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मोटे अनाज कोदरा से जहल देवता स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने तैयार किए लडडू ,बर्फी और बिस्किट

मोटे अनाज के उपयोग से कई बीमारियों से लड़ने की क्षमता

महिलाएं परम्परागत फसलों के संरक्षण के लिए कर रही सराहनीय प्रयास
न्यूज मिशन
कुल्लू

कुल्लू जिला में परंपरागत फसलों को बचाने के लिए महिलाएं अपनी सराहनीय भूमिका निभा रही है ऐसे में महिलाओं के द्वारा परंपरागत फैसले मोटे अनाज से विभिन्न तरह के उत्पाद तैयार कर रही है जिससे अब महिलाएं लोकल खाद्य उत्पाद सिड्डू ,मोमो के साथ साथ मोटे अनाज से मिठाइयां बिस्किट तैयार कर रही है जिससे मोटे अनाज के पौष्टिक तत्वों के बारे में लोगों को जागरुक कर रही है। बंजारा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत जहल देवता स्वयं सहायता समूह के द्वारा मोटे अनाज का संरक्षण करने के लिए प्रयास किया जा रहा है। किसी भी सरकारी कार्यक्रम में स्टाल लगाकर मोटे अनाज अनाज के उपयोग से स्वास्थ्य के लिए किंतने महत्वपूर्ण है। इसके बारे में लोगों को जागरुक कर रही है।

– कृषि सखी शांता देवी ने कहा कि जहल देवता स्वयं सहायता समूह के द्वारा मोटे अनाज का संरक्षण करने के लिए प्रयास किया जा रहा है उन्होंने कहा कि मोटा अनाज जो है वह लुप्त हो रहा है ऐसे में फिर से मोटे रात को लाने के लिए महिलाएं लोगों को जागरुक कर रही है उन्होंने कहा कि मोटे अनाज में कोदरा,रागी, काउणी,जौ, की खेती फिर से हो इसके लिए लोगों को जागरुक कर रहे हैं उन्होंने कहा कि परंपरागत फैसले कोदरा से लड्डू बर्फी और बिस्किट बना रहे हैं जिससे ऑर्गेनिक फूड से सेहत के लिए स्वास्थ्य कार्य है उन्होंने कहा कि पुराने समय में लोगों को बीपी और शुगर जैसी बीमारियां नहीं होती थी मोटे अनाज में बीमारियों से लड़ने की क्षमता थी ऐसे में महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर पुरानी परंपरागत फसलों को उगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं उन्होंने कहा कि आने वाला भविष्य जो है वह बीमारियों से मुक्त रहे इसके लिए मोटे अनाज को उपयोग करना जरूरी है।

जहल देवता स्वयं सहायता समूह शलबाड़ सीता देवी से सीता देवी ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जोड़ने से मोटे अनाज के पौष्टिक तत्वों के बारे में जानकारी मिली जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की थी उन्होंने कहा कि परंपरागत फसल कोदरा में पौष्टिक तत्व प्रचुर मात्रा में है ऐसे में हमने कोदरा से लड्डू बर्फी बिस्किट बनाई है जिससे कि लोगों को स्वास्थ्य से के लिए भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्व वाले उत्पाद तैयार किए हैं जिससे लोगों को स्वस्थ रखना और शारीरिक कमियों को पूरा करने के लिए मोटे अनाज उपयोग को लेकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि मोटे अनाज खाने से बहुत से पौष्टिक तत्वों से कई बीमारियों को लड़ने की क्षमता है ऐसे में लोग शारीरिक रूप से स्वस्थ रहे इसके लिए लोगों को जागरुक कर रहे हैं उन्होंने कहा कि पुराने समय में लोग मोटा अनाज खाते थे जिससे वह स्वस्थ रहते थे उन्हें कोई भी मर गया नहीं होती थी लेकिन अब धीरे-धीरे लोग इन परंपरागत फसलों को उगाना और खाना छोड़ चुके हैं ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।।
गौर है कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार के द्वारा इस वर्ष मोटे अनाज के संरक्षण के लिए किसानों के साथ आम जनता को जागरूक करने के लिए विभिन्न्न प्रकार के कार्यक्रम चलाए जा रहे है। जिससे लोगों कोमोटे अनाज के महत्व की जानकारियां भी उपलब्ध करवाई जा रही है।ताकि परंपरागत फसलों के सरंक्षण के लिए लोग लुत्प हो रही फंसलों को फिर से उगाए और लोगों को स्वास्थ्य के लिए पोष्टिक तत्वों को उपयोग कर निरोग रहे।

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