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देश की पहली स्नो मैराथॉन की सरताज बनेगी लाहौल घाटी-नीरज कुमार

26 को होगी मैराथॉन, शिशू में स्नो फैस्टिवल भी होगी आयोजित

न्यूज़ मिशन
कुल्लू 24 मार्च। भारत में अपनी तरह का पहला स्नो मैराथॉन हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहुल स्पिति में आगामी 26 मार्च को होगा। इस आयोजन को लेकर लाहौल-स्पिति के उपायुक्त नीरज कुमार काफी उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि लाहौल-स्पिति देशभर में स्नो मैराथॉन का सरताज बनने जा रहा है। विश्व प्रसिद्ध अटल टनल, रोहतांग के नॉर्थ पॉर्टल के समीप स्नो मैराथॉन का आयोजन होगा जहां देश-दुनिया के सैलानी बर्फ का दीदार करने के लिये बड़ी संख्या में आते हैं। उपायुक्त ने स्नो मैराथन के आयोजक गौरव सिमर व मुख्य सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन व टीम संचालक कर्नल संतोष बारामूला को स्नो मैराथॉन के लिये लाहौल घाटी का चयन करने के लिये आभार व्यक्त किया है। उन्होंने बताया पहली बार आयोजित किये जा रहे इस खेल की ओपनिंग सेरेमनी भी ऐतिहासिक होगी।
उन्होंने बताया कि देश की पहली स्नो मैराथन में देश भर से 100 लोग भाग लेंगे। यह स्नो मैराथन भारत मे अपनी तरह का पहला मैराथन होगा। आयोजकों ने उपायुक्त को अवगत करवाया कि दुनिया मे लगभग 10 देशों में आर्कटिक सर्कल, उत्तरी ध्रुव और साइबेरिया जैसी बर्फीली घाटियों में शीत कालीन स्नो मैराथन आयोजित होते हैं लेकिन भारत मे पहली बार शीत मरुस्थल लाहुल घाटी में इस तरह का मैराथन आयोजित हो रहा है। मैराथॉन के लिये पंजीकरण तथा अन्य विवरण डब्ल्यूडब्ल्यूडॉटस्नोमैराथोनडॉटकॉम ीजजचेरूध्ध्ूूूण्ेदवूउंतंजीवदण्बवउ  पर लॉग-इन करके प्राप्त किया जा सकता है।
नीरज कुमार ने कहा कि 26 मार्च को रिच इंडिया संस्था व गोल्ड ड्राप एडवेंचर लाहुल स्पिति प्रशासन के सहयोग से स्नो मैराथन आयोजित कर रही है। उन्होंने बताया कि 26 मार्च को ही जिला प्रशासन सिस्सू में स्नो फेस्टिवल का भी आयोजन कर रहा है। स्नो फेस्टिवल के साथ साथ यह आयोजन वास्तव में लाहुल स्पीति को खेल और पर्यटन दोनों रुप में मंत्र मुग्ध करने वाली वैश्विक छवि को आगे बढ़ाने में मदद करेगा और यह स्नो मैराथन देश के भीतर एक नये खेल  को जन्म देने की पहल करेगा। यह मैराथन लाहुल स्पीति सहित हिमाचल प्रदेश के लिए लाभकारी होगा। अटल टनल रोहतांग टनल के नार्थ पोर्टल में कोकसर पंचायत के लोग स्नो फेस्टिवल मनाएगें। यहां स्नो क्राफ्ट, पुरातन वस्तुएं, प्राचीन तीर अंदाजी, स्थानीय उत्पाद के स्टाल और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि नार्थ पोर्टल से कोकसर पंचायत तक मैराथन का आयोजन किया जाएगा। उसी दिन गोंदला में फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। लाहौल घाटी के व्यंजन अदभुत, स्वादिष्ट व स्वास्थ्यबर्धक हैं जिन्हें सैलानी बड़े चाव के साथ खाते हैं।
नीरज कुमार ने कहा कि अटल टनल, रोहतांग बनने के बाद लाहौल घाटी सैलानियों की पहली पसंद बन चुकी है। हर कोई अटन टनल के साथ घाटी के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने के लिये लालायित रहता है। उन्होंने कहा कि घाटी में अधिक से अधिक सैलानियों को ठहरने, खाने-पीने व अन्य सुविधाओं का बड़े पैमाने पर सृजन किया जा रहा है। सैलानियों की बड़ी आमद से घाटी के लोगों की आर्थिकी में आशातीत बदलाव आएगा।
उन्होंने बताया कि आयोजकों के अनुसार फुल स्नो मैराथन में 42 किमी, हाफ 21 किमी जबकि दौड़ 10 व 5 किमी के अलावा जवाय रेस एक किमी की होगी। उन्होंने बताया कि इंडिया में स्नो से जुड़ी बहुत सी गतिविधियां होती है लेकिन स्नो मैराथन पहली बार आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्नो मैराथान में अन्य खेलों की तरह खिलाड़ियों की संख्या सीमित नहीं होती है।  मैराथन में हजारों की संख्या में लोग भाग ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि शीत मरुस्थल भूमि लाहुल घाटी में स्नो मैराथन का आयोजन कर देश को एकता का संदेश देना है और साहसिक व स्नो खेलों का बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि स्नो मैराथन के आयोजक गौरव सिमर व मुख्य सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन के अनुसार आने वाले सालों में इसे बहुत बड़े आयोजन के रुप मे मनाया जाएगा और इसके लिये जिला प्रशासन के सहयोग की जरूरत रहेगी।

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