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कुल्लूत संस्कृति विकास मंच समृद्ध देव संस्कृति के संरक्षण के लिए कर रहा सराहनीय प्रयास -आशुतोष गर्ग

कहा- युवा पीढ़ी भी समृद्ध देव संस्कृति के अध्ययन और संरक्षण में दिखा रही रुचि

भारथा-वर्षोहा तथा जगती पूछ (परम्पराएँ और संरक्षण ) विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

न्यूज मिशन

कुल्लू

कुल्लू जिला अटल सदन के सभागार में कुल्लूत संस्कृति विकास मंच के भारथा-वर्षोहा तथा जगती पूछ (परम्पराएँ और संरक्षण ) विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।भारथा-वर्षोहा तथा जगती पूछ (परम्पराएँ और संरक्षण ) विषय पर संगोष्ठी मैं विद्वानों व साहित्यकारों ने विषय पर अपने विचार रखें। कार्यक्रम में जिला भर से 3 दर्जन विद्वानों साहित्यकारो बुद्धिजीवियों ने भाग लिया।
उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समृत देव संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए कुल्लूत संस्कृति विकास मंच समृद्ध देव सराहनीय कार्य कर रहे हैं उन्होंने कहा कि समृद्ध देव संस्कृति को समझने संरक्षण और सर्च करने के लिए आम जनता तक पहुंचाने के लिए युवा रुचि ले रहे हैं उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा समाज के उत्थान के लिए देव संस्कृति के संरक्षण के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं उन्होंने कहा कि कुल्लू की समृद्ध देव संस्कृति को जानने समझने के लिए हमें भी अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में समृद्ध देव संस्कृति के इतिहास धार्मिक महत्व व मान्यताओं को लेकर कई बार गलत जानकारियां भी लोगों के बीच प्रचार हो जाता है।ऐसी बातों को लेकर
कुल्लूत संस्कृति विकास मंच कार्य करें ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुँचे।उन्होंने कहा कि कुल्लूत संस्कृति विकास मंच के किसी भी कार्य को लेकर प्रशासन के पास आए और जो कार्य सरकार के लेवल पर करने के होंगे तो सरकार को प्रेषित किए जाएंगे
कुल्लूत संस्कृति विकास मंच के महासचिव हीरालाल ठाकुर ने कहा कि संस्था के द्वारा कल्लू की देव संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए पिछले कई वर्षों से लगातार प्रयास कर रहे हैं उन्होंने कहा कि देव संस्कृति के संरक्षण के लिए कुल्लूत नामक पत्रिका का प्रकाशन भी किया है। उन्होंने कहा कि भारथा-वर्षोहा तथा जगती पूछ (परम्पराएँ और संरक्षण ) विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया है जिसमें उपयुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की है उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में दर्जनों विद्वानों साहित्यकारो बुद्धिजीवियों ने भाग लिया है। उन्होंने कहा कि कुल्लू संस्कृति विकास मंच का उद्देश्य रहा है कि देव संस्कृति की खोज करके लोगों के समक्ष लाएं और समृद्ध देव संस्कृति के संरक्षण करने के लिए विद्वानों ने पत्र पढ़े। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन भाषा विभाग व समस्त देव समाज के सहयोग से देव संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं।

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