कुल्लू जिला में बनेगा शहीदी स्मारक-गोविंद ठाकुर
कारगिल विजय दिवस का जिला स्तरीय समारोह पतलीकूहल में आयोजित
न्यूज मिशन
कुल्लू 26 जुलाई।
भारतीय सेना के साहस और जांबाजी के शानदार कारगिल विजय दिवस का ें जिला स्तरीय समारोह का आयोजन मनाली विधानसभा क्षेत्र के पतलीकूहल में किया गया। शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कार्यक्रम में पहुंच कर देश की सीमाओं की रक्षा करते अपने प्राणों की आहूति देने वाले वीर शहीदों को याद किया। शिक्षा मंत्री ने जिला के शहीदों के.एन. जाडू, डोला राम, तोबगे राम, तंजिन, पृथी चंद, छापे राम तथा नानक चंद राणा सहित प्रदेश के तमाम बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। मंत्री ने बलिदानियों को पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कुल्लू जिला में शहीदी स्मारक का निर्माण किया जाएगा। इसके लिये उपयुक्त जमीन तलाश करके आगामी प्रक्रिया आरंभ करने के लिये उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये।
गोविन्द ठाकुर ने कहा कारगिल विजय दिवस देशवासियों के लिए एक गौरवपूर्ण दिवस है। कारगिल जैसी दुर्गम पर्वत श्रंखला पर 22 वर्ष पहले विजय हासिल की थी। पाकिस्तान ने धोखे से हमला किया था। ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के जवानों ने भारत मां की रक्षा के लिए खून का कतरा व कुर्बानी दी हैं। कारगिल युद्ध के चार परमवीर चक्रों में दो हिमाचल को मिले थे जिनमें कैप्टर विक्रम बत्रा तथा राईफलमैन संजय ठाकुर शामिल हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि शहीद बाल कृष्ण के नाम से रावमा पाठशाला ढालपुर का नाम रखा है जबकि बसतोरी हाई स्कूल का नाम अब शहीद जयपाल के नाम से रखकर सैनिकों को उचित मान सम्मान दिया जाएगा। ठाकुर ने कहा समूचा देश जवानों के साथ खड़ा है। हर शहीद परिवारों को सहयोग व सुविधाएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सैनिकों की होंसला अफजाई के लिए हर वर्ष बड़े त्यौहार सीमा में पहुंचकर सैनिकों के बीच में मनाते हैं।
गोविंद ठाकुर ने इस अवसर पर उन शहीदों के परिजिनों को भी सम्मानित किया जिन्होंने अदम्य साहस दिखाते हुए वतन के नाम अपने प्राण त्याग दिये थे। इनमें बंजार के शहीद कर्नल पदमदेव की पत्नी चन्द्रवाती, नथान के युवा शहीद जयपाल के पिता प्रकाश तथा शहीद कलजंग दोरजे के पिता यंगफाल को सम्मानित किया गया। मंत्री ने समारोह में उपस्थित सभी 110 पूर्व सैनिकों को भी सम्मानित किया।
कुल्लू व लाहौल-स्पिति भूतपूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष ब्रिगेडियर टी.सी. ठाकुर ने अपने अनुभव सांझा करते हुए कहा कि कारगिल विजय आपरेशन में देश सहित प्रदेश के जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया था। भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सेना को खदेड़ दिया था। यह लड़ाई छोटी लेकिन बहुत कठिन थी। पाकिस्तानी सेना के घुसपैठिए ऊंची पहाड़ियों पर छिपकर घात लगाए बैठे थे, जबकि भारत की सेना बहुत निचले इलाकों से पहाड़ों पर चढ़कर उनसे लड़ने के लिये गई थी। प्रतिकूल परिस्थतियों के बावजूद हमारी सेना ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी और कारगिल की सबसे ऊंची पर्वत श्रंखला पर तिरंगा फहराया। उन्होंने कहा कि देश के 527 जाबांजों ने इस लड़ाई में अपने प्राण गवाएं, इनमें से 52 केवल हिमाचल प्रदेश से थे। उन्होंने जिला में भूतपूर्व सैनिकों के लिये कुछ सुविधाओं की मांग भी मंत्री के समक्ष रखी जिसपर मंत्री ने आश्वासन देकर पूरा करने की बात कही।
इससे पूर्व सहायक आयुक्त एंव सेनिक कल्याण बोर्ड के उपनिदेशक शशिपाल नेगी ने स्वागत किया तथा कल्याण बोर्ड द्वारा सैनिकों के कल्याण के लिये प्रदेश सरकार द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं की जानकारी दी।
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के कलाकारों ने देशभक्ति के गीत व रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।
हि.प्र. भाजपा की उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर, मंडलाध्यक्ष दुर्गा सिंह ठाकुर, महामंत्री ठाकुर दास, प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य बाल मुकुंद, पूर्व सैनिक लीग के उपाध्यक्ष जे.सी. कायस्था, सचिव मिन्द्र कुमार, हलाण की प्रधान सीमा, कटराई की प्रधान गीता ठाकुर, जिला परिषद की मीना ठाकुर व देवेन्द्र नेगी, शिव चंद, वर्षा ठाकुर सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक व उनके परिजन समारोह में उपस्थित थे।