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दादा को कैंसर की बीमारी ने डॉक्टर बनने की दी प्रेरणा-डॉक्टर मीनाक्षी वाधवा 

कहा-गायनीकोलॉजिस्ट या एमडी मेडिसिन में पीजी कर ग्रामीणों की करूंगी सेवा

कल्लू की मीनाक्षी वाधवा ने  एमबीबीएस के फाईनल ईयर की परीक्षा में किया टॉप
डाक्टर मीनाक्षी वाधवा के पिता गोपाल वाधवा भोजनालय चलाते है माता ममता वाधवा गृहणी है
न्यूज मिशन
कुल्लू
किसी ने सच ही कहा है कि मंजिलें उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होते है यह कहावत कुल्लू जिला की मीनाक्षी वाधवा पर सटीक बैठती है कुल्लू जिला के शास्त्री नगर की रहने वाली मीनाक्षी ने एमबीबीएस की पढ़ाई में पूरे प्रदेश में फाइनल ईयर की परीक्षा में टॉप किया है जिससे मीनाक्षी वाधवा के परिवार में खुशी का माहौल है। मीनाक्षी वाधवा के पिता गोपालवाधवा भोजनालय चलाते हैं जबकि माता ममता वाधवा  गृहणी  है। मीनाक्षी वाधवा बचपन से ही पढ़ाई में अब बोल रही है और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी है।

डॉक्टर मीनाक्षी वाधवा ने कहा कि मैंने एमबीबीएस फाइनल ईयर में टॉप किया है उन्होंने कहा कि पिछले 3 वर्षों में भी मैंने टॉप किया था और इस वर्ष भी मैंने टॉप किया है यह मेरे लिए इसलिए खुशी की बात है क्योंकि मैं पिछले तीन सालों में यूनिवर्सिटी में टॉपर हूं उन्होंने कहा कि फाइनली मैं अब डॉक्टर डिग्री हासिल की है उन्होंने कहा कि मैंने अपनी प्रारंभिक से लेकर उच्च शिक्षा कुल्लू से की है। उन्होंने कहा कि मेरे घर में पढ़ाई का ज्यादा माहौल नहीं था लेकिन मैंने पढ़ाई के लिए जो कुछ भी मांगा मेरे परिवार ने मुझे पूरी सपोर्ट की उन्होंने कहा कि 1 साल की इंटर्नशिप में आईजीएमसी शिमला से करूंगी और उसके बाद पीजी की पढ़ाई गाइनेकोलॉजिस्ट या एमडी मेडिसिन में करूंगी उन्होंने कहा कि डॉक्टर बनने के लिए प्रेरणा मुझे उसे वक्त मिला जब मेरे दादाजी कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे और उसे वक्त मैंने सोचा था कि मैं बड़े होकर डॉक्टर बनूंगी ताकि मैं लोगों की सेवा कर सकूं उन्होंने कहा कि आज मेरे दादाजी इस दुनिया में नहीं है लेकिन वह जहां भी है मेरे डॉक्टर बनने से वह खुश जरूर होंगे उन्होंने कहा कि डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है ऐसे में मैं चाहूंगी कि मैं ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सेवा करो । मीनाक्षी वाधवा ने कहा कि मैं बैकग्राउंड राजस्थान से है और ऐसे में मैं हिमाचल में ही पैदा हुई हूं मैं हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवा देना चाहूंगी।

मीनाक्षी के पिता गोपाल वाधवा ने कहां की मीनाक्षी ने अपनी मेहनत और अध्यापकों की सहयोग से आज जो मुकाम हासिल किया है उसके लिए परिवार को गर्व है उन्होंने कहा कि मीनाक्षी के दादा कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे और उसे वक्त मीनाक्षी ने सोचा कि मैं डॉक्टर बनाकर मरीजों की सेवा करूंगी उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि मीनाक्षी डॉक्टर बनकर गरीब लोगों की सेवा करेगी। रेखा की मैंने मीनाक्षी के लिए कुछ नहीं किया मीनाक्षी की अपनी मेहनत से आज मंजिल  हासिल की है।
मीनाक्षी की माता ममता वाधवा ने कहा कि आज मुझे मीनाक्षी की माता होने का गर्व है उन्होंने कहा कि मीनाक्षी बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में अब बोल थी और ऐसे में अध्यापकों के सहयोग से आज मीनाक्षी ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की है उन्होंने कहा कि भविष्य में मीनाक्षी की पढ़ाई पूरी कर लोगों की सेवा करें। उन्होंने कहा की मीनाक्षी को पढ़ाई के लिए हमने कभी कोई कमी नहीं होने दी । उन्होंने अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि जरूरी नहीं है कि आप अपने बच्चों को डॉक्टर बनाएं बच्चों में जो क्वालिटी है उसको पहचाने और उसे दिशा में बच्चों को आगे प्रोत्साहन देने का प्रयास करें

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