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हिमाचल के गरीब किसानों को केंद्र ,प्रदेश सरकार एफसीए में संशोधन कर 5 वीघा भूमि नियमितीकरण करें-डॉक्टर ओंकार शाद

कहा-विधानसभा में कांग्रेस, भाजपा ने संकल्प पत्र से 5 वीघा भूमि नियमितीकरण को लागू करें प्रदेश सरकार

कुल्लू जिला अशोक भवन में हिमाचल किसान सभा ने अधिवेशन में सरकार को  प्रस्ताव किया पारित

11 फरवरी पूरे प्रदेश में  गैर कानूनी रूप बेदखली के खिलाफ प्रशासन को  सौपेंगे मांग पत्र

बजट सत्र में हजारों किसान मुख्यमंत्री को  सौपेंगे 5 वीघा भूमि नियमितीकरण और गांव में 3 विस्वा शहर 2 विस्वा भूमि उपलब्ध करवाने     लिए मांग पत्र

न्यूज मिशन

कुल्लू

कुल्लू जिला मुख्यालय सरवरी स्थित अशोक भवन के सभागार में हिमाचल किसान सभा जिला कुल्लू के अध्यक्ष गोविंद भंडारी की अध्यक्षता में एक दिवसीय अधिवेशन संपन्न हुआ इस अधिवेशन में हिमाचल किसान सभा के राज्य सचिवालय सदस्य डॉक्टर ओंकार सब विशेष रूप से उपस्थित रहे इस अधिवेशन में किसानों बागवानों की विभिन्न समस्या पर विस्तृत चर्चा हुई जिसमें खासकर भूमि से बेदखली रोकने व निमित्तिकरण पर विशेष चर्चा कर हिमाचल किसान सभा ने प्रस्ताव पारित कर प्रदेश सरकार से प्रदेश में हजारों भूमिहीन और आवासहीनों को सरकार गांव में 3 विस्वा और शहर में 2 विस्वा भूमि  देने की मांग की। वही किसानों बागबानो कस कब्जे में 5 वीघा भूमि को नियमितीकरण की भी मांग की।

वीओ- हिमाचल किसान सभा के राज्य सचिवालय सदस्य डॉक्टर ओंकार शाद ने कहा कि कुल्लू जिला में आज संयुक्त किसान सभा और हिमाचल किसान सभा के साथ-साथ सेब उत्पादक संघ ने इस अधिवेशन में गरीब किसानों और भूमिहीन किसानों की बेदखली की जा रही है उन्होंने कहा कि उसे बेदखली के खिलाफ इस अधिवेशन में प्रस्ताव पारित किए हैं उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में खेती के लिए सिर्फ 11% भूमि है और सबसे अधिक 67 प्रतिशत वन भूमि है उन्होंने कहा कि  हिमाचल प्रदेश में 5  लाख 61000 किसान परिवार  है उनमें से 88 प्रतिशत परिवारों के पास जमीन काम है और वह छोटे और सीमांत किसान है उन्होंने कहा कि 46 प्रतिशत किसानों के पास 5 वीघा से कम भूमि है उन्होंने कहा कि लिए किसानों ने अपने गुजर गुजर बसर करने के लिए आसपास  वन भूमि पर अवैध कब्जा किया है उन्होंने कहा कि कम जमीन के चलते हिमाचल प्रदेश की सरकार ने 1968 में नौतोड़ का प्राबधान को बंद किया । उन्होंने कहा कि 25 अक्टूबर 1980 के बाद हमारे देश में वन संरक्षण कानून आया है उसके बाद सरकार ने नौतोड़ देना बंद की उन्होंने कहा की कोशिश की लेकिन सिरे  नहीं चढ़ी उन्होंने कहा कि 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने एक नीति हिमाचल प्रदेश में बनाई कि किसानों के पास 5 बीघा भूमि से लेकर 20 बीघा भूमि को नियमितीकरण करने के लिए। 1 लाख 67 हजार लोगों ने  अर्जियां दी। उसके बाद अगली सरकार ने सभी किसने की बेदखली की उन्होंने कहा कि 2015 हिमाचल किसान सभा ने लड़ाई लड़ी उन्होंने कहा कि विधानसभा ने संकल्प पत्र जारी किया जिसमें कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने कानून पारित किया कि प्रदेश में गरीब किसान को  5 बीघा भूमि जमीन दी जाएगी उसकी कुल जमीन   10 वीघा की जाएगी।उन्होंने कहा कि 2002 की  कानून के तहत पूनम गुप्ता और आदेश आर्य जो कोर्ट गए थे इसका फैसला अभी नहीं आया उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी सरकार को यह बोला था कि उसे जमीन की नियति कारण की जाए पट्टे नहीं दिए जाएं लेकिन किसानों को जमीन उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोर्ट से भी लगातार लोगों के खिलाफ फैसला आ रहा है गरीबों को हटाया जाए उन्होंने कहा कि हम इसके खिलाफ हिमाचल प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि गरीब किसान को कम से कम 5 बीघा भूमि एफसीए के तहत संशोधन कर उसके नाम की जाए। उन्होंने कहा कि जब पिछले साल औद्योगीकरण के लिए अंदानी एफसी का संशोधन हो गया लेकिन कृषि के लिए भी वह संशोधन होना चाहिए आम गरीब किसानों को घर निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करवाई जाए

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