राजस्थान के विमल विश्नोई और राहुल 1850 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर पहुँचे कुल्लू
पॉल्यूशन फ्री कंट्री और हेल्थ इस वेल्थ का संदेश लेकर कर रहे मुंबई से लद्दाख साइकिलिंग यात्रा
मुंबई से लदाख 2250 किलोमीटर साइकिल यात्रा करने का लक्ष्य
32 दिनों की साईकिल यात्रा में 5 राज्य गुजरात,राजस्थान हरियाणा, पंजाब हिमाचल कुल्लू पहुँचे
देशवासियों को पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ पौधे लगाने के लिए कर रहे जागरूक
विकास के नाम पर धरती के साथ छेड़छाड़ से पर्यावरण में हो रहा बदलाब
न्यूज मिशन
कुल्लू
राजस्थान के विमल बिश्नोई और राहुल मुंबई से लद्दाख 2250 किलोमीटर साइकिलिंग यात्रा के माध्यम से देशवासियों को पर्यावरण संरक्षण पॉल्यूशन फ्री कंट्री और हेल्थ इस वेल्थ का संदेश लेकर कुल्लू पहुंचे हैं इस दौरान दोनों ने साइकिल यात्रा मुंबई से 32 दिन पहले शुरू की थी जिसमें 1850 किलोमीटर साइकिल यात्रा कर राजस्थान गुजरात हरियाणा पंजाब होते हुए हिमाचल के कुल्लू पहुंचे हैं। विमल बिश्नोई और राहुल पूरे देश के भ्रमण पर निकले हैं ऐसे में साइकिलिंग यात्रा के माध्यम से लोगों को साइकिलिंग के प्रति भी जागरूक कर रहे हैं ताकि पॉल्यूशन काम हो और लोग साइकिलिंग से स्वस्थ रहे।
राजस्थान के साइकिलिस्ट विमल बिश्नोई ने कहा कि हम पिछले 1 महीने से मुंबई से लद्दाख साइकलिंग यात्रा के लिए निकले हैं उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में हम 1850 किलोमीटर साइकिलिंग कर हिमाचल के कुल्लू पहुंचे हैं उन्होंने कहा एक महीने में महाराष्ट्र राजस्थान गुजरात हरियाणा पंजाब और हिमाचल में पहुंचे हैं उन्होंने कहा कि हिमाचल में हर दिन साइकिलिंग 40 किलोमीटर, साइकिलिंग यात्रा हो रही है जबकि प्लेन क्षेत्र में हर दिन 80 90 किलोमीटर साइकिल यात्रा करते थे उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य पॉल्यूशन फ्री कंट्री और हेल्थ इस वेल्थ का संदेश पूरे देशवासियों को देना चाहते हैं जिसके लिए हम पूरा भारत घूमना चाहते हैं उन्होंने कहा कि मुंबई से लद्दाख तक 2250 किलोमीटर की साइकलिंग यात्रा के माध्यम से हम लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए साइकिल का उपयोग और हेल्थ इस वेल्थ अपने स्वास्थ्य को स्वस्थ रख सकते हैं उन्होंने कहा कि बहुत से लोग ऑफिस से घर और घर से ऑफिस तक ही सीमित है उन्होंने कहा कि हम अपने जीवन में एक जगह मरना नहीं चाहते हैं ऐसे में हम अपने देश में घूम कर खुशहाल जीवन व्यतीत करना चाहते हैं उन्होंने कहा कि आज लोग गाड़ियों के गुलाम हो गए हैं और पिछले 40-50 वर्षों सही आई है जबकि साइकिल हजारों सालों से चल रही है उन्होंने कहा कैसे में देश में 80% लोग दुखी है जबकि 20% लोग ही खुश है। उन्होंने कहा कि दुनिया समुद्र की तरह है और दुनिया का अंत नहीं है उन्होंने कहा कि आज लोग साइकिल चलाना नहीं चाहते हैं ऐसे में साइकिल चलाने का मतलब अपने आप को गरीब समझना उन्होंने कहा कि लोगों की यह धारणा बन गई है ऐसे में जिस प्रकार जापान चीन के साथ अन्य कई देशों में लोग साइकिल का उपयोग करते हैं लेकिन हमारे देश में लोग साइकिल का बहुत कम उपयोग करते हैं उन्होंने कहा कि साइकिल चलाने से जहां पॉल्यूशन ना के बराबर होता है वही व्यक्ति का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है उन्होंने कहा कि ऐसे में लोग ज्यादा नहीं तो चार-पांच किलोमीटर साइकिल चला सकते हैं उन्होंने कहा कि हम 2250 किलोमीटर की साइकिल यात्रा मुंबई से लेकर लद्दाख तक कर रहे हैं इसलिए कर रहे हैं कि लोग बड़े-बड़े बहनों का उपयोग कम करें ताकि हमारे देश में जिस तेजी से पॉल्यूशन बढ़ रहा है और गर्मी बढ़ रही है उन्होंने कहा कि ऐसे में एक दूसरी तरफ जहां विकास के लिए धरती के साथ छेड़छाड़ कर रहे हैं और यही कारण है कि हर साल जहां गर्मी बढ़ रही है उन्होंने कहा कि ऐसे में बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पेड़ पौधों को नष्ट किया जा रहा है और विकास के नाम पर धरती के साथ छेड़छाड़ की जा रही है जिससे हर साल चार-पांच प्रतिशत गर्मी बढ़ रही है उन्होंने कहा कि जब तक इंसान सुधरेगा नहीं तब तक पर्यावरण संरक्षण करना मुश्किल है उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करने से इस धरती पर लंबे समय तक मानव जीवन रहेगा अन्यथा जिस प्रकार विकास के नाम पर छेड़छाड़ हो रही है उसे एक दिन आएगा जब इस धरती से मानव जीवन का नाम और निशान मिट जाएगा उन्होंने कहा कि इस साइकलिंग यात्रा में हमने अलग-अलग राज्यों के संस्कृति वेशभूषा पहनावा देखने का मौका मिला है उन्होंने कहा कि ऐसे में आज लोग अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे हैं जबकि विदेशी हमारी संस्कृति हमारी वेशभूषा में फोटो खींच पाए हैं और उसका भाड़ा देते हैं उन्होंने कहा कि ऐसे में युवा पीढ़ी विदेशी संस्कृति की तरफ आकर्षित हो रही है जबकि विदेशी भारत के विभिन्न राज्यों की संस्कृति की और आकर्षित हो रहे हैं उन्होंने कहा किस साफ जाहिर होता है कि हमारे देश की अलग-अलग राज्यों की संस्कृति समृद्ध है और उसको बचाने के लिए युवाओं को प्रयास करना चाहिए