प्रदेशभर के 7 हजार लोकमित्र संचालको की मांगें न्यायसंगत- सुंदर सिंह ठाकुर
कहा-कांग्रेस पार्टी लोकमित्र संचालको की मांगें को प्रमुखता से विधानसभा सत्र में उठाएगी
न्यूज मिशन
कुल्लू
विधायक सदर कुल्लू सुंदर सिंह ठाकुर ने कहाकि प्रदेश सरकार ने लोक मित्र केंद्रों में बेरोजगारों के लिए रोजगार दिया है लेकिन एक पंचायतों में आधा दर्जन से अधिक लोकमित्र केंद्र खोलकर युवाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने कहाकि लोक मित्र संचालकों का एक प्रतिनिधि मंडल् मिला है और इनकी मांगे रखी है और इनकी अधिकतर मांगे न्याय संगत है । जिससे एक पंचायत में 5,6 लोगों को एक ही काम में लगाएगें तो किसका भला होगा ।उन्हानें कहा कि सरकर ने आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोक मित्र केद्र में रोजगार दिया था लेकिन लोक मित्र केद्र को स्थाई रूप ख्लाने के लिए एक पॉलिसी होनी चाहिए थी।उन्होने कहाकि कहते है हॉट में हटड़ी जैसे एक ही जगह पर एक तरह की कई दुकानों की ब्रांचे खुलेगी जिससे ज्यादा दुकानें खुलने से इनको नुक्सान हो रहा है।उन्होंने कहाकि 2008 से प्रदेशभर में लोक मित्र केंद्र खोले गए थे।जिससे इन लोगों को न्याय मिलना चाहिए विधानसभा में कांग्रेस पार्टी इनकी मांग को प्रमुखताए उठाएगें।
लोकमित्र संचालक महासंघ के अध्यक्ष आशिष गौड ने कहाकि प्रदेश सरकार से मांग है कि सीएससी आई हर जगह न दी जाए और उचित मूल्य की सरकारी दुकानों को भी सरकार लोकमित्र केंद्र आईडी न दे। जिससे लोकमित्र केंद्र संचालको को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और सरकार से मांग है कि लोकमित्र केंद्र संचालकों को समय पर मानदेय दिया जाए और भबिष्य में स्थाई पॉलिसी बनाकर लोक मित्र केंद्र संचालकों का भबिष्य सुरक्षित किया जाए ताकि भबिष्य में परिवार के पालन पोषण मे सुविधाए मिले।लोकमित्र संचालक शांता ने कहाकि प्रदेश सरकार ने एक पंचायत में 5,6 लोगों को सीएससी आईडी दी है जिससे लोकमित्र केंद्र संचालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।उन्होंने कहाकि कुल्लू जिला में विधायक सुंदर सिंह ठाकुर को ज्ञापन देकर लोकमित्र संचालकों की समस्या को विधानसभा में उठाने की मांग की।उन्होंने कहाकि हम प्रदेश सरकार से मांग कर रहे है 6500 लोकमित्र संचालकों के लिए पॉलिसी लागू की जाए और मानदेय भी बढ़ाया जाए ताकि भबिष्य में लोकमित्र संचालकों की समस्याओं पर सरकार गौर करें और पंचायतों मे ज्यादा सीएससी आईडी देकर लोकमित्र संचालकों की संख्या बढ़ाकर परेशानी में न डाला जाए गौर रहे कि 2008 में तत्तकालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सरकार ने ग्रामीण स्तर पर लोगों को सरकारी सुविधाए उपलब्ध करवाने के लिए लोकमित्र केंद्र स्थापित किए थे। लेकिन मौजूदा जय राम सरकार ने लोकमित्र केंद्रों की संख्या बढ़ाकर युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा लेकिन पहले से खुले लोकमित्र केंद्र संचालकों के कार्यो पर इसका प्रभाव पड़ा जिससे अब लोकमित्र संचालक प्रदेश सरकारसे स्थाई पॉलिसी तैयार कर लागू करने की मांग कर रहे है।