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पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के उपरांत वार्डों के निर्धारण एवं आरक्षण का कार्य 30 जून तक समाप्त किया जाएगा-अनिल कुमार खाची

न्यूज मिशन
कुल्लू 07 मार्च।
राज्य निर्वाचन आयुक्त हिमाचल प्रदेश अनिल कुमार खाची ने शुक्रवार को कुल्लू में  कहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2025-26 में संभावित पंचायत व शहरी निकायों के चुनावों की प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी है। खाची पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के सामान्य निर्वाचन को सुगमता पूर्ण संपन्न करवाने के लिए आयोजित बहुद्देशीय  सम्मेलन कक्ष कुल्लू  में आयोजित प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग व राज्य निर्वाचन आयोग भिन्न-2 संस्थाएं हैं तथा दोनों ही आयोग की मतदाता सूचियाँ पृथक होती है। यदि कोई मतदाता स्थानीय निकायों के निर्वाचन में मतदान करने जा रहा है तो उसका नाम राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची में होना अनिवार्य है। केवल मतदाता पहचान पत्र होने से कोई व्यक्ति किसी भी निर्वाचन में मतदान करने के लिए सक्षम नहीं हो सकता हैं। इसलिए जब भी आयोग की मतदाता सूचियाँ प्रारूप प्रकाशित किया जाए तो मतदाता सम्बंधित वार्ड में अपने तथा अपने परिवार के नाम की आवश्यक जांच करें।
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने जानकारी दी कि राज्य निर्वाचन आयोग ने इस दिशा में प्रारंभिक तैयारियां आरम्भ कर दी है। आयोग ने मतपेटियों की मरम्मत का कार्य पूर्ण कर लिया है तथा मतपेटियों की पेंटिंग, क्यूआर कोडिंग तथा आयलिंग व् ग्रीसिंग का कार्य प्रगति पर है। क्यू आर कोड लगाने के पश्चात् प्रत्येक मतपेटी की अपनी एकल पहचान होगी।
आयुक्त ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि निर्वाचन स्टोर की साफ सफाई का कार्य समय पर  प्रारम्भ किया जाए। पुराने निर्वाचन के जो अभिलेख नष्ट किए जाने हैं उन्हें नियमानुसार नष्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा एक नई एप्लीकेशन इन्वेंटरी मैनेजमेंट तैयार की है। मतदान दलों को मतपेटियां इस एप्लीकेशन इन्वेंटरी मैनेजमेंट से क्यू आर कोड स्कैन करके दी जानी प्रस्तावित है। इसी तरह चुनाव से सम्बंधित समस्त सामग्री को भी इस एप्लीकेशन के माध्यम से वितरित किया जाना प्रस्तावित है।

वार्डबंदी तथा मतदाता सूचियों के अपग्रेडेशन का करें  व्यापक प्रचार  प्रसार
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने निर्देश जारी किए कि आयोग के आदेशों जिसमे वार्डबंदी, मतदाता सूचियों का अपग्रेडेशन, आरक्षण इत्यादि शामिल है कि अनुपालना अक्षरशः की जाए। आयोग के द्वारा जारी कार्यक्रम अनुसार वार्डबंदी एवं मतदाता सूचियों के कार्यक्रम का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए ताकि आम लोगों को इन कार्यक्रमों की जानकारी हो सके। व्यापक प्रचार प्रसार के लिए प्रेस कांफ्रेंस, नोटिस बोर्ड, होर्डिंग, बैनर तथा लाउडस्पीकर का इस्तेमाल भी किया जाए। आयोग ने जिलाधीश को निर्देश दिए कि पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के उपरांत वार्डों के निर्धारण एवं आरक्षण का कार्य 30 जून तक समाप्त किया जाए।

इसके अतिरिक्त आयुक्त ने निर्देश दिए कि जिला मुख्यालय एवं विकासखंड मुख्यालय पर सामान्य निर्वाचन के समय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाए ताकि निर्वाचन से सम्बंधित कोई भी समस्या आती है तो उसे सुना जा सके। आयुक्त  द्वारा जिला प्रशासन को यह निर्देश भी दिए गए कि पूर्व निर्वाचनों में जिन अभ्यर्थियों को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है कि सूची प्रत्येक रिटर्निंग अधिकारी सहायक रिटर्निंग अधिकारी को उपलब्ध करवाई जाए ।
 बैठक में  संजीव कुमार महाजन निर्वाचन अधिकारी राज्य निर्वाचन आयोग ने बैठक में निर्वाचन से सम्बंधित विभिन्न प्रक्रियाओं की पीपीटी  के माध्यम से  विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।
 उपायुक्त तोरुल रवीश ने निर्वाचन आयुक्त का स्वागत करते ही सभी निर्देशों का अनुपालना करने का आश्वासन दिलाया ।
बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी अश्वनी कुमार, सहायक आयुक्त शशि पाल नेगी, समस्त एसडीएम , बीडीओ , पंचायती राज विभाग सहित, शहरी स्थानीय निकाय  के अधिकारी उपस्थित थे।

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