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कुल्लू जिला में 33500 मीट्रिक टन लहसुन की फंसल का हुआ उत्पादन -सुशील शर्मा

कहा-लगघाटी,सैंज घाटी,बंजार, आनी में 1650 हैक्टेयर भूमि हुई थी लहसुन की फंसल की विजाई

फंसल चक्र से खेतों में बरकरार रहती है मिट्टी के उर्वरकता
न्यूज मिशन
कुल्लू
हिमाचल प्रदेश में सिरमौर के बाद लहसुन उत्पादन में दूसरे स्थान पर कुल्लू जिला आता है जहां पर 1650 हेक्टेयर भूमि से अधिक भूमि पर लहसुन का उत्पादन किया गया है इस वर्ष कुल्लू जिला भर में 33 500 में ट्रैक्टर का उत्पादन हुआ है जिससे किसने की आर्थिक की सुदृढ़ हो रही है कुल्लू जिला में अच्छी क्वालिटी का लहसुन की पैदावार होने से देश भर से व्यापारी खरीदारी के लिए कुल्लू पहुंचे हैं जहां पर मंदिरों में किसानों को लहसुन के दाम ₹100 से लेकर 170 रुपए प्रति किलो तक मिल रहे हैं जिससे किसानों के चेहरे खिले हैं

उपनिदेशक कृषि विभाग कुल्लू सुशील शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सिरमौर के बाद कुल्लू जिला लहसुन उत्पादन में दूसरे स्थान पर आता है उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला में 1650 हेक्टेयर भूमि पर लहसुन की खेती का उत्पादन हुआ है। कुल्लू जिला में 33500 मेट्रिक टन लहसुन का उत्पादन हुआ है और इस वर्ष किसानों को लहसुन के दाम भी अच्छे मिल रहे हैं जिसमें 150 से लेकर 165 रुपए प्रति किलो तक मंडियों में लहसुन के दाम मिल रहे हैं उन्होंने कहा कि ज्यादातर बाहरी राज्यों के व्यापारी किसान के खेत से ही लहसुन की फसल की खरीदारी कर रहे हैं उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला में लहसुन उच्च क्वालिटी का पैदा होता है जिससे यहां के लहसुन की डिमांड पूरे देश भर में होती है उन्होंने कहा कि खासकर साउथ इंडिया में लहसुन की डिमांड ज्यादा होती है जहां पर व्यापारी इसका भंडारण करते हैं उनका की कुल्लू जिला में लगघाटी, सैंज घाटी,बंजार, सैंज घाटी , आनी के ऊपरी क्षेत्रों में लहसुन की पैदावार ज्यादा की जाती है । उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि किसान फसल चक्र अपने और लगातार एक ही खेत में लहसुन की खेती न करें उन्होंने कहा की फसल चक्र से जहां कई बीमारियां दूर होती है वही मिट्टी की उर्वरकता भी बरकरार रहती है

-किसान संजीव कुमार ने बताया कि लहसुन का कार्य अलग घाटी में बड़े जोरों शोरों से चला हुआ है उन्होंने कहा कि लहसुन की फसल 9 माह की है उन्होंने कहा कि दूसरी फसल लोग किसान नहीं लग पा रहे क्योंकि कैश क्रॉप और मुनाफा नहीं दे पा रही है उन्होंने कहा कि किसानों को लहसुन की फसल पिछले 5-6 वर्षों से फायदा दे रही है और लोग भी भारी मात्रा में लहसुन की बिजाई कर रहे हैं उन्होंने कहा कि इस बार लहसुन डेढ़ सौ से 170 रुपए तक बिक रहा है जो भी किसान जुड़े हुए हैं लहसुन की खेती से वह इस साल काफी खुश नजर आ रहे हैं उन्होंने कहा कि मुझे भी 15 से 20 साल लहसुन की खेती करते हुए हुए हैं लेकिन आज तक मैं इतना दम नहीं देखा है 120 से ₹130 तक तो लहसुन के दाम मिलते थे लेकिन इस बार एक डेढ़ सौ से लेकर 17075 तक लहसुन के दाम मिल रहे हैं और इससे किसान काफी संतुष्ट है और कुछ भी है उन्होंने कहा कि लहसुन की बिजाई सितंबर अक्टूबर माह में होती है और इसे मैं जून में निकाला जाता है और इस पर काफी खर्चा भी हो रहा है खाद स्प्रे हो रही है बीमारी के चलते इन्हें उसे किया जाता है और साथ में बिहारी डर भी लगाने पड़ते हैं और उसे पर भी खर्च अधिक हो रहा है किसान खुश है कि उन्हें लहसुन के अच्छे दाम मिल रहे हैं और किसानों को यह दाम मिलने भी चाहिए क्योंकि यह बहुत लंबी फसल है उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उससे मांग रहेगी कि उन्हें इसका मिनिमम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए जो किसानों का लागत मूल्य है वह उन्हें मिलना चाहिए ताकि जो किसान है अंधता है वह अन पैदा करें ऐसा ना हो कि वह सुसाइड कर रहे हैं या फिर खेती-बाड़ी करना ना छोड़े कि उन्हें उचित अपनी फसलों का दम नहीं मिल रहा है सरकार से यही आशा रहेगी किसानों को कोई भी फसल हो उचित दम मिले जिस किसान बंद डाटा खुश रहे और वह खेती-बाड़ी से जुड़े रहे उन्होंने कहा कि कुछ किसानों ने को फसल के अच्छे दाम न मिलने पर उन्होंने खेती का कार्य छोड़ दिया था और ऐसे में खेतों में कई प्रकार की बीमारियां भी लग रही है जिससे कि लोगों की फसल पूरी तरह से खराब हो रही है स्प्रे करने के बावजूद भी उसमें कोई सुधार नहीं हो रहा है लोग लोगों ने पिछले कुछ एक दो सालों में लहसुन की खेती करना बंद कर दिया था उन्होंने कहा कि सरकार ने अब बाहर से लहसुन आयात करना बंद कर दिया है और भारत में भी खेती लहसुन की काम हो गई है और इस बार लहसुन का उत्पादन बहुत कम हुआ है और इसकी मांग बहुत अधिक है जिस कारण से यह दाम काफी उछाल मार रहा है और किसानों को आशा है कि इसका दाम ₹200 तक पहुंच जाएगा जो कि किसानों के लिए बहुत बड़ी राहत भरी खबर है
उन्होंने कहा कि पिछले चार-पांच सालों से किसानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं और किस ज्यादा से ज्यादा इससे जुड़ रहे हैं और पिछले और पिछले कई सालों से जो किसान लहसुन की खेती नहीं कर रहे हैं बच्चे अब खेती करना शुरू कर करेंगे और ज्यादा से ज्यादा उत्पादन इस अलग घाटी में होगा
महिला किसान शकुंतला देवी ने बताया कि इस बार किसान बहुत खुश है फसल के हिसाब से किसानों को बहुत अच्छे दाम मिल रहे हैं और किस खुशी से झूम रहे हैं उन्होंने कहा कि यह 9 माह की फसल होती है और इसमें बहुत अधिक मेहनत भी लगती है उन्होंने कहा कि फिर भी इसके दाम अच्छे नहीं मिलते थे लेकिन इस बार अच्छे दाम मिल रहे हैं मेहनत के हिसाब से किसानों को इसके बढ़िया दाम मिल रहे हैं उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खातों के दामों पर अंकुश लगाए ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान खेती कर सके और अपने अपने परिवार का जीवन निर्वाह कर सके
किसान डाबे राम ने बताया कि इस बार किसानों को लहसुन के बढ़िया दाम मिल रहे हैं और किसान खुश है और व्यापारी भी लहसुन की फसल को खरीदने के लिए घर द्वार पहुंच रहे हैं और किसानों को घर द्वार ही लहसुन के बढ़िया दाम मिल रहे हैं जिससे किसान खुश नजर आ रहा है उन्होंने कहा कि किसानों को उसकी फसल के अनुसार ही उसके दाम उपलब्ध मिल रहे हैं उन्होंने कहा कि इस बार फसल भी अच्छी हुई उन्होंने कहा कि पहले फसल किन्हीं कर्म से खराब हुई थी लेकिन यह व्यक्ति के द्वारा फसल में बीमारी को का हल किया और फसल उसके बाद बहुत अच्छी हुई, उन्होंने कहा कि किसान इस लहसुन की फसल पर निर्भर है और साथ में किसान टमाटर गोभी प्याज बैंगन की आधी फसने लग रहे हैं लेकिन खाद का मूल्य आसमान छू रही है ऐसे में सरकार केंद्र सरकार को किसानों के बारे में सोचना होगा और किसानों को सस्ते दामों में खाद उपलब्ध करवाई
व्यापारी सुरेश कुमार ने बताया कि किसानों को इस बार लहसुन के दम बढ़िया मिल रहे हैं उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि इस बार बहुत कम लहसुन की पैदावार हुई है इस कारण से आगे ज्यादा डिमांड होते हुए और लोगों के राशन बहुत तेजी से बिक रहा है और उसे उचित दाम भी उपलब्ध हो रहे हैं उन्होंने कहा कि किसानों को इस बार लहसुन के डेढ़ सौ से लेकर 170 रुपए तक दम मिल रहे हैं उन्होंने कहा कि जिला कुल्लू में डेढ़ सौ से 20000 के करीब एलजी गाड़ियां यहां से निकलती है उन्होंने कहा कि इस बार बाहरी राज्यों में लहसुन की कम पैदावार हुई है जिसकी वजह से लहसुन के दाम अच्छे मिल रहे हैं उन्होंने कहा कि लहसुन का बीज किसानों को 100 पैसे लेकर 130 रुपए तक दिया जा रहा है और यह बी जम्मू से आता है उन्होंने कहा कि अब 80% लहसुन की खत्म हो चुका है इसके बाद किसानों को अब डेढ़ सौ से लेकर 200 तक का बीज उपलब्ध मिलेगा जैसे-जैसे लहसुन खत्म हो जाएगा वैसे ही किसानों को उनके बीच भी महंगे दामों पर मिलेंगे और मांग बनने के कारण यह लहसुन का बीज 200 के पर भी हो सकता है
किसान मेहरचंद ने बताया कि 9 माह की फसल है पिछले साल की अपेक्षा इस साल लहसुन के दाम अच्छे मिल रहे हैं लहसुन का दाम इन दोनों व्यापारी 100 से लेकर 180 रुपए तक खरीद रहे हैं उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि कई किसानों ने अपनी फसल बीच विधि है लेकिन कुछ किसानों के पास अभी लहसुन की कांड चटाई में लगे हुए हैं और व्यापारी भी पहुंच रहे हैं और उन्हें घर बैठे ही उनका उचित मूल्य मिल रहा है उन्होंने कहा कि लहसुन की पैदावार इस बार कम हुई है और दामों में भारी उछाल हुआ है, उन्होंने कहा कि 9 माह की फसल में किसानों की मेहनत दवाई को देखते हुए यह दम भी काम है और किसने की मेहनत भी नहीं निकलती है और बिहारी भी नहीं बन पाती है और किसानों को खाद के दामों में सब्सिडी भी मिलनी चाहिए और किसानों को समय पर खाद भी उपलब्ध हो और साथ में बीज को भी उपलब्ध करवाया जाए जिससे किसानों को समस्या का सामना न करना पड़े।

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