बंजार विधानसभा में कांग्रेस नेताओं में सियासी जंग हुई तेज
गुटबंदी और खींचतान से दूर रहे पूर्व मंत्री खीमी
न्यूज़ मिशन
कुल्लू
भुंतर, 11 सितंबर l बंजार विधानसभा क्षेत्र में इस बर्ष के अंत तक होने वाले विस चुनावों की आहट से व्यार हावी होने लगी है। पार्टी समर्थित नेताओं ने एक दूसरे से सशक्त होने की हामी भरते हुए शक्ति प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में रविवार को बंजार कांग्रेस के दो नेताओं ने कांग्रेस पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी के सामने जनशक्ति प्रदर्शन किया। किंतु हैरानी वाली बात यह रही कि हाल ही में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पंडित खीमी राम इन नेताओं की गुटबाजी और खींचतान से दूर रहे।
बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री खीमी राम इन दिनों प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने को प्रयासरत है तथा भाजपा नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों के दौरे पर हैं। जबकि कांग्रेस के प्रदेश सचिव आदित्य विक्रम सिंह और बंजार कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दुष्यंत ठाकुर ने अपने अपने समर्थकों के साथ स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि टिकट के लिए मौजूदा नेता भीड़ जुटाकर पर्यवेक्षकों के सामने शक्ति प्रदर्शन में जुटे हैं। नेताओं ने टिकट के मामले को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं को भी बांट कर रख दिया है, ऐसे में संगठनात्मक गतिविधियां पीछे चली गई है जबकि नेता एक दूसरे की खुलकर काट करने लगे हैं।
शक्ति प्रदर्शन ने तो नेताओं में आपसी दुश्मनी पैदा कर दी है। टिकट के चक्कर में कार्यकर्ताओं का सहारा लेकर टिकट का मसला उठा रहे हैं। जबकि कांग्रेस नेता पंडित खीमी राम गुटबाजी से दूर प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने में लगे हैं। उन्होंने दूरभाष पर बताया कि बंजार क्षेत्र का प्रत्येक कार्यकर्ता उनके लिए सम्माननीय है। टिकट मांगना सबका अधिकार है, लेकिन बे इस वक्त जिला से बाहर है और विधानसभा चुनावों में पार्टी के हाथ को मजबूत करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में कुल्लू जिला की चारों सीटें कांग्रेस की झोली में जाएगी तथा कांग्रेस पार्टी प्रदेश की तीन चौथाई सीटें जीत कर सरकार बनाएगी।
उन्होंने कहा कि उन्हें तसल्ली है कि वे कांग्रेस के लिए कुर्बान हो गए हैं। पूर्व मंत्री खीमी राम ने कहा कि बे गुटबाजी से दूर रहकर कांग्रेस पार्टी में समर्पित बनकर काम कर रहे हैं। वहरहाल अब देखना है कि विधानसभा चुनावों में किस नेता का जादू चलेगा, जबकि कांग्रेस में मौसम नेताओं का एक दूसरे से खुद को ताकतवर दिखाने का है।