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पनारसा ब्रिज बंद होने से 7 पंचायतों के हजारों लोग परेशान
2015 से नए पुल बनाने के लिए 3 करोड़ 89 लाख से स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने किया शिलान्यास
सर्ज गोरसी कंसट्रक्शन प्राईवेट लिमिटिड टकोली ने 7 वर्षों के बाद भी पुल का निर्माण कार्य अधूरा
पुल पर आवाजाही बंद होने से हजारों ग्रामीणों को सब्जी मंडी उत्पाद बचाने के लिए हो रही भारी परेशानी
न्यूज़ मिशन
कुल्लू
मंडी जिला के पनारसा में व्यास नदी पर बना ब्रिज क्षतिग्रस्त होने से 7 पंचायतों के हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।ऐसे में 13 मई 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह ने 3 करोड 89 लाख रुपए की लागत से नए पुल निर्माण के लिए शिलान्यास किया था । जिसके बाद 2018 में यह पुल बनकर तैयार होना था लेकिन 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी पुल का निर्माण नहीं हुआ जिसके बाद अब स्थानीय लोगों को क्षतिग्रस्त बैली ब्रिज बंद होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस पुल निर्माण का कार्य मैसर्ज गोरसी कंसट्रक्शन प्राईवेट लिमिटिड टकोली निकासी ठेकेदार राजेश राव ने इस पुल का काम दिया था जिसके बाद 7 सालों में पुल का 10 प्रतिशत कार्य भी नहीं हुआ। ऐसे में अब लोगों को नया पुल निर्माण होने से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में स्थानीय लोगों की मानें तो इस पुल के बंद होने से हजारों किसानों को अपने उत्पाद सब्जी मंडी पहुंचाने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और आम जनता ने सरकार प्रशासन से जल्द क्षतिग्रस्त बैली ब्रिज को दुरुस्त करने की मांग की है।। पनारसा बेली ब्रिज बंद होने से। दलशणी, रोट, संचाणी,जेष्टा, भलाण-1 और भलाणा 2 श्याह दियार के हजारों लोगों को भारी समस्याओं के सामाना करना पड़ रहा है।दलशणी पंचायत के प्रधान कुबेर सिंह ,बीडीसी सदस्य पार्वती देवी,रूप देई सचाणी स्थानीय निवासी केहर सिंह मेहर सिंह एल्बम किमी राम चमन शर्मा धर्मेंद्र शर्मा कृष्ण लाल महावीर जय ललिता शर्मा महावीर विपिन बबलू ने कहा कि बीती देर रात लोक निर्माण विभाग के द्वारा इस पुल पर मलबा और पत्थर फेंक कर फुल की आवाजाही को को बंद किया गया है ।। जिससे किसानों को टिकुली सब्जी मंडी में उत्पाद पहुंचाने के लिए भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जल्द इस पुल को दुरुस्त कर बाहर किया जाए ताकि ग्रामीणों को आवाजाही के लिए सुविधा मिल सके। उधर लोक निर्माण विभाग मैकेनिकल विंग के एक्सईन जीएल ठाकुर ने कहा कि पनारसा पुल को रिपेयरिंग की जरूरत है जिसको देखते हुए 2 सप्ताह का समय लोहे की प्लेटों को बदलने के लिए लगेगा उन्होंने कहा कि यह पुल पैदल आवाजाही के लिए है ऐसे में वर्ष 1983 में इस पुल का निर्माण किया गया है इस पुल पर मालवाहक वाहन जीप और ट्रैक्टर चलाना संभव नहीं है ।। ऐसे में कभी भी। मालवाहक वाहनों से अनहोनी जान माल का नुकसान हो सकता है उन्होंने कहा कि इस पुल क्षमता को देखते हुए हल्के वाहन ग्रामीण चलाए। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की है कि रिपेयरिंग के कार्य के लिए जनता सहयोग करें और उसके बाद इस पुल पर आवाजाही के लिए भी आम जनता सहयोग करें ताकि पैदल सफर करने बाली आम जनता और स्कूली छात्रों को आने जाने के लिए कोई समस्या का सामना ना करना पड़ सके।