एक था गधा उर्फ… से लोटपोट हुआ ऐतिहासिक लाल चंद कलाकेंद्र
एसपी कुल्लू कार्तिकेयन गोकुलचंद्रनने किया कुल्लू राष्ट्रीय नाटक महोत्सव का शुभारंभ
न्यूज मिशन
कुल्लू
ऐतिहासिक लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में एक था गधा उर्फ अलादाद खां की प्रस्तुति ने दर्शकों को लोटपोट किया। रंगमंच की संध्या संध्या में एक्टिव मोनाल कल्चरल एसोसिएशन के कलाकारों ने हास्य नाटक एक था गधा उर्फ अलादाद खां… का मंचन किया। शरद जोशी के लिखित नाटक का निर्देशन केहर सिंह ठाकुर ने किया है। इस अवसर पर कुल्लू एसपी कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने दीप प्रजवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।नाटक आज के दौर पर स्टीक बैठता है। एक नवाब है जो चाहता है कि हर तरफ उसी के जयकारे गूंजे और जनता में केवल उसी की चर्चा हो। एक दिन उसे पता चलता है कि अलादाद खां का इंतकाल हो गया। वह तय करता है कि वह भी उसके जनाजे में शरीक होंगे। सब इंतजाम हो जाते हैं। शव यात्रा का आंखों देखा हाल टेलीविजन पर दिखाने की भी पूरी तैयारी होती है। इसी बीच पता चलता है कि अलादाद खां नाम का कोई आदमी नहीं मरा है बल्कि अलादाद एक धोबी के गधे का नाम था। जो मरा है। नवाब परेशान हो उठाता है। सारी तैयारियां हो गई, प्रचार भी हो गया, लेकिन जनाजा किसका निकाला जाए। वह कोतवाल को बुलाता है जिसने यह खबर दी थी कि अलादाद खां मर गया है। कोतवाल अपनी जान बचाने के लिए बस्ती से किसी गरीब अलादाद खां नाम के आदमी को पकड़ कर लाता है। इज्जत बचाने के लिए उस गरीब को मारकर उसका जनाजा निकाल देते हैं। नवाब की भूमिका केहर सिंह ठाकुर ने निभाई और कोतवाल के रूप में वेद प्रकाश दिखे।