कारोबारकुल्लूदेश विदेशबड़ी खबरहिमाचल प्रदेश

भांग के पौधे से तैयार होते है 2 हजार से अधिक उत्पाद – सृजन शर्मा

कहा- भांग की खेती लीगल होने से प्रदेश के युवाओं को मिलेगा  स्वरोजगार होगी आर्थिकी सदृड़ 

भांग से बने उत्पादों की दुनियांभर में भारी डिमांड
भांग की खेती वैध होने से हजारों करोड़ रूपये का आएगा  निवेश
न्यूज मिशन

कुल्लू
हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा उतराखंड की तर्ज पर भांग की पॉलिसी बनाने का प्र्यास किया जा रहा है जिससे भबिष्य में भांग की खेती लीगल होने से प्रदेश के लोगों को आय का एक नया स्त्रोत पैदा होगा जिससे हिमाचल के लोगों की आर्थिकी सदृड़ होगी और सरकार के खजाने को लाभ मिलेगा।पूरी दुनियां में भांग के पौधे से कई देशों में हजारों प्रकार के उत्पाद तैयार किए जा रहे है।यूरोपिय देशों की आर्थिकी भांग के पौधों विभिन्न प्रकार की जीवनरक्षक दवाईया और रोजमर्रा की हजारों तरह की वस्तुए तैयार कर दुनियां के कई देशों में निर्यात कर आर्थिक समृधि  हो रही है ऐसे में हिमाचल सरकार भी भांग की खेती के लीगल करने के लिए विधानसभा की सर्वदलिय कमेटी के द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों और लोगों के सुझाब लिए जा रहे है।ऐसे में हिमाचल प्रदेश में भी भांग के पौधे से विभिन्न तरह के उत्पाद तैयार करने बाली कंपनियों की नजरें भी सरकार पर टिकी हुई है जिससे आने बाले समय में हिमाचल में हजारों करोड़ रूपये कर निवेश होगा।जिससे प्रदेश के लोगों की आर्थिकी और सरकार की आय में भी बढ़ौतरी होगी

वीओ-धर्मशाला के रोहित चौहान ने बताया कि यूरोप में भांग से विभिन्न तरह के उत्पाद को तैयार करने के लिए पढ़ाई की है ।उन्होंने कहाकि आयुर्वेदा विभाग से लाईसेंस लेकर कांगड़ा के फतहेपुर में इनकेयर नाम से फैक्टरी लगाई है जहां पर दर्द का तेल और बाम बना रहे है बॉडी में किसी भी तरह की दर्द को ठीक करता है और हेंप सीड से वीपी डायविटीज,कॉलस्ट्रोल जैसी बीमारियां को ठीक करता है इसके इलावा कैनाविस एस्ट्रैक्ट ऑयज से एनजाईटी,सिलिपिंग डिसऑर्डर,कैंसर की बीमारिेयों को ठीक करता है।उन्होंने कहाकि एलोपेथी में इन सभी बीमारियां का ईलाज नहीं है ऐसे में आयुर्वेदा में इन सभी बीमारियों का भांग के पौधे से विभिन्न दवाईयों से बीमारियां जड़ से खत्म होती है।उन्होंने कहाकि भांग के पौधे में 200 से अधिक कंपाऊड  है ऐसे में एक कंपाऊड टीएससी जिसमें नशा है लेकिन लिमिटड तरीके से डाक्टर की सलाह पर उसकाे यूज करने से कैंसर जैसी बीमारियों को ठीक करता है।उन्होंने कहाकि हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लीगल होने से कंपनियों को रो मैटेरियल मिलेगा जिससे प्रोडेक्टस सस्ते होंगे और ग्रामीण क्षेत्राें के लोग भी उपयोग कर पाएगें।उन्होंने कहाकि हिमाचल में भांग की खेती लीगल होने से आने बाले 5 बर्षो में 10 हजार करोड़ रूपये की इंवेस्टमेंट आएगी और हिमाचल के लोगों की आर्थिकी सदृड़ होगी।
धर्मशाला के व्यवसायी सृजन शर्मा ने कहाकि ऑनलाईन  वैवसाइड के द्वारा 2000 से ज्यादा प्रोडेक्ट सेल करते  है जिसमें  दवाईंया ,कपड़े खाने की आईटम,रोजमर्रा के जीवन में लोग जो भी वस्तुए उपयोग करते है।वो सभी वस्तुए भांग के पौधे से तैयार होती  है।उन्होंने कहाकि देशभर में डेढ सौ से अधिक कंपनियां के द्वारा भांग से विभिन्न प्रकार के प्रोेेडेक्टस तैयार किए जा रहे है।उन्होंने कहाकि उतराखंड सरकार ने भांग की खेती की पॉलिसी के तहत  लोगों की आर्थिकी सदृड़ हो रही है ऐसे में हिमाचल प्रदेश की सरकार भांग की खेती को लीगल करती है तो हिमाचल के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलेगें और यहां के लोग भांग की खेती के साथ फैक्टरियां लगाकर आर्थिकी सदृड़ हो सकती है।उन्होंने कहाकि  हिमाचल में भांग की खेती लीगल होने से आय का एक नया साधन बन सकता है जिससे सरकार और लोगों की आय में बढ़़ौतरी हो सकती है।उन्होंने कहाकि भांग की खेती से विभिन्न प्रकार की जीवनरक्षक दवाईयाां बनती है जिसमें पेट दर्द की दवाई डायविटीज की दवाई कैंसर की दवाई ,भांग से विभिन्न प्रकार के खाने की चीजें बनती है जिससे न्यूट्रेशन से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और कपड़े जूते व अन्य तरह के कई उत्पाद तैयार होते है।उन्होंने कहाकि भांग के पौधे से 15 से 20 हजार प्रोडेक्टस बन सकते है।
गुजरात की सोनम ने बताया कि  हिमाचल में विश्व का सबसे पहला सेनेटरी पैड बनाया हुआ है यह सेनेटरी पैड हिमालयन हेंप इंडस्ट्री डमटाल के द्वारा बनाया गया है यह सेनेटरी पैड बेहद सुरक्षित है, महिलाओं को भी बीमारियों से सुरक्षित रखता है।उन्होने बताया कि देश है भांग से 200 के लगभग उत्पाद को तैयार कर रहे हैं इसके अलावा कॉटेज जो भूकंप प्रतिरोधी है, सर्दियों में गर्म, गर्मियों में ठंडा, आग नहीं लगती है।उन्होंने कहाकि विभिन्न प्रकार के  अलग-अलग डिजाइन कपड़े  तैयार किया है इसके साथ पेपर मेटीरियल, विजिटिंग कार्ड, कॉस्मेटिक शैंपू मुंहासे के लिए ऑयली स्किन हेयर ऑल आदि भांग से तैयार हो रहे हैं। भविष्य में बच्चों के डायपर, जैकेट तैयार किए जाएंगे, इसके साथ हेंप सीड ऑयल हेंप सीड प्रोटीन पाउडर, भांग से कपड़े भी तैयार किय जा रहा है। इसके कंपनी का भारत सरकार ने नेशनल स्टार्टअप अवार्ड दिया है और यह हिमाचल के एकमात्र हेल्प कंपनी है जिसे यह अवार्ड मिला है।उप्होंने कहाकि कंपनी अभी उतराखंड से रो मैटेरियल मगवाया जा  रहा है ऐसे में हिमाचल में लीगल पॉलिसी बनने से रो मैटेरियल यहीं पर मिल सकता है।जिससे उत्पाद भी सस्ता होगा।जिससे यहां की महिलाओं को आय का स्त्रोेत बनेगा और यहां के लोगों की आर्थिकी सदृड़ होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Trending Now