक बैठक हुई।
बैठक में चर्चा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विधान सभा के सामान्य निर्वाचन, 2022 की घोषणा हो चुकी हैै। विधान सभा के सामान्य निर्वाचन-2022 के शान्तिपूर्वक संचालनार्थ यह नितान्त आवश्यक है कि सभी राजनैतिक दल एवं निर्वाचन लडने वाले अभ्यर्थी आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करें।
उपायुक्त ने कहा कि आर्दश आचार संहिता की प्रति जिला कुल्लु के सभी राजनैतिक दलों को प्रदान कर दी गई है। आचार संहिता व आयोग के विभिन्न आदेशों/अनुदेशों के अनुसार कुछ प्रमुख बातों पर निर्वाचनों के दौरान अनुपालना सुनिश्चित की जानी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि साधारण आचरण के सम्बंध में कोई राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी किसी ऐसे क्रिया-कलाप में संलिप्त नहीं होगा जो जातीय समूहगत, साम्प्रदायिक तथा भाषायी मतभेद, घृणा की भावना या तनाव पैदा करे। चुनाव के दौरान नेताओं को अपने पिछले कार्यों तथा उपलब्धियों की बात नही करनी चाहिए। विभिन्न दलों के नीतिगत कार्यक्रमों के सम्बन्ध में आलोचना शिष्ट भाषा में की जानी चाहिए। राजनैतिक पार्टियों को चाहिए कि व्यक्तिगत छींटाकशी, अशिष्ट भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। किसी के व्यक्तिगत जीवन (जो कि उसके लोक व्यवहार से सम्बन्धित नहीं है) पर टीका-टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। चुनाव प्रचार के लिये मस्जिदों, गिरजाघरों, मन्दिरों या पूजा के स्थानों को मंच के रूप में प्रयोग नहीं करना चाहिये।समस्त राजनैतिक दलों को मतदान केन्द्र से 100 मीटर की दूरी के अन्दर सभाएं व प्रचार नहीं करना चाहिए । मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय को खत्म होने वाली 48 घण्टे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभायें करना और मतदाताओं को मत डालने के लिये मतदान केन्द्रों तक ले जाने व वापिस लाने हेतु गाडियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये ।
किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को झण्डे टांगने, सूचनायें चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दिवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग नहीं करना चाहिये। पोस्टर आदि के सार्वजनिक स्थानों पर चिपकाने हेतु पूर्ण मनाही होगी। पोलीथीन के पोस्टरों आदि पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा ताकि पर्यावरण को स्वच्छ रखा जाये।
समस्त राजनैतिक दलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके समर्थक किसी अन्य राजैनिक दलों द्वारा बैठक या सभाएं आयोजित की जाएं तो उसमें कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेगा। अभ्यर्थी के साथ 4 व्यक्ति ही नामांकन के समय रिटंर्निंग अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। रिटर्निंग आफिसर कार्यालय परिसर के 100 मीटर के अन्दर केवल 3 वाहनों को ही प्रवेश की आज्ञा होगी। पोलिंग एजैन्ट उस मतदान केन्द्र का मतदाता होना चाहिये। तथा उसके पास मतदाता फोटो पहचान पत्र होना चाहिये।
चुनावी सभाओं के बारे में उन्होंने कहा कि चुनावी सभायें आयोजित करने हेतु राजनैतिक दल अथवा अभ्यर्थी को सभा स्थल बारे स्थानीय पुलिस अधिकारियों को उपयुक्त समय पर सूचना देनी होगी ताकि पुलिस द्धारा तदानुसार यातायात को नियन्त्रित किया जा सकें व शान्ति – व्यवस्था बनाये रखने के लिए आवश्यक कदम उठा सके। समस्त दलों व अभ्यर्थी सभाएं आयोजित करने हेतु चयनित स्थान पर कोई प्रतिबंधात्मक आदेश लागू हो जाता है तो इस सम्बन्ध में समय पर बैठक आयोजित करने हेतु छूट बारे आवेदन करना चाहिए। सभाओं में लाउड स्पीकरों के उपयोग हेतु सम्बन्धित अधिकारियों से काफी पहले आवेदन करके अनुमति प्राप्त करनी होगी। लाउड स्पीकर का प्रयोग प्रातः 6 बजे से रात 10.00 बजे तक ही किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि सभी राजनैतिक दल जुलूस इत्यादि के आयोजन के लिये यह तय कर लें कि जुलूस किस स्थान से शुरू होगा तथा किस स्थान पर समाप्त होगा । जुलूस के आयोजकों को ऐसे कार्यक्रम की अग्रिम रूप में पुलिस अधिकारियों को सूचना देनी होगी ।जुलूस में शामिल लोगों द्वारा ऐसी चीजें लेकर चलने जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा विशेष रूप से उतेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता हो, की मनाही होगी तथा एक दल को दूसरे दलों के नेताओं के पुतले लेकर चलना अथवा उनको जलाने पर प्रतिबन्ध होगा ।
उपायुक्त ने कहा कि मतदान के दिन चुनाव कार्य हेतु नियुक्त अधिकारियों को पूर्ण सहयोग करना चाहिए । मतदान के दिन प्राधिकृत कार्यकताओं को बैज प्रदाय करना चाहिए । मतदान के दिन मतदाताओं को अपने वोट डालने हेतु सफेद कागज पर अभ्यर्थी का नाम प्रतीक आदि नही होना चाहिए और मतदान हेतु पूर्ण स्वतन्त्रता होनी चाहिये किसी भी मतदाता को किसी अभ्यर्थी विशेष के पक्ष में वोट डालने हेतु डराया या धमकाया नहीं जाना चाहिये। मतदान के दिन और उसके 48 घण्टे पहले किसी को भी शराब पेश या वितरित नहीं की जायेगी।मतदान केन्द्र के समीप किसी भी राजनैतिक दल व अभ्यर्थी को अनावश्यक भीड एकत्रित नहीं करनी चाहिए । मतदान के दिन प्रयोग में लाये जाने वाले वाहनों के लिए सम्बन्धित अधिकारी से अनुमति प्राप्त की जानी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि मतदान वाले दिन मतदाता के सिवाये कोई भी व्यक्ति निर्वाचन आयोग के पास के बिना मतदान केन्द्रों में प्रवेश नहीं करेगा।किसी भी प्रकार की शिकायत, केन्द्रिय प्रेक्षकों से भी की जा सकती है।
सताधारी दल के बारे में उन्होंने बताया कि निर्वाचन अभियान के दौरान सरकारी पद का विशेष रूप से मन्त्रियों को शासकीय दौरे निर्वाचन प्रचार के साथ नहीं जोडने चाहिए । सरकारी वाहनों, मशीनरी और कार्मिकों का सताधारी दल के हित को बढावा देने के लिये प्रयोग नहीं किया जायेगा। मन्त्रियों द्वारा किसी भी रूप में कोई भी वित्तिय मन्जूरी या वचन देने की घोषणा नहीं की जायेगी तथा किसी प्रकार की परियोजनाओं अथवा स्कीमों के लिए आधारशिलायें नहीं रखी जायेगी। सभी राजनैतिक दल हिदायतों तथा आचार संहिता का पूर्णतयाः पालन करेंगे ।
उपायुक्त ने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77(1) के अनुसार लोक सभा या विधान सभा निर्वाचन हेतु प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए उसके नामांकन की तिथि से निर्वाचन के परिणाम की घोषणा की तिथि के मध्य उसके द्वारा या उसके निर्वाचन एजेन्ट द्वारा किए गए सभी व्ययों का पृथक एवं सही लेखा रखना अनिवार्य है। अभ्यर्थी को विधि द्वारा निर्धारित व्यय सीमा जो हिमाचल प्रदेश के लिए 4000000/-रूपये (चालीस लाख रूपये) है के अन्दर अपने निर्वाचन व्ययों को रखना होगा क्योंकि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 (3) के अधीन सीमा से अधिक व्यय किया जाना एक भ्रष्ट आचरण है तथा विजयी अभ्यर्थी के विरूद्ध निर्वाचन याचिका के लिए एक आधार बन जाता है। वर्तमान विधान सभा निर्वाचनों के दौरान अधिक धन के प्रभाव को दूर करने के दृष्टिगत निर्वाचन व्ययों पर दृष्टि रखने हेतु निर्वाचन व्यय प्रेक्षकों, सहायक निर्वाचन व्यय प्रेक्षकों, आयकर प्रेक्षकों, पुलिस प्रेक्षक, उडन दस्तों तथा अन्य विभिन्न टीमों का विडियोग्राफरों सहित गठन किया गया है।
निर्वाचन व्यय लेखा का सही लेखा-जोखा रखने हेतु प्रत्येक अभ्यर्थी को अपना एक पृथक बैक खाता खुलवाना अनिवार्य है। अभ्यर्थी द्वारा अपने सभी निर्वाचन सम्बन्धी समस्त व्यय इसी बैंक अकाण्उट से सुनिश्चित करने होंगे।
अभ्यर्थी द्वारा 10,000/-रूपये से अधिक की राशि का एकल व्यय क्रॉस एकाउंट पेयी चेक या ड्राफ्ट या आरटीजीएस द्वारा किया जाना अनिवार्य है।
अभ्यर्थी को निर्वाचन आय/व्यय का दैनिक लेखा रखने के लिए सम्बन्धित रिटर्निंग आफिसर द्वारा लेखा रजिस्टर दिया जायेगा (अनुबन्ध-E1)। लेखे के अनुरक्षण में असफलता भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171-l के अधीन एक निर्वाचन अपराध है।
अभ्यर्थी के व्यय लेखा रजिस्टर का समय-2 पर भारत निर्वाचन आयोग के निर्वाचन व्यय प्रेक्षक, जिला निर्वाचन अधिकारी और सम्बन्धित रिटर्निंग आफिसर द्वारा निरिक्षण करके छाया रजिस्टर से मिलान किया जायेगा।
निर्वाचन के दौरान निजी एफ0एम0 चैनलों सहित सभी टी0वी0 चैनलों, केवल नेटवर्क और रेडियो में राजनीतिक प्रकृति के सभी विज्ञापन इस उद्देश्य के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा गठित संवीक्षा समिति तथा जिला स्तर पर गठितएम0सी0एम0सी0 से पूर्व अनुमति मिल जाने के बाद ही बनाए जा सकते हैं। अभ्यर्थी या उसका प्रतिनिधि, जो जनसभा या रैली के लिए अनुमति हेतु रिटर्निंग आफिसर को आवेदन करता है, उसे अनुमति के लिए आवेदन के साथ अनुबन्ध-क्1 में दिए गए प्रारूप में योजना व्यय भी प्रस्तुत करना होगा।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 78 के अनुसार निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को निर्वाचन के परिणाम घोषित होने के 30 दिन के अन्दर जिला निर्वाचन अधिकारी को अपना व्यय लेखा रजिस्टर अनुबन्ध-E1 तथा निर्वाचन व्ययों का सार विवरण संलग्नक-E2 शपथ-पत्र सहित प्रस्तुत करना होगा। लेखा दाखिल करने में असफल रहने पर, सम्बन्धित अभ्यर्थी को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 10क के अधीन निरर्हित किया जा सकता है