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तीसरे दिन देवी देवताओं के साथ शान से निकाली नरसिंह भगवान की जलेब

गड़सा घाटी के भृगु ऋषि आशनी, जम्दग्नि ऋषि हवाई, नारायण देवता जेष्टा, जम्दग्नि ऋषि सिस ने  लिया भाग

शाही जलेब में गड़सा घाटी के देवी देवताओं ने लिया भाग खूब झूमेंं देवलू
न्यूज मिशन
कुल्लू
अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव शुरू होने के बाद तीसरे दिन परंपरागत ढंग से भगवान नरसिंह की जलेब शान से निकाली। आगे आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी और उसके पीछे आधा दर्जन से अधिक देवी-देवता और बीच में नरसिंह भगवान की पालकी जिसमें रूपी राज घराने से संबंध रखने वाले रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह नरसिंह भगवान की निशानी ढाल लेकर सवार हुए। नरसिंह की इस जलेब भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर के साथ बने नरसिंह भगवान के सिहासन से शुरू हुई। जो क्षेत्रीय अस्पताल, कॉलेज गेट, लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र से पीछे, खंड विकास अधिकारी कार्यालय होकर वापिस नरसिंह भगवान के सिंहासन तक पहुंचाया। ढोल नगाड़ों की थाप पर देवी देवताओं के साथ आए हुए लोग जलेब में खूब झूमें।
वीओ-भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने कहाकि दशहरा उत्सव में भगवान नरसिंह की ढाल तलवार के साथ  दशहरा मैदान के चारों से सुरक्षा चक्र लगाते है।उन्होंने कहाकि दशहरा उत्सव के दूसरे दिन गड़सा घाटी कोठी कोटकंडी के देवी देवताओं  भाग लिया।उन्होंने कहाकि दशहरा उत्सव में जलेब प्राचीन समय से लेकर चली आ रही है और इस जलेब में देवी देवताओं के हारियान देवधूनों के साथ नाचते गाते इसमें भाग लेेते  है
बाईट-महेश्वर सिंह,मुख्य छड़ीबरदार भगवान रघुनाथ कुल्लू
रिपोर्ट-तुलसी भारती,संवाददाता कुल्लू

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