सैंज घाटी के 238 प्रभावित विस्थपितों को 15 सालों से एचपीपीसीएल से नहीं मिला न्याय – राज कुमार
कहा - 5 सालों से सरकार प्रोजेक्ट से कमा रही करोड़ों रूपये प्रभावित विस्थपित का हो रहा शोषण
सैंज संघर्ष समिति ने सरकार को प्रशासन के दिया 15 दिन का अल्टीमेटम नहीं तो होगा घेराव
न्यूज मिशन
कुल्लू
प्रदेश सरकार ने कुल्लू जिला की सैंज घाटी में 100 मेगावाट का पॉवर प्रोजेक्ट स्थापित किया है जहां पर पिछल् 15 सालों से 260 से अधिक प्रभावित विस्थापित ग्रामीण सरकार से न्याय की मांग करे है । ऐसे में सैंकड़ो प्रभावित विस्थापित डेढ दशक से अपने हक की लड़ाई सरकार से लड़ रहे है। कई सरकारें आई कई गई लेकिन 100 मेगावाट एचपीपीसीएम प्रभावित विस्थपितों की समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ जिसमें 6 परिवार भूमिहीन हो गए है और 238 परिवारों की जमीनें चली गई है। ऐसे में पूर्व में सरकार ने सभी प्रभावित विस्थवित परिबारों को प्रोजेक्ट से इनकम की 1 प्रतिशत अवंटित और 1000 दिन का प्रभावित विस्थापित परिवारों को रोजगार,प्रदूषण व 100यूनिट बिजली मुफ्त देने का आश्वासन दिया था लेकिन सरकार की तरफ से 5 सालों से पॉवर प्रोजेक्ट में करोड़ों रूपये इनकम के बाद भी लाभ नहीं दिए। प्रभावित विस्थपितों ने सरकार पर शोषण का आरोप लगाया है। सैंकडो प्रभावित विस्थपितों व सैंज संघर्ष समिति सरकार को 15 दिनों के भीतर समस्याओं का समाधान न करने पर चक्का जाम की चेतावनी दी है।सैंज प्रभावित विस्थापित कल्याण समिति के अध्यक्ष राज कुमार ने कहाकि सैंज घाटी में 100 मेगावाट एचपीपीसीएल 2008 से प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य शुरू हुआ था और इसके बाद बर्ष 2017 से पॉवर प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन शुरू हुआ है।उन्होंने कहाकि इस पॉवर प्रोजेक्ट 238 से अधिक लोग प्रभावित विस्थापित हुए है ।उन्होंने कहाकि इसमें 124 लोग भूमिहीन हुए है जिसमें 6 परिवारों को स्थाई नौकरी देने के लिए एचपीपीसीएल ने कहा था और इसके बाद सभी प्रभावितों को फंसलों के प्रदूषण ,1000 दिन का रोजगार व बिजली उत्पादन 1 प्रतिशत धनराशी प्रभावित परिवारों को देने का आश्वासन दिया था ।उन्होंने कहाकि विस्थापित प्रभावितों का सरकार से आग्रह है कि सरकार जल्द प्रभावित विस्थापितों की समस्या का समाधान नहीं करेगा तो एचपीपीसीएल का घेराव करेंगे। प्रभावित सुमन पालसरा और नरेश ठाकुर ने कहाकि सरकार सैंज घाटी के 100 मेगावाट एचपीपीसीएम पॉन प्रोजेक्ट से 238 प्रभावितों का सरकार शोषण कर रही है और अभी तक प्रभावितों को सरकार ने कुछ भी नहीं दिया है।उन्होंने कहाकि लोगों की जमीनें घरों व फंसलों का नुक्सान हुआ है। सरकार पिछले 5 सालों से प्रोजेक्ट चलाकर बिजली उत्पादन से करोड़ों रूपये का राजस्व कमा रही है लेकिन प्रभावितों को इसका जो लाभ मिलना था वो नहीं दिए जा रहे है जिसको लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर जल्द समस्या के समाधान की मांग की है।उन्होंने कहाकि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो एचपीपीसीएल पॉवर हाऊस का घेराब किया जाएगा।