संस्कृत,संस्कृति के विकास के लिए प्रोत्साहन दे सरकार -डाक्टर केशवानंद कौशल
कहा- हिमाचल संस्कृत अकादमी के द्वारा पौरोहित्य एवं कर्मकांड पर 5 दिनों तक कार्यशाला हुई संपन्न
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू जिला मुख्यालय देव सदन के सभागार हिमाचल संस्कृत अकादमी द्वारा पौरोहित्य एवं कर्मकांड पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला संपन्न हुई। इस प्रशिक्षण कार्यशाला के अंतिम दिन एसी टू डीसी कुल्लू केशव राम कुल्लवी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की ।इस कार्यशाला में 2 महाविद्यालय के के 60 से अधिक प्रशिक्षुओं ने भाग लिया एसी टू डीसी कुल्लू केशव राम कुल्लवी ने कहाकि हिमाचल संस्कृत अकादमी के द्वारा संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन देने के लिए सरानीय योगदान दिया जा रहा है ।उन्होंने कहाकि देवसदन के सभागार में 5 दिवसीय पौराहित्य एवं कर्मकांड पर कार्यशाला में प्रदेश के क्षेष्ठ ज्योतिष विद्वानों ने प्रशिक्षण दिया है।उन्होंने कहाकि इस कार्यशाला में प्रशिक्षुओं ने पौरोहित्य एवं कर्मकांड पर ज्ञान हासिल किया है।उन्होंने कहाकि संस्कृत,संस्कृति के प्रचार प्रसार जरूरी है जिसमें अखंड ज्योतिष पौरोहित्य एवं कर्मकांड पर लोगों को इसका फायदा मिलेगा।हिमाचल संस्कृत अकादमी के राज्य अध्यक्ष ने कहाकि 22 फरवरी 26 फरवरी तक हिमाचल संस्कृत अकादमी के द्वारा पौरोहित्य एवं कर्मकांड पर 5 दिनों तक कार्यशाला का आयोजन किया गया।उन्होने कहाकि इस कार्यशाला में 2 महाविद्यालय के 60 से अधिक प्रशिक्षुओं ने भाग लिया और 5 दिनों तक दर्जनों ज्योतिष विद्वानों ने इस कार्यशाला में प्रशिक्षुओं को पौरोहित्य एवं कर्मकांड पर प्रशिक्षण दिया।जिसमें डाक्टर लीलाधर सुंदर नगर,डाक्टर लेख राज शर्मा जोगिंद्र नगर से डाक्टर तेजस्वी शर्मा कुल्लू से और अन्य आचार्ये ने प्रशिक्षण दिया।उन्होंने कहाकि इस कार्यशाला में पुशिक्षुओं ने पौराहित्य एवं कर्मकांड पर विघा हासिल की जिसका लाभ आने बाले समय में समाज को मिलेगा ।उन्होंने कहाकि कुल्लू जिला में 2 संस्कृत स्कूलों को मिलाकर विश्वविद्यालय बनाने के लिए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आश्वासन दिया है।जिससे आने बाले समय में कुल्लू लाहौल स्पीति के साथ पांगी और मंडी के युवाओं को भी इसका फायदा मिलेगा।संस्कृत के छात्र हरीश शर्मा ने कहाकि संस्कृत अकादमी के द्वारा पौरोहित्य एवं कर्मकांड के बारे में बहुत सारी चीजों के बारे में बताया।उन्होंने कहाकि 5 दिनों तक इस कार्यशाला में नित्यकर्म,संध्या वंदना,कर्मकांड मं गणित के बारे में बताया गया ।उन्होंने कहाकि सरकार अंग्रेजी को बढ़ाबा दे रही है लेकिल संस्कृत भाषा के प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को प्रयास करना चाहिए ताकि आने बाली पीढ़ी को भी संस्कृत भाषा का ज्ञान हो सके।उन्होंने कहाक सीबीएसई में 6 कक्षा से लेकर 10 वीं तक पढ़ाई जाती है लेकिन संस्कृत भाषा के अस्तित्व को बचाना है तो पहली से लेकर 12 वीं कक्षा तक संस्क़ूत बिषय को पढ़ाना चाहिए।जिससे संस्कृत भाषा ज्ञान आगे बढ़ सके।