कुल्लूबड़ी खबरहिमाचल प्रदेश

भगवान रघुनाथ की नगरी देवभूमि कुल्लू में धूमधाम से मनाया वंसत पंचवी का त्यौहार

कुल्लू जिला में 40 दिन पहले होली उत्सव का हुआ आगाज

बंसत ऋतु के आगमन पर पेड़ पौधो में खिलें रंगबिरेंगे फूल

न्यूज़ मिशन
कुल्लू
कोरोना काल में कुल्लू  जिला मुख्यालय के ऐतिहासिक ढालपुर के रथ मैदान में शनिवार को बसंत पंचमी का त्यौहार हर्षोल्लास से मनाया गया। जिसमें भगवान रघुनाथ की नगरी सुलतानपुर से अधिष्ठाता रघुनाथ की पालकी को वाद्ययंत्रों की थाप के सैंकड़ो श्रद्वालुओं साथ शोभायात्रा रथ मैदान में पहुंची। जहां पर भगवान रघुनाथ को रथ में रघुनाथ महाराज के बैठाने के बाद विधिवत  पूजा-अर्चना आरती करने के बाद राज परिवार के सदस्यों ने रथ के चारों और 9 बार परिक्रमा की। इसके बाद जय श्रीराम के नारों से श्रद्धालुओं ने रघुनाथ के रथ को खींच कर उनके अस्थायी शिविर तक पहुंचाया। जहां पर समूची घाटी जय श्री राम से गूंज उठी।भगवान रघुनाथ की रथयात्रा में हजारों की संख्या में आस्था का जनसैलाव उमंड़ा ढालपुर मैदान मे हजारों की संख्या में श्रद्वालुओं ने भाग लेकर भगवान रघुनाथ के दर्शन किया। प्रतीक रूप में राम, लक्ष्मण, भरत और हनुमान भी इस मौके पर उपस्थित थे। हनुमान की भूमिका बैरागी समुदाय के एक व्यक्ति द्वारा निभाई जाती है। रंग-बिरंगे व अधिकतर पीले वस्त्रों से सजे हुए लोगों ने बसंत पंचमी की इस बेला को करीबी से निहारा। रघुनाथ जी की एक झलक पाने के लिए भक्त लंबी कतारों में देर तक खड़े रहे।  कुल्लू में बसंत पंचमी का आगाज होने के साथ ही रघुनाथपुर की होली भी शुरू हो गई है।भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह के कहा कि जब भगवान श्रीराम वनवास के लिए गए थे तो भरत उन्हें मनाने गुरु वशिष्ठ जी के साथ वन में गए थे। भगवान श्री राम ने जब देखा कि कुछ लोग उनकी तरफ आ रहे है तो उन्होंने पवन पुत्र हनुमान को उनके बारे में पता लगाने के लिए भेजा। हनुमान ने बताया कि गुरु वशिष्ठ के साथ भरत आए हैं। फिर श्री राम भरत से गले मिले और खड़ाऊं उन्हें दीं तथा वापस भेज दिया।उन्होंने कहाकि पूरे देश में होनी उत्सव मार्च माह मेंमनाया जाएगा लेकिन कुल्लू जिला में 40 दिन रघुनाथ जी के चरणों में चढ़ेगा   40 दिन तक प्रतिदिन रघुनाथपुर में होली के गीत गाए जाएंगे और भगवान रघुनाथ जी के चरणों में गुलाल चढ़ाया जाएगा क्योंकि महंत राजा के गुरु थे। इसलिए पूरे आयोजन में आज तक महंत समुदाय के लोग इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। गुरु वशिष्ठ की भूमिका भी महंत निभाते हैं तथा हनुमान जी का रूप भी महंत ही धारण करते हैं। उत्सव में हनुमान द्वारा लगाए गए सिंदूर को शुभ माना जता है। इस मौके पर शामिल हुए श्रद्धालु भी काफी उत्साहित दिखे। उनका कहना है कि वो इस समय का इंतजार करते हैं जब भगवान रघुनाथ को रथ पर बिठाकर उनके अस्थायी शिविर तक लाया जाता है। उनका कहना है कि यहां का माहौल काफी भगतिमय रहता है जहां राम-भरत मिलाप की परम्परा भी निभाई जाती है।-स्थानीय श्रद्वालु कृतिका ने कहाकि देवभूमि कुल्लू में हर साल भगवान रघुनाथ के वसंत उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस साल भगवान रघुनाथ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्वालुओ पहुंचे है।उन्होन कहाकि भगवान रघुनाथ को पीला भगवा रंग पसंद है ऐसे में बहुत सारे श्रद्वालुओ ने पीले वस्त्र पहने हुए उत्सव में शिरकत की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Trending Now