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सरकार ने  4 सालों में हजारों फोरलेन प्रभावित 14 सूत्रीय मांग पर नहीं दिखाई संवेदना- दिनेश सेन

3 माह के भीतर फोरलेन प्रभावितों विस्थपितों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो सरकार भुगतेगी खामियाजा

सरकार ने  4 सालों में हजारों फोरलेन प्रभावित 14 सूत्रीय मांग पर नहीं दिखाई संवेदना- दिनेश सेन

कहा- डंगो और  करैट पर फोरलेन निर्माण कर हो रही बड़ी धांधली  सरकार से की उचित जांच की मांग

3 माह के भीतर फोरलेन प्रभावितों विस्थपितों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो सरकार भुगतेगी खामियाजा

 

एंकर

कुल्लू जिला मुख्यालय ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में फोरलेन संघर्ष समिति ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर विशाल धरना प्रदर्शन किया। फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सेन की अध्यक्षता  में सैंकड़ो फोरलेन प्रभावितों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदेश सरकार से फोरलेन प्रभावितों की विभिन्न समस्याओं के जल्द समाधान की मांग की है।इस दौरान ढालपुर मैदान से उपायुक्त कार्यलय तक रोष रैली निकाल कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन् किया।उपायुक्त के माध्यम से राज्यपाल और प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजकर जल्द भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के हिसाब से उचित मुआवना पुनर्वास पुनरस्थापना कह मांग की है।

फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सेन ने कहाकि फोरलेन संघर्ष समिति ने उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग के माध्यम से 14 सूत्रीय मांग पत्र केंद्र व प्रदेश सरकार को भेजा है।उन्होंने कहाकि भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्राबंधानों के अनुसार उचित मुआवजा पुनर्वास पुनरस्थापना की मांग कर रहे है।उन्होंने कहाकि फोरलेन निर्माण के कारण सैंकड़ो लोगों की जमीनें  व घर नष्ट हुए है उनको  भी उचित मुआवजा  पुनर्वास पुनरस्थापना का प्राबधान किया जाए।उन्होंने कहाकि कानून के मुताविक सरकार संवेदना से लोगों का समाधान किया जाए।उन्होंने कहाकि डंगों पर फोरलेन का निर्माण किया जा रहा है और ऐसे में फोरलेन का निर्माण में गुणबत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। उन्होंने कहाकि घटिया फोरलेन सड़क निर्माण से देश के पैसों का दुरूउपयोग किया जा रहा है।उन्होंने कहाकि फोरलेन निर्माण लगे  जगह जगह घंटिया सामग्री से तैयार डंगे और करैट वाल गिर रहे है। जिससे आए दिन लोगों की जमीनों व घर श्रतिग्रस्त हो रहे है जिससे लोग उजड़ रहे है लेकिन सरकार फोरलेन प्रभावितों को फैक्टर टू चार गुणा मुआवजा और पुनर्वास पुनस्थापना के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा है।उन्होंने कहाकि फोरलेन निर्माण से आने बाले समय में टैफिक बढ़ेगी और लोगों को सड़क क्रॉस करने के लिए रास्ते नहीं रखे गए है ऐसे में फोरलेन के साथ अंडर पास बनाए जाने चाहिए थे लेकिन कोई भी जगह सब वे का निर्माण नहीं किया गया।उन्होंने कहाकि फोरलेन सड़क संघर्ष समिति पिछले 6 बर्षो से अपने हक हकूकों की लड़ाई लड़ रहे है ऐसे में पूर्व व वर्तमान सरकार में फोरलेन प्रभावितों की सुनवाई नहीं हुई । ऐसे में कई बार सरकार से घोषणा पत्र में किए वादे पूरे करने की मांग की लेकिन सरकार की तरफ से कोई संकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है।उन्होंने कहाकि बर्तमान सरकार के समय में कैबिनेट स्तर की 2 कमेटियां बनाई गई लेकिन 4 बर्षो में  हजारों फोरलेन प्रभावितों की मांगों पर गौर नहीं किया।उन्होंने कहाकि सरकार को चेतावनी देते हुए कहाकि फोरलेन प्रभावित विस्थापितों की मांगो पर गौर नहीं किया तो आने बाले विधानसभा चुनावों में खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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