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स्वर्गीय लाल चंद प्रार्थी महान राजनीतिज्ञ, लेखक, साहित्यकार, कला व पर्यावरण प्रेमी  रहे-ओशिन शर्मा

कहा- 3 अप्रैल 1916 को जन्में स्वर्गीय लाल चंद का हिमाचल की लोक संस्कृति के संरक्षण में अविस्मरणीय योगदान

ऐतिहासिक प्रदर्शनी मैदान में मोहिनी के वृक्ष के मंच पर धूमधाम के साथ मनाई स्वर्गीय लाल चंद प्रार्थी के 17 वी जयंती 
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू जिला मुख्यालय ऐतिहासिक ढालपुर प्रदर्शनी मैदान में पूर्व मंत्री शेरे कुल्लू के नाम से विख्यात  स्वर्गीय लाल चंद प्रार्थी की 107 वीं जयंती  हर्षोल्लास के साथ मनाई गई इस मौके  खंड विकास अधिकारी नगर आशीष शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की इस मौके पर कुल्लू जिला ब्राह्मण जन कल्याण सभा के पदाधिकारियों ने ओशिन शर्मा को गुलदस्ते भेंटकर भव्य स्वागत किया इस दौरान कुल्लू जिला ब्राह्मण जनसभा के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन गौतम और जिला अध्यक्ष देवराज शर्मा ने ओशिन शर्मा को कुल्लवी टोपी बैठकर भव्य स्वागत किया। इस तुरंत कई वक्ताओं ने स्वर्गीय लालचंद प्रार्थी की जीवनी पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत जनता का खूब मनोरंजन।
 खंड विकास अधिकारी नगर कुल्लू ओशिन शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण जन कल्याण सभा के द्वारा पूर्व मंत्री लाल चंद प्रार्थी की 107 वी जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है उन्होंने कहा कि लाल चंद प्रार्थी की जयंती पर हम सब उन्हें याद कर रहे हैं उन्होंने कहा कि लाल चंद प्रार्थी का जन्म 3 अप्रैल 1916 को हुआ था देव भूमि कुल्लू की खुशकिस्मती है कि लाल चंद प्रार्थी जैसा महान राजनीतिज्ञ साहित्यकार लेखक कुल्लू को मिला। उन्होंने कहा कि लाल चंद प्रार्थी ने संस्कृति को आगे बढ़ाने और पर्यावरण को बचाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनके समय में हिमाचल की लोक संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए महिलाओं को मंच प्रदान किया गया उसी का नतीजा है कि आज कुल भी लोकनत्य पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।।
 कुल्लू जिला ब्राह्मण जन कल्याण सभा के जिला अध्यक्ष देवराज शर्मा ने कहा कि लाल चंद प्रार्थी का जन्म 3 अप्रैल 1916 ईस्वी को हुआ उन्होंने कहा कि हिमाचल की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए उनके द्वारा महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं और वह भाषा एवं संस्कृति विभाग में मंत्री भी रहे हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है उन्होंने कहा कि लाल चंद प्रार्थी की अनेक समितियां है उन्होंने कहा कि उस वक्त कुल्लू से पंजाब जाने के लिए पठानकोट होकर जाना पड़ता था कुल्लू जिला पंजाब में सम्मिलित था उस वक्त पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों हुआ करते थे उस वक्त लाल चंद प्रार्थी तेजतर्रार निर्भीक नेता थे। उन्होंने कहा कि उस समय जब  लाल चंद प्रार्थी 9 बार मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरो से मिलने पंजाब गए तो वहां के स्थानीय जो नेता वह लाल चंद प्रार्थी को प्रताप सिंह कैरों से मिलने नहीं देते थे उस वक्त जब दसवीं बाद लाल चंद प्रार्थी पंजाब पहुंचे तो उस वक्त उन्होंने जबरदस्ती मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों से मिलकर कुल्लू जिला के विभिन्न मसलों को लेकर चर्चा की उन्होंने कहा कि लालचंद प्रार्थी का कला के क्षेत्र में रुचि थी उस समय भाषा एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से अपने हिमाचल की लोक संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए महत्वपूर्ण काम किए उन्होंने कहा कि ऐसे में उनके समय कुल्लू में लाल चंद प्रार्थी कला केंद्र का निर्माण हुआ जहां पर महिलाओं को मंच प्रदान कर कुल भी लोकनृत्य संरक्षण संवर्धन किया। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय लाल चंद प्रार्थी ने 15 अगस्त 1947 को आजादी के उपलक्ष पर ऐतिहासिक ढालपुर प्रदर्शनी मैदान में मोहिनी का पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया था उन्होंने कहा कि बंजार के विधायक दिलाराम शबाब ने पूरी रात पेड़ की रक्षा की थी। उन्होंने कहा कि यह पेड़ आजादी की याद दिलाता है और हर वर्ष कुल्लू जिला जन कल्याण सभा के द्वारा स्वर्गीय लालचंद प्रार्थी की जयंती पर पूजा अर्चना व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन करता है।

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