कुल्लूबड़ी खबरहिमाचल प्रदेश
मनरेगा मजदूरों को 138 रुपये कम दिहाड़ी दे रही जयराम सरकार -भूपेंद्र सिंह
कहा- ढाई सालों से मनरेगा मजदूरों को वित्तीय लाभ लंबित और आवश्यक सामग्री भी नहीं करवाई मुहैया
मनरेगा मजदूरों को 138 रुपये कम दिहाड़ी दे रही जयराम सरकार -भूपेंद्र सिंह
कहा- ढाई सालों से मनरेगा मजदूरों को वित्तीय लाभ लंबित और आवश्यक सामग्री भी नहीं करवाई मुहैया
मानसून सत्र के पहले दिन प्रदेश भर के खंड विकास अधिकारी कार्यालय के बाहर होंगे धरना प्रदर्शन
कुल्लू
कुल्लू ज़िला मुख्यालय के सीटू ज़िला कार्यालय अशोक भवन में हिमाचल मनरेगा एवं निर्माण मजदूर फेडरेशन का 2 दिवसीय राज्य सम्मेलन का संपन्न हुआ । सम्मेलन के दूसरे दिन राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर सिंह सीटू के राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर और राज्य महासचिव महासचिव प्रेम गौतम ने अपने विचार रखें जिसमें 8 जिलों के एक डेढ़ सौ से पदाधिकारियों ने भाग लिया।हिमाचल मनरेगा एवं निर्माण मजदूर फेडरेशन के राज्य अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सीटू से संबंधित मनरेगा एवं निर्माण मजदूर फेडरेशन संघ के द्वारा दो दिवसीय छटा सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें मुख्यतः मनरेगा मजदूर के के मुद्दे पर चर्चा की गई उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार मनरेगा मजदूरों के साथ भेदभाव कर रही है हिमाचल प्रदेश प्रदेश सरकार की निर्धारित दिहाड़ी ₹350 है लेकिन मनरेगा मजदूरों को ₹212 दिहाड़ी दे रही है जिसमें ₹138 प्रतिदिन का वेतन दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि मनरेगा में 100 दिन की रोजगार गारंटी है ।जिसे हिमाचल प्रदेश सरकार ने 120 दिन रोजगार देने की बात कही है लेकिन मनरेगा में लोगों को सिर्फ 40,50 दिन का ही मजदूरों को रोजगार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी अगस्त माह में मानसून सत्र के पहले दिन प्रदेश भर के सभी वीडियो कार्यालय के बाहर मनरेगा मजदूर धरना प्रदर्शन करेंगे और उसमें मांग करेंगे कि प्रदेश सरकार के द्वारा 120 दिन का जो रोजगार की बात कही है उसमें मजदूरों को 120 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाए उन्होंने कहा कि इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड में मनरेगा मजदूरों को विभिन्न प्रकार की अन्य सुविधाएं मिलती थी जिसमें बच्चों के लिए पढ़ाई छात्रवृत्ति, विवाह शादी के लिए सहायता राशि बीमारी के इलाज के लिए और प्रसूता महिला को वित्तीय सहायता मिलती थी पिछले ढाई वर्ष से सभी वित्तीय लाभ लंबित पड़े हुए हैं उन्होंने कहा कि इसके अलावा मनरेगा में महिलाओं कुछ सामग्री मिलती थी जिसमें वॉशिंग मशीन, सोलर लैंप इंडक्शन हिटर मिलता था लेकिन जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार आई है इस तरह के सभी समग्री भी मजदूरों को नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार और राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड से मांग है कि इन सभी वित्तीय सहायता और सामग्री सहायता को मजदूरों को जल्द मुहैया करवाए उन्होंने कहा कि पनबिजली परियोजनाएं, पावर प्रोजेक्ट, राष्ट्रीय उच्च मार्ग निर्माण मजदूर और बीआरओ के तहत निर्माण मजदूरों को प्रदेश सरकार न्यूनतम वेतन ओवरटाइम को लेकर भी उल्लंघन की जा रही है जिसको लेकर भी सरकार न्यूनतम वेतन 21 हजार निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा 44 श्रम कानूनों जो मजदूरों के हकों की रक्षा के लिए बने थे उनको केंद्र सरकार बदल रही है उनको चार श्रम संहिता में बड़ी-बड़ी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए कानूनों में बदलाव कर रही है जिसके खिलाफ भी आने वाले समय में देश भर के मजदूर सड़कों पर संघर्ष कर सरकार को श्रम कानूनों के तहत अपने हक हकूक के लिए आंदोलन करेंगे।सम्मेलन में 45 सदस्यीय कमेटी और 13 सदस्यीय सचिवालय का गठन किया गया। इसमें हमीरपुर ज़िला के जोगिंदर कुमार को पुनः राज्य अध्यक्ष, मंडी ज़िला के भूपेंद्र सिंह को महासचिव और शिमला ज़िला के अमित कुमार को कोषाध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा कुल्लू ज़िला के चमनलाल और प्रेम गौतम हमीरपुर के सुरेश राठौर मंडी के गुरदास वर्मा कांगड़ा के रविन्द्र कुमार को राज्य उपाध्यक्ष चुना गया। वहीं शिमला ज़िला के अजय डुलटा,कुलदीप कुमार मंडी के राजेश शर्मा कांगड़ा के केबल कुमार और रविन्द्र कुमार सचिव चुना गया। इसके अलावा कमेटी सदस्य के लिए अर्जुन कुमार, मिलाप चंद, रामचंद, मीना, सुनीता, पवन कुमार, राजेन्द्र कुमार, गोपेन्द्र कुमार, दिनेश काकू, करतार सिंह चौहान, ललित कुमार, रीतू, पूजा, शांता, रविकांत, कशमीर, लाल सिंह, अरुण कुमार, मोहित कुमार, नरेंद्र कुमार, बिक्की, सुनील मेहता, हरदयाल, रणजीत सिंह, बी आर ओ प्रेम सिंह और खेम दास, संतोष, उर्मिला, प्रवीण कुमार, कुर्मी और मीना को चुना गया।