लाखों रुपए की लागत से निर्मित स्वास्थ्य उपकेंद्र शरची में न दवाईयां और न ही स्टाफ
पंचायत शर्ची के गांव शर्ची, जमाला, शलवाड, बाड़ीगाड़, बाड़ासारी और डूघीगाड़ की सैंकड़ों आबादी के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित
न्यूज़ मिशन
तीर्थन बंजार
तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार (परस राम भारती):- जिला कुल्लू उपमंडल बंजार में तीर्थन घाटी की ग्राम पंचायत शर्ची के सैंकडों लोग स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित है। सरकार द्वारा करीब डेढ दशक पहले यहां पर लाखों रुपए खर्च करके ग्राम पंचायत शर्ची के गांव शर्ची, जमाला, शलवाड, बाड़ीगाड़, बाड़ासारी और डूघीगाड़ की सैंकड़ों आबादी के लिए शर्ची गांव में एक स्वास्थ्य उपकेन्द्र भवन का निमार्ण कार्य शुरू किया गया था। उसी समय से शर्ची गांव के एक निजी मकान पर से यह स्वास्थ्य उपकेन्द्र संचालित होता रहा। लेकिन वर्तमान में जमीनी हकीकत यह है कि इस पर भी करीब तीन सालों से से ताला लटका पड़ा है। जिस कारण इस दुर्गम ग्राम पंचायत की आधी आबादी करीब 800 लोगों को स्वास्थ्य सुविधा लेने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
तीर्थन घाटी में शर्ची और जमाला गांव पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केन्द्र बनता जा रहा है लेकिन यहां पर मूलभूत सुविधाओं का काफी अभाव है। यहां के लोगों को अपनी छोटी मोटी बीमारी और प्राथमिक उपचार तक के लिए 20 से 30 किलोमीटर दूर गुशैनी या बंजार पहुचना पड़ रहा है। जिस कारण बीमार व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और शिशुओं का टीकाकरण करने में लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्राम पंचायत शर्ची के पूर्व प्रधान हरी सिंह ठाकुर, स्थानीय निवासी राजेश कुमार, चुन्नू, टेक राम, सोनू, भवानी, कुंज लाल, दिनेश कुमार, कुलदीप नेगी, अमर चन्द, पुने राम और राकेश कुमार आदि का कहना है करीब 15 वर्ष पहले यहां पर स्वास्थ्य उपकेन्द्र भवन का निमार्ण कार्य शुरू हुआ था जो बहुत ही धीमी गति से चला जिसका नतीजा है कि आजतक यह भवन लोगों की सुविधा के लिए चालु नहीं हो सका है। यहां पर ना तो कोई स्टाफ है और न ही कोई मेल या फीमेल हेल्थ वर्कर है। जिस निजी भवन में यह स्वास्थ्य उपकेन्द्र चला था उसमें भी करीब तीन वर्षो से ताले लटके पड़े हैं। पहले यहां पर एक कर्मचारी नियुक्त था लेकिन उसके सेवानिवृत होने के बाद विभाग ने कोई भी सुध नहीं ली है। लोगों का कहना है कि अगर सरकार द्वारा यहां की जनता के लिए लाखों रुपए खर्च करके स्वास्थ्य उपकेंद्र खोला है और भवन का निमार्ण कार्य भी लगभग पूर्ण हो चुका है तो प्रशासन की जिमेवारी बनती है कि इसके लिए स्टॉफ की स्थाई तौर पर नियुक्ति करें और इस भवन को लोगों की सुविधा के लिए चालु किया जाए। शर्ची में लाखों रुपए की लागत से बना यह भवन सफेद हाथी साबित हो रहा है। अपने घर के नजदीक प्राथमिक उपचार जैसी स्वास्थ्य सुविधा न मिलने के कारण यहां के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि शीघ्र ही शर्ची गांव में बने स्वास्थ्य उपकेन्द्र को आम जनता की सेवाओं के लिए बहाल किया जाए वरना लोग धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे।
हालांकि स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार विभागीय अधिकारियों और विधायक सुरेन्द्र शौरी को लिखित और मौखिक तौर पर इस उपकेंद्र को शीघ्र बहाल करने की मांग की जाती रही है लेकिन अभी तक इस पर कोई भी उचित कार्यवाही नहीं हुई है।
उधर बंजार विधानसभा क्षेत्र आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष पूर्ण चन्द ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों के लोग स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहे है। इन्होंने प्रदेश सरकार और विभागीय अधिकारियों से मांग की है कि शर्ची गांव में बने स्वास्थ्य उपकेन्द्र को लोगों की सुविधा के लिए शीघ्र ही सुचारू रूप से खोल दिया जाए ताकि लोगों को समय रहते इसका लाभ मिल सके।