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कुल्लू जिला में किसानों को  लहसुन के 100 से अधिक प्रतिकिलो दाम मिलेगी की उम्मीद

किसान लहुसन की कांट-छांट के कार्य में जुटे

कुल्लू में करीब 1500 हेक्टेयर भूमि पर हो रही  लहसुन की फंसल का उत्पादन
न्यूज मिशन
कुल्लू
प्रदेश में सिरमौर के बाद कुल्लू जिला लहसुन उत्पादन में दूसरे स्थान पर है ऐसे में  कुल्लू , मंडी, किन्नौर, सोलन व सिरमौर में भी लहसुन की खेती होती है। सिरमौर का हरिपुरधार लहसुन के मामले में अव्वल है। पिछली वार की तुलना में किसानों को इस वार लहुसन के अच्छे दाम मिलने की आस हैं, इस वार किसानों की अच्छी फसल है। समय-समय पर बार बारीश हुई हैं जिसका फायदा किसानों को हुआ है। पिछले बर्ष किसानों को 20 से 80 रूप्ये तक दाम मिले थे, इस वार किसानों को 100 रूपये से अधिक दाम मिलने की आस है।
 किसान मेहर चंद ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार लहसुन के दाम अच्छे मिलने चाहिए, उन्होंने कहा कि इस बार मौसम ने उनका पूरा साथ दिया है, जिस वजह से लहसुन काफी अच्छा है, अभी लहसुन के व्यापारी नहीं पहुंचे हैं, लेकिन आशा है कि इस बार उन्हें लहसुन के दाम अच्छे मिलेंगे हमें पूर्ण विश्वास है, इस बार 100 रूपये से अधिक दाम लहसुन के किसानों को मिले। उन्होंने कहा कि इन दिनों किसान अपने लहसुन की कांट छांट के कार्य में जुटे हुए हैं, और किसान 1 सप्ताह के भीतर अपने लहसुन के कार्य से फ्री होंगे, उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से किसान अपने खेतों में कश्मीरी बीज लगा रहें है। उन्होंने कहा कि इस बार किसानों को दवाइयां भी 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है उस हिसाब से पिछले वर्ष के रेट ही किसानों को मिलेंगे तो किसानों का घाटा हो जाएगा। अगर दाम अगर इस बार 100 से ऊपर मिल जाते हैं तो लहसुन के साथ दवाइयों की भरपाई भी हो सकती है।
लगघाटी के स्थानीय किसान डावे राम ने बताया कि लहसुन की फसल 9 माह में तैयार होती है, किसान चाहते हैं कि लहसुन के दाम उन्हें अच्छे मिले। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष किसानों की फसल खराब हुई थी। लेकिन इस वर्ष लहसुन की फसल बहुत अच्छी है और बारिश भी अच्छी हुई है। जिससे लहसुन बहुत बढ़िया है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के बजाय इस वर्ष किसानों को लहसुन के अच्छे दाम मिले। पिछली साल किसानों को 70 से 80रू0 तक लहसुन के दाम मिले हैं। इस बार लहसुन का दाम 100 से 150 तक मिलने की उम्मीद है। 9 माह में लहसुन की फसल तैयार होती है उन्होंने कहा कि किसान इसी पर निर्भर है।  आले पड़ने से सेव भी पूरी तरह से खराब हुए हैं, इस बार लहसुन की पैदावार अच्छी हुई है तो दाम भी अच्छे मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीरी बीज उन उन्हें 70 से 80 तक मिला था उस हिसाब से लहसुन 100 से अधिक रुपए में बिकना चाहिए इसे गरीब किसानों को फायदा हो। उन्होंने कहा कि पूरे साल भर की कमाई इस लहसुन पर ही किसानों की आस रहती है।

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