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31 मार्च तक भांग की पॉलिसी हो लागू -सुंदर सिंह ठाकुर
कहा-भांग की खेती से किसानों,बागवानों की आय होगी सुदृढ़
न्यूज मिशन
कुल्लू
उत्तराखंड की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश सरकार भांग की खेती को लेकर पॉलिसी तैयार कर रही है ऐसे में हिमाचल प्रदेश में बीते 1 साल से सरकार भांग की खेती के औषधीय और इंडस्ट्रियल पहलुओं पर अध्ययन कर रही है जिसके लिए सरकार की तरफ से विधानसभा की कमेटी का गठन किया गया है जिसमें राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में पक्ष विपक्ष के विधायक भांग की खेती को लेकर उत्तराखंड मैं हो रही भांग की खेती और उसे फार्मा उद्योग और इंडस्ट्रियल कंपनियां में कमेटी ने अध्ययन किया है इसके बाद पूरे प्रदेश भर के सभी जिलों में पंचायत प्रतिनिधियों और आम जनता के साथ भांग की खेती को लेकर चर्चा की गई है ऐसे में सरकार भांग की खेती को लेकर जल्द पॉलिसी लागू करने की बात कह रही है।
सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि उत्तराखंड में भांग के औषधीय पौधे से विभिन्न तरह के दवाइयां के साथ-साथ कई तरह के उत्पाद तैयार किया जा रहे हैं उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में लाइसेंस के साथ भांग की खेती की जा रही है उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भंग को दवाइयां के इस्तेमाल और इंडस्ट्रियल इस्तेमाल के लिए पॉलिसी बना रही है जिस पर सरकार कार्य कर रही है उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जब भांग की खेती को लेकर पॉलिसी लाएगी उसमें फार्मास्यूटिकल और कपड़ा उद्योग के लिए बहुत बड़ा परिवर्तन आने वाला है उन्होंने कहा कि किसने बागबानो की आय बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा उन्होंने कहा कि 31 मार्च से पहले यह पॉलिसी प्रदेश में लागू हो जिससे मार्च महीने के बाद इसकी बिजाई का समय होता है ऐसे में लाइसेंस के साथ प्रदेश भांग की खेती की जाएगी। उसे प्रदेश के आर्थिक ढांचे का सुदृढ़ होगा।
गौर रहे की भांग की खेती से जहां उत्तराखंड की सरकार को राज्यसभा प्राप्त हो रहा है वहीं फार्मा उद्योग के साथ-साथ इंडस्ट्रियल कंपनियां को भी इसका फायदा मिल रहा है ऐसे में हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती वैध होने से जहां किसने बागवानों की आर्थिक सुधार होगी वही प्रदेश सरकार की भी राजस्व में बढ़ोतरी होगी और ऐसे में हिमाचल प्रदेश पर 75000 से अधिक का जो ऋण है उसको चुकाने के लिए भी कारगर साबित होगी।