अटल टनल रोहतांग वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में हुई दर्ज
पीरपंजाल की पहाड़ी में रोहतांग दर्रे के नीचे 9 .02 किलोमीटर बनी टनल लगा एक औऱ तमगा
अटल टनल रोहतांग वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में हुई दर्ज
न्यूज़ मिशन
मनाली
दुनियां की सबसे ऊंची 10 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर बनी रोहतांग अटल टनल लंदन में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो गई हैं।सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने पुरस्कार प्राप्त किया है।अटल टनल रोहतांग दृष्टि से महत्वपूर्ण लाहौल-स्पीति तथा लद्दाख को देश दुनिया से जोड़ने वाला अटल टनल रोहतांग का नाम लंदन स्थित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। समुद्र तल से 10044 फीट की ऊंचाई पर गुजरने वाली अटल टनल को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड ने आधिकारिक तौर पर दुनिया की सबसे लंबी यातायात टनल होने पर यह तमगा दिया। हिमालय की पीरपंजाल की पहाड़ी के नीचे रोहतांग दर्रे के नीचे 9.02 किलोमीटर टनल का निर्माण किया है। इस टनल को 10 साल की अवधि में सीमा सड़क संगठन ने तैयार किया है। भारतीय और ऑस्ट्रिया कंपनी स्ट्रॉबेग और एफकॉन ने भी टनल निर्माण में सहयोग किया।
टनल निर्माण की घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2002 में जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के मुख्यालय केलांग में की थी। उस दौरान टनल की लागत करीब 1500 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन टनल के निर्माण पर 3600 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अटल टनल बनने के बाद मनाली से चीन सीमा से सटे लेह की दूरी करीब 45 किमी घट गई। वहीं इस रूट का सफर कम से कम पांच घंटे कम हो गया है। इसके साथ सर्दी के मौसम में बर्फबारी से बंद होने वाला जनजातीय क्षेत्र लाहौल सालभर देश दुनिया से जुड़ गया है। गौर रहे कि 3 अक्तूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल टनल रोहतांग का उद्घाटन कर देश को समर्पित की रही। उसके बाद से अटल टनल रोहतांग देशभर के पर्यटकों की पहली पसंद बनी है और 10 लाख से अधिक पर्यटकों ने टनल का दीदार किया है।