सीनियर कैप्टन रवीना और डा. करण युवाओं के लिए बने प्रेरणा
दोनों युवा प्रतिभाओं ने छोटी सी उम्र में ही अपने कार्य क्षेत्र का नाम।किया रोशन
सीनियर कैप्टन रवीना और डा. करण युवाओं के लिए बने प्रेरणा
महज छोटी सी उम्र में ही दोनों युवाओं ने अपने अपने कार्य क्षेत्र में चमकाया नाम
मनाली
कहते हैं मेहनत करने वाले की कभी हार नहीं होती और न ही उन्हें नकामियों का सामना करना पड़ता है। इन पंक्तियों को सच कर दिखाया है लाहुल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर की बेटी सीनियर कैप्टन रवीना ठाकुर जो पिछले लंबे समय से बतौर पायलट जहाज उड़ा रही है । रवीना ने जहां महज 17 वर्ष की आयु में अमेरिका के ओकलाहोमा में कर्मशल पायलेट का लाइसेंस हासिल कर हिमाचल व लाहुल स्पीति की बेटियों का विश्व भर में मान बढ़ाया है, वहीं लंडन से भी रवीना ने जहाज को उड़ाने के लिए टाइप रेटिंग की है। रवीना छोटी सी उम्र से आसमान को नाप रही है और पिछले 11 सालों से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय उड़ाने भर रही हैं, जो न केवल देश व हिमाचल प्रदेश के साथ साथ लाहुल स्पीति के लोगों के लिए भी फक्र की बात है। रवीना की कामयाबी का सफर यहीं नहीं थमता उन्होंने कोविड-19 के दौरान भारत सरकार के वंदे भारत मिशन के तहत भरी गई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कमान भी संभाल हिमाचल का गौरव बढ़ाया है जिसके लिए उन्हें भारत सरकार ने एक प्रतिष्ठित पत्र दे सम्मानित भी किया है। सीनियर कैप्टन रवीना ठाकुर ने महज़ छोटी सी उम्र में जहां आसमान में उड़ान भरने के अपने सपने को सच कर डाला था, वही वह देश के उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्होंने एक के बाद एक चार परीक्षाओं को दे जहां अपने कार्य क्षेत्र में तरक्की हासिल कर छोटी सी उम्र में ही सीनियर कैप्टन का रैंक हासिल कर दिया है ,वही प्रदेश व लाहुल स्पीति के युवाओं के लिए वे प्रेरणा भी बनी है । बात अगर उनके जीवन साथी डॉक्टर करण ठाकुर की की जाए तो उन्होंने भी अपने कार्य क्षेत्र में नई बुलंदियों को छुआ है और प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। डॉक्टर करण ठाकुर लद्दाख के रूपशो राजघराने से संबंध रखते हैं और उनके माता के पिता ने जहां लाहौर से पढ़कर महा पंजाब ट्राईबल एडवाइजर काउंसिल के सदस्य के रूप में लंबे समय तक लोगों की सेवा की थी, वही रवीना के दादा निहालचंद ठाकुर भी महा पंजाब ट्राईबल एडवाइजर काउंसिल के सदस्य थे। डॉक्टर करण ठाकुर ने चाइल्ड स्पेशलिस्ट पीडिट्रिशन की परीक्षा में हिमाचल प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल कर अपनी प्रतिभा का जहां लोहा मनवाया है , वही उनके द्वारा अपने क्षेत्र से संबंधित की गई रिसर्च के लेख कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय किताबों में प्रकाशित हो चुके हैं ।यही नहीं हाल ही में दिल्ली के मौलाना आजाद इंस्टिट्यूट में उन्हें बुलाया गया था जहां पर उन्होंनेअपने कार्य क्षेत्र से संबंधित की गई रिसर्च पर आधारित अपने लेखों के बारे में जानकारी दी, वहीं उन्हें उक्त संस्थान द्वारा सम्मानित भी किया गया है। ऐसे में ये दोनों युवा चेहरे वर्तमान समय में प्रदेश के युवाओं के लिए एक नई मिसाल है, वहीं कई युवाओं के लिए यह उनके आदर्श भी बनते दिखाई दे रहे हैं। सीनियर कैप्टन रवीना ठाकुर के पिता रवि ठाकुर का कहना है कि उन्हें फक्र है । अपनी बेटी पर जिसने छोटी सी उम्र में ही अपने सपनों को सच कर दिखा आसमान में उड़ान भर प्रदेश व देश के साथ साथ लाहौल स्पीति का नाम भी पूरे विश्व में रोशन किया है । उन्होंने कहा कि उनके दामाद ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा प्रदेश व देश में मनाया है।