कुल्लू जिला में स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों से टीबी के मरीजों की संख्या में हो रही कमी
कुल्लू जिला में सबसे ज्यादा मरीज जरी स्वास्थ्य खंड के तहत 435 मामलें
कुल्लू जिला में 811 मरीज उपचाराधीन
2022 में 1233 मरीज,2023 में 1183,2024 में नए 161 मामलें सामने आए
स्वास्थ्य विभाग पूरे जिला में आशा वर्कर और एनजीओ के माध्यम से लोगों को टीबी की बीमारी के प्रति कर रहे जागरूक
2 सप्ताह से लगातार खांसी होने पर तुरंत जांच करवाएं
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू जिला में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा टीबी की बीमारी को कंट्रोल करने के लिए मरीज की संख्या में कमी हो रही है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा पूरे जिला में आशा वर्कर और एनजीओ के माध्यम से गांव-गांव में जाकर लोगों को टीवी की बीमारी की रोकथाम के प्रति जागरूक कर रहे हैं ऐसे में कुल्लू जिला में साल 10 साल है टीवी के मरीजों की संख्या में कमी आ रही है कुल्लू जिला में जहां 2022 में टीवी के मरीजों की संख्या 1233 थी वही 2023 में घटकर 1183 रह गई थी ऐसे में वर्ष 2024 में 161 नए मामले सामने आए हैं पूरे जिला में टीवी के कल मामले 811 है जिसमें सबसे ज्यादा मामले जारी स्वास्थ्य खंड के अंतर्गत 435 मामले जबकि नगर स्वास्थ्य खंड के तहत 163 मामले और बंजारा स्वास्थ्य खंड में 84 मामले आनी में 75 मामलें में निरमंड में 54 मरीज उपचाराधीन है।
सीएमओ कुल्लू डॉक्टर नाराज पवार ने कहा कि कुल्लू जिला में टीबी की बीमारी की रोकथाम के लिए लगातार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और निजी समाज से भी संस्थाओं के द्वारा गांव-गांव में लोगों को जागरूक किया जा रहा है उन्होंने कहा कि कुल्लू जिला में 811 टीबी के मरीज उपचाराधीन है ऐसे में डॉक्टर के द्वारा समय-समय पर इनका चेकअप किया जा रहा है उन्होंने कहा कि की कुछ क्षेत्रों में टीबी की बीमारी बहुत ज्यादा थी लेकिन ऐसे में साल दर्शन टीबी के मरीजों की संख्या में कमी आई है उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक किया जा रहा है
डॉक्टर की माने तो टीबी की बीमारी एक दूसरे के संपर्क में आने से साथ खाना खाने से फैलती है उन्होंने कहा कि परिवार के किसी एक सदस्य को टीवी की बीमारी है तो ऐसे में साथ रहने से बीमारी एक दूसरे को फैलती है । ऐसे में जब भी दो सप्ताह से ज्यादा खांसी हो ऐसे में व्यक्ति स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपने बलगम की जांच करवाई और टीवी की बीमारी होने पर निरंतर डॉक्टर के परामर्श पर दवाइयां ले जिससे तब की बीमारी की रोकथाम हो सकती है