लगघाटी के भू भू जोत से डायनासोर के बीच रास्ता भटके मुंबई के 4 ट्रैक्टरों को किया सकुशल रेस्कयू
भूखे प्यासे जंगलों में बिताई 2 रातें, सिग्नल मिलने पर प्रशासन से किया संपर्क
लगघाटी के भू भू जोत से डायनासोर के बीच रास्ता भटके मुंबई के 4 ट्रैक्टरों को
किया सकुशल रेस्कयू
भूखे प्यासे जंगलों में बिताई 2 रातें, सिग्नल मिलने पर प्रशासन से किया संपर्क
एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला ने स्थानीय रेस्क्यू दल को किया संपर्क
न्यूज़ मिशन
कुल्लू
कुल्लू जिला में हर साल हजारों की संख्या में ट्रैक्टर ट्रेकिंग के लिए विभिन्न स्थानों पर पहुंचते
हैं। ऐसे में हर साल ट्रैकिंग रूट पर ट्रैकर रास्ता भटकने से कई ट्रैकर अपनी जान को जोखिम में
डालकर जान भी गंवा देते हैं। ऐसे में ताजा मामला लगघाटी के भु भु जोत से डायनासोर झील के
बीच जंगलों में रास्ता भटक के मुंबई के पांच ट्रैक्टरों को स्थानीय युवाओं ने कड़ी
मशक्कत से रेस्क्यू किया है। मिली जानकारी के मुताबिक 16 मई को अरछडी के गाइडों के साथ
मुंबई के चार ट्रैकर चिंतन, सागर, साक्षी व नैनी डायनासोर भु भू ट्रैकिंग रूट पर ट्रैकिंग के निकले
थे।उनके साथ पोटर दीपक, अमन, नवीत मौजद रहे। जिसके बाद 17 तारीख को सभी चार ट्रैकर और दो
गायड रास्ता भटकने के कारण 2 दिनों से दुर्गम जंगलों के बीच परेशानियों में भूखे प्यासे फंस गए
थे। ऐसे में सिग्नल मिलने के बाद सभी पर्यटकों ने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी की। जिसके बाद
लगघाटी के जंगलों में ढंकार के बीच फंस गए हैं। ऐसे में जिला प्रशासन की तरफ से द लिटल रेबल
एडवेंचर्स सर्च एंड रेस्क्यू प्राइवेट लिमिटेड और कुल्लू वैली एडवेंचरस एंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन को
रेस्क्यू दल के लिए संपर्क किया गया। जिसके बाद 7 सदस्यों की टीम ने 4 ट्रैक्टरों को रेस्क्यू करने के लिए
कड़ी मशक्कत के बाद चमन ठाकुर, पिंकू ठाकुर, राहुल, अशोक, मन्नू, रामधन, रविंदर सिंह ने इन 4
ट्रैक्टरों को ढूंढ निकाला। जिसके बाद इन सभी को रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू दल के कॉर्डिनेटर कैप्टन ताराचंद और शिव राम ने बताया कि एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला की तरफ से जंगलों में फंसे ट्रैक्टरों के बारे में सूचना दी गई। जिसके बाद इन सभी ट्रैक्टरों को
रेस्क्यू करने के लिए 7 सदस्य टीम को भेजा गया। और फंसे हुए ट्रकों को खाने-पीने की सामग्री भी
भेजी गई। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से यह सभी ट्रैकर जंगलों के बीच फंस गए थे। ऐसे में इनके
साथ जो गाइड थे। वह भी रास्ता भटक गए थे। जिसके चलते 7 लोग 2 दिनों तक जंगलों के बीच
भूखे प्यासे भटक गए थे। उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला में ज्यादातर गाइड के लाइसेंस नहीं बने
हैं। ऐसे में प्रशासन की तरफ से इस संबंध में औपचारिकता पूरी की जाए ताकि जो भी गाइड ट्रैक्टरों के साथ ट्रैकिंग पर जाते हैं। उनको जो है ट्रैकिंग रूट का ज्ञान हो उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से
मुंबई के पांच ट्रैक्टर और दो स्थानीय कुल्लू के गाइड वीरान जंगल में फस गए थे। ऐसे में उनकी जान माल का भी नुकसान हो सकता था। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी इससे पहले भी कई ट्रैकर अपनी जान गवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस को लेकर प्रशासन को दुरुस्त करने की जरूरत है।ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हो सके उन्होंने सैकड़ों से भी आग्रह किया कि ट्रैकिंग रूट में जाने से पहले सभी ट्रैक्टर अपने बारे में प्रशासन को सूचना दें ताकि किसी भी आपदा की स्थिति
में ट्रैक्टरों को समय रहते राष्ट्र किया जा सके।