टेक्नोलॉजीबड़ी खबरलाहुल और स्पीतिहिमाचल प्रदेश

 झील के पानी की  जांच के दौरान अधिकांश पैरामीटर अनुमेय मानक सीमा के भीतर होने से प्रदूषण और विषाक्तता  के संकेत नहीं पाए गए -राहुल कुमार 

कहा-चंद्रताल झील के सदुपयोग एवं संरक्षण हेतु लाहौल स्पीति  प्रशासन ने उठाए  विशेष कदम

रामसर स्थल  चंद्रताल झील का   वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने किया दौरा

आर्द्रभूमि और बड़े जलग्रहण क्षेत्र के प्रबंधन और संरक्षण के लिए स्थानीय हित धारकों दी जाएगी प्राथमिकता 

न्यूज मिशन

केलांग 6 जुलाई

जिला लाहौल स्पीति की अधिक ऊंचाई वाली  आर्द्रभूमि और प्रदेश  के तीन महत्वपूर्ण  रामसर स्थलों में से  एक अति खूबसूरत  चंद्रताल झील का   वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम के साथ उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार व वन मंडल अधिकारी अनिकेत मारुति वनवे ने  संयुक्त रूप से हाल ही में दौरा किया गया |उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि तकनीकी  विशेषज्ञ अधिकारियों ने चंद्रताल झील की  आर्द्रभूमि और वन्यजीव अभयारण्य की वर्तमान स्थिति, आर्द्रभूमि के चारों ओर के रास्ते, विशिष्ट हाइड्रोलॉजिकल इनलेट और आउटलेट, पानी की गुणवत्ता, मिट्टी और वनस्पति और आर्द्रभूमि और उसके जलग्रहण क्षेत्र की जीव संरचना का निरीक्षण  कर विस्तृत रूप से जायजा लिया |वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया के तकनीकी अधिकारी अर्घ्य चक्रवर्ती ने  अन्य तकनीकी विशेषज्ञों, डॉ. प्रदीप वशिष्ठ, सुश्री अपूर्वा थापा और  सादान हुसैन के  ऑन-साइट हन्ना वाटर टेस्टिंग किट का उपयोग करके वेटलैंड की परिधि के साथ चार स्थानों के पानी के नमूनों की भी जांच की |उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि नमूनों की जांच के उपरांत  परिणामों से पता चला कि पीएच 8.7 की सीमा में है, घुलनशील ऑक्सीजन लगभग 0.45 पीपीएम और टीडीएस लगभग 90 पीपीएम और पानी का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस पाया गया । फॉस्फेट और नाइट्रेट सांद्रता के विश्लेषण के लिए पानी के नमूने जांच के लिए टीम  ने एकत्रित किए हैं । अधिकांश पैरामीटर अनुमेय मानक सीमा के भीतर होने से प्रदूषण और विषाक्तता  के संकेत नहीं पाए गए  हैं |उपायुक्त  राहुल कुमार ने यह भी बताया कि विशेषज्ञों ने जलग्रहण क्षेत्र की वनस्पति का आकलन करने के लिए क्वाड्रेट नमूनाकरण भी किया। जलीय जीवों में चुनिंदा ज़ोप्लांकटन और ब्राउन ट्राउट देखे गए। रूडी शेल्डक जैसी महत्वपूर्ण प्रजातियों के उद्धरण से समृद्ध पक्षी विविधता को चिह्नित किया गया था। वन्यजीव अभयारण्य के साथ छह स्थानों से मिट्टी के नमूने भी एकत्र किए गए और मिट्टी में कार्बन के लिए परीक्षण किया जाएगा।डीएफओ की उपस्थिति में तकनीकी विशेषज्ञों ने उपायुक्त के साथ   विभिन्न नीतिगत सिफारिशों पर विस्तृत रूप से चर्चा  की गई , जिन्हें निकट भविष्य में चंद्रताल के बुद्धिमानीपूर्ण तरीके से उपयोग और संरक्षण के लिए अपनाया जाएगा ।उपायुक्त  राहुल कुमार ने यह भी बताया कि   सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट के तत्वावधान में, तकनीकी विशेषज्ञ द्वारा परिदृश्य में महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का व आर्थिक मूल्यांकन भी किया जा रहा है  जिस में पारिस्थितिकी तंत्र कार्बन स्टॉक, बाढ़ बफरिंग, जल भंडारण और आपूर्ति, पशुधन के लिए चारा और पर्यटन और मनोरंजनके साधन भी शामिल हैं |उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञों  की टीम की रिपोर्ट के परिणामों पर विचार करेंगे और आर्द्रभूमि और बड़े जलग्रहण क्षेत्र के प्रबंधन और संरक्षण के लिए स्थानीय हितधारकों के साथ उचित परामर्श के बाद   नीतियां निर्धारित कर हितधारकों की   सिफारिशों को प्राथमिकता दी जाएगी |

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
Trending Now