कुल्लूबड़ी खबरहिमाचल प्रदेश
जनता की सुरक्षा के मध्यनजर राफ्टिंग व पैराग्लाइडिंग उपकरणों की जा रही जांच- अविनाश नेगी
February 19, 2022
35 2 minutes read
न्यूज़ मिशन्
कुल्लू
हिमाचल प्रदेश राफ्टिंग नियम-2005 की धारा-7 के प्रावधानों के अनुसार कुल्लू जिला में कार्य कर रहे रिवर राफ्टर आॅपरेटरों के सभी उपकरणों व दस्तावेजों का रूटीन निरीक्षण किया जा रहा है। यह निरीक्षण डायरेक्टर मांउटनरी संस्थान के अविनाश नेगी के अध्यक्षता में किया जा रहा है। डायरेक्टर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राफ्टिंग नियम-2005 की धारा-7 के प्रावधानों के अनुसार राफ्टिंग के उपकरणों व दस्तावेजों का साल में दो बार निरीक्षण अनिवार्य है और यह निरीक्षण तकनीकी समिति द्वारा किया जाता है। यह 5 दिनों तक राफ्टिंग साईट पर किए जाएगें।
वीओ-पर्यटन विभाग के अधिकारी योगराज ने बताया पिरड़ी में 12 राफ्टिंग आॅपरेटर आए हैं उनमें से जिनकी डाक्यूमेंट्स की जांच सही प्रकार से की जा रही है। जिसमें टेक्निकल कमेटी इसकी जांच कर रही है। उसके बाद ही पता लग पाएगा कितनी राफट पास हुई है और कितनी राफट जो चलाने के काम नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया है कि समय-समय पर इनकी की जांच पड़ताल की जाती है। उन्होंने कहा कि साल में दो बार कमेटी के द्वारा रिवर राफट की जांच पड़ताल की जाती है अगर बीच में भी कोई ऐसी समस्या आती है तो उस दौरान भी इसकी जांच की जा सकती है या फिर औचक निरीक्षण भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि 90 के लगभग ऑपरेटर रजिस्टर्ड है, जिसमें 400 के करीब राफटींग हैं, उन्होंने कहा कि 5 दिनों तक यह जांच पड़ताल की जाएगी। जांच पड़ताल के बाद पता लग पाएगा कि कितने चलने योग्य है उन्होंने कहा कि जिला कुल्लू में 3 रिवर राफ्टिंग साइड है, रायसन से बंदरोल, बबेली से वैष्णो माता मंदिर और तीसरी पिरड़ी से झीडी तक साइड पास है। डायरेक्टर मांउटनरी संस्थान के अविनाश नेगी ने बताया कि आज राफ्टिंग की पासिंग हो रही है, उन्होंने कहा कि रायसन से 12 आपरेटर राफ्टिंग लेकर आए है, जिनकी आज जांच पड़ताल की जा रही है, 12 ऑपरेटर कि आज पूरे डाक्यूमेंट्स की जांच पड़ताल भी की जा रही है, जांच कमेटी में 5 से 7 लोग होते हैं जिसकी रहनुमाई में यह जांच पड़ताल की जा रही है, उन्होंने कहा कि इसमें राफट की क्वालिटी और एक्यूमेंट का निरीक्षण किया जाता है और साल में दो बार कमेटी बैठती है यह मार्च के महीने में अक्टूबर नवंबर के माह में कमेटी के द्वारा राफ्टिंग की जांच पड़ताल की जाती है। उन्होंने कहा कि राफ्टिंग के रखरखाव उनकी जांच की जाती है इसमें देखा जाता है कि राफ्टिंग चलने योग्य है है या नहीं ताकि उन सैलानियोंका नुकसान ना हो जिसके लिए कमेटी की जांच पड़ताल करती है।
कुल्लू
हिमाचल प्रदेश राफ्टिंग नियम-2005 की धारा-7 के प्रावधानों के अनुसार कुल्लू जिला में कार्य कर रहे रिवर राफ्टर आॅपरेटरों के सभी उपकरणों व दस्तावेजों का रूटीन निरीक्षण किया जा रहा है। यह निरीक्षण डायरेक्टर मांउटनरी संस्थान के अविनाश नेगी के अध्यक्षता में किया जा रहा है। डायरेक्टर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राफ्टिंग नियम-2005 की धारा-7 के प्रावधानों के अनुसार राफ्टिंग के उपकरणों व दस्तावेजों का साल में दो बार निरीक्षण अनिवार्य है और यह निरीक्षण तकनीकी समिति द्वारा किया जाता है। यह 5 दिनों तक राफ्टिंग साईट पर किए जाएगें।
वीओ-पर्यटन विभाग के अधिकारी योगराज ने बताया पिरड़ी में 12 राफ्टिंग आॅपरेटर आए हैं उनमें से जिनकी डाक्यूमेंट्स की जांच सही प्रकार से की जा रही है। जिसमें टेक्निकल कमेटी इसकी जांच कर रही है। उसके बाद ही पता लग पाएगा कितनी राफट पास हुई है और कितनी राफट जो चलाने के काम नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया है कि समय-समय पर इनकी की जांच पड़ताल की जाती है। उन्होंने कहा कि साल में दो बार कमेटी के द्वारा रिवर राफट की जांच पड़ताल की जाती है अगर बीच में भी कोई ऐसी समस्या आती है तो उस दौरान भी इसकी जांच की जा सकती है या फिर औचक निरीक्षण भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि 90 के लगभग ऑपरेटर रजिस्टर्ड है, जिसमें 400 के करीब राफटींग हैं, उन्होंने कहा कि 5 दिनों तक यह जांच पड़ताल की जाएगी। जांच पड़ताल के बाद पता लग पाएगा कि कितने चलने योग्य है उन्होंने कहा कि जिला कुल्लू में 3 रिवर राफ्टिंग साइड है, रायसन से बंदरोल, बबेली से वैष्णो माता मंदिर और तीसरी पिरड़ी से झीडी तक साइड पास है। डायरेक्टर मांउटनरी संस्थान के अविनाश नेगी ने बताया कि आज राफ्टिंग की पासिंग हो रही है, उन्होंने कहा कि रायसन से 12 आपरेटर राफ्टिंग लेकर आए है, जिनकी आज जांच पड़ताल की जा रही है, 12 ऑपरेटर कि आज पूरे डाक्यूमेंट्स की जांच पड़ताल भी की जा रही है, जांच कमेटी में 5 से 7 लोग होते हैं जिसकी रहनुमाई में यह जांच पड़ताल की जा रही है, उन्होंने कहा कि इसमें राफट की क्वालिटी और एक्यूमेंट का निरीक्षण किया जाता है और साल में दो बार कमेटी बैठती है यह मार्च के महीने में अक्टूबर नवंबर के माह में कमेटी के द्वारा राफ्टिंग की जांच पड़ताल की जाती है। उन्होंने कहा कि राफ्टिंग के रखरखाव उनकी जांच की जाती है इसमें देखा जाता है कि राफ्टिंग चलने योग्य है है या नहीं ताकि उन सैलानियोंका नुकसान ना हो जिसके लिए कमेटी की जांच पड़ताल करती है।