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उपलब्धि-कलवारी के नवजोत सिंह मियां बने हिमाचल प्रदेश वन विभाग में सहायक वन संरक्षक अधिकारी

बंजार घाटी में खुशी की लहर

न्यूज़ मिशन

कुल्लू

बचपन से पढ़ने में होनहार थे नवजोत सिंह मियां। प्रारम्भिक शिक्षा गांव के स्कूल राजकीय प्राथमिक विद्यालय कलवारी व उच्च शिक्षा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कलवारी से शुरू की है।

हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित अधीनस्थ सेवा परीक्षा में भी हासिल कर चुके है सफलता।

बागवान पिता गनदेव सिंह मियां व उनके परिवार ने सपनों को पूरा करने में दिया है सहयोग, घाटी में खुशी की लहर।

मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।

इन पंक्तियों को उपमंडल बंजार से तीर्थन घाटी के कलवारी गांव के नवजोत सिंह मियां ने साकार कर दिखाया है। ग्रामीण इलाकों मे मूलभूत सुविधाओं के अभाव में उच्च शिक्षा ग्रहण करना काफी कठिन होता है जिस कारण सभी के सपने साकार नहीं हो पाते। तीर्थन घाटी के ग्रामीण परिवेश में पले बढ़े नवजोत सरकारी स्कूल में पढ़कर और बिना कोचिंग के सहायक वन संरक्षक अधिकारी बने है। कलवारी गांव के बागवान गनदेव सिंह मियां के बेटे ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित अधीनस्थ सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करके सभी के लिए प्रेरणा की एक बेहद खूबसूरत मिसाल कायम की है।

नवजोत सिंह मियां के पिता श्री गनदेव सिंह मियां पेशे से बागवान है और माता श्रीमती सावित्रा देवी गृहिणी है। गनदेव सिंह मियां ने बताया कि इनके बेटे की प्रारम्भिक शिक्षा कलवारी गांव के सरकारी स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कलवारी से शुरू हुई और इसके पश्चात उच्च शिक्षा नौनी विश्वविद्यालय सोलन से B. Sc forestry की डिग्री हासिल की है। इन्होनें बताया कि बेटा बचपन से ही पढ़ने में होनहार छात्र रहा है। ये चाहते थे कि इनके परिवार से भी कोई अधिकारी बने इसलिए इन्होनें अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया है। बेटे के सपनों को पूरा करने में गनदेव सिंह मियां व उनके परिवार ने पुरा साथ दिया है।

नवजोत सिंह मियां इस परीक्षा से पहले एक अन्य सफलता भी हासिल कर चुके है। इसे पहले वह हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित अधीनस्थ सेवा परीक्षा में पहली सफलता मिली जिसमें नवजोत सिंह मियां खाद्य आपूर्ति इंस्पेक्टर के पद कार्यरत थे और इसमें लगभग 2 साल तक नौकरी की है। इसी बीच में यह नौकरी के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी भी करते रहे।गनदेव सिंह मियां ने बताया कि इनके बेटे के सहायक वन संरक्षक अधिकारी बनने से परिवार, बिरादरी और क्षेत्र में खुशी का माहौल है। इन्होंने बताया कि अपने बेटे की इस उपलब्धि पर इन्हें गर्व है।

नवजोत सिंह मियां ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरूजनों, अपने परिजनों और अपनी मेहनत को दिया है।

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