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भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू घाटी में  छोटी होली पर उड़ा खूब गुलाल

कुल्लू में जगह-जगह टोलियों  में ढोल नगाड़ों के साथ लोगों ने एक दूसरे को रंग लगाकर मनाया होली का त्योहार

13 मार्च को बड़ी होली पर पूरे जिला में धूमधाम के साथ मनाएंगे होली का जश्न
न्यूज मिशन

कुल्लू
भगवान रघुनाथ की नगरी कुल्लू घाटी में छोटी होली पर खूब गुलाल उड़ा कुल्लू जिला में जगह-जगह पर छोटी होली पर तालियां में इकट्ठे होकर लोगों ने पारंपरिक गीत गाकर होली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया। छोटी होली में वैरागी महंतों की टोलियों ने शहर में ढोल-नगाड़ों के साथ धूमधाम से मनाया और एक-दूसरे पर जमकर गुलाल उड़ाया। छोटी होली को कुल्लू शहर में देवता ध्रुव ऋषि का झंडा शहर में लोगों के घर-घर जाकर होली खेलता है। इसके बाद सबसे पहले बैरागी समुदाय के लोगों के साथ गुलाल उड़ाकर होली मनाई जाती है। इसके बाद पूरे ढालपुर कुल्लू का चक्कर लगाया जाता है और सभी घर-घर में दस्तक देकर होली की बधाई दी जाती है और नाच गाना के साथ मंदिर पहुंचते हैं।
स्थानीय निवासी सिद्धार्थ पुरोहित ने भगवान रघुनाथ के आगमन के साथ ही कुल्लू घाटी में पिछले 370 वर्षों से होली की प्राचीन परंपरा का निर्माण किया जाता है उन्होंने कहा कि बैरागी समुदाय के लोगों के द्वारा बसंत उत्सव से ही होली उत्सव की शुरुआत की जाती है उन्होंने  कहा कि होलाष्टक के 8 दिन इस दौरान फाग खड़ी की जाती है। भगवान व यहां के लोगों के लिए शुभ दिन देखा जाता है और कभी भी 7 दिन में कभी भी फाग को खड़ा करना आवश्यक होता है उन्होंने कहा कि आज छोटी होली रघुनाथ की नगरी में मनाई जा रही है आज का मुहूर्त ही था जो फाग को खड़ा करना इसलिए आज इसे खड़ा किया जा रहा है उन्होंने कहा कि कल होली का दहन होगा और रघुनाथ की  रात को मंदिर से निकलेगी। जिसका मुहूर्त 11ः30 का है, फिर उसे दौरान फाग का दहन होगा। उन्होंने कहा कि रघुनाथ फिर बैरागी समुदाय के साथ रात  होली खेलेंगे।
बाईट- सिद्धार्थ पुरोहित स्थानीय निवासी सरवरी कुल्लू

स्थानीय निवासी करुण विराग महंत ने बताया कि पूरे भारतवर्ष में होली का पर्व बड़े हर्ष के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि कुल्लू में होली का प्रचलन है वृंदावन की तर्ज पर मनाया जाता है और वृंदावन की तर्ज पर होली का गायन भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि और कुल्लू के लोग होली को बड़े ही हर्षउल्लास के साथ छोटे से लेकर बड़े मनाते आ रहे हैं और इस बार भी होली बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाई जा रही है।
बाईट-करुण विराग महंत,स्थानीय निवासी को ढालपुर

स्थानीय निवासी अखाड़ा बाजार कल्लू राम सिंह ने कहा कि होली का त्यौहार जिसमें सभी लोग एक दूसरे को रंग लगाकर आपसी समरसता का संदेश देते हैं उन्होंने कहा की खुशी उमंग रंगों का त्योहार होली पर लोग एक दूसरे को रंग लगाकर मन मुटाव भुलाकर गले मिलते हैं। उन्होंने कहा कि मथुरा वृंदावन के बाद देश में सबसे प्राचीन होली कुल्लू जिला में मनाई जाती है जहां पर लोग भगवान रघुनाथ के आगमन के साथ बैरागी समुदाय के लोग पारंपरिक होली गीत गाते हैं और होलाष्टक में 8 दिन भगवान रघुनाथ जी के मंदिर में होली का आयोजन करते हैं।

 

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