कुल्लूबड़ी खबरहिमाचल प्रदेश

तीर्थन घाटी की 10 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने ईको टूरिज्म सरकार से विशेष पॉलिसी की की मांग-अंकुश शालाठ

कहा-सीमित प्राकृतिक संसाधनों के चलते सरकार लोगों के हक हकूक संरक्षित करने के लिए बनाए कानून

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेजा प्रस्ताव
एंकर
देव भूमि कुल्लू जिला की विभिन्न घाटियों में बाहरी राज्यों के कारोबारी बड़े-बड़े भवनों का निर्माण कर कंक्रीट का जंगल तैयार कर रहे हैं। जिससे
प्राकृतिक संसाधनों के साथ पर्यावरण को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंच रहा है ऐसे में कुल्लू जिला के तीर्थन घाटी की 10 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने इको टूरिज्म के तहत प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और स्थानीय लोगों के हक हकूक को बचाने के लिए प्रदेश सरकार से विशेष पॉलिसी की मांग की है जिससे 10 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने सरकार को विशेष पॉलिसी को बनाने के लिए 18 बिंदुओं के प्रस्ताव सौंपा है।ताकि भबिष्य आने बाले 100 सालों तक पर्यटन चल सकें।

टूरिज्म के प्रोफेसर नीरज ठाकुर ने   बताया कि कुल्लू जिला के बंजार कि तीर्थन घाटी के 10 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने कैबिनेट मंत्री जगत सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर शिक्षकों को विशेष पॉलिसी बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। जिसमें 18 तरह की एनओसी किसने बनाई है। उन्होंने कहा कि इस विशेष पॉलिसी को लेकर पिछले 3 सालों से उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग के साथ विस्तृत चर्चा की गई है उन्होंने कहा कि बंजार घाटी की तीर्थन घाटी में टूरिज्म बढ़ रहा है ऐसे में देश विदेश में तीर्थन घाटी प्रसिद्ध पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो रहा है उन्होंने कहा कि इको टूरिज्म के तहत लंबे समय तक चले इसके लिए सरकार से विशेष पॉलिसी की मांग कर रहे हैं जिसमें साढ़े तीन मंज़िल से ऊंचे भवनों का निर्माण न् हो और भवनों का निर्माण लोकल काटकुणी शैली में हो। जिसमें 12 कमरों से ज्यादा भवनों का निर्माण ना हो। उन्होंने कहा कि तीर्थन घाटी में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की यूनेस्को में एन्क्रिप्शन है यूनिवर्सल कल्चरल वैल्यू ऑफ द एरिया एंड नेचुरल प्रॉपर्टी उन्होंने उन्होंने कहा कि उस पर किसी ने अभी तक ध्यान नहीं दिया ऐसे में हमारा कल्चर बड़ा यूनिक है उसके यूनिवर्सल वैल्यू है उसको संरक्षण कैसे किया जा सके और इसके साथ-साथ नेचुरल प्रॉपर्टी को कैसे बचा सके जिसमें जंगल झरने नदियों को कैसे बचाया जा सकता है उसको लेकर सरकार से आग्रह है कि कैबिनेट में इस पर एक विशेष पॉलिसी का निर्माण किया जाए जिससे नियम कायदे कानून के हिसाब से टूरिज्म को लंबे समय तक विकसित करने के लिए कानून में प्रावधान किया जाए उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में ग्राम सभा में इसको लेकर कानून पारित किया है लेकिन उसकी इतनी मेडिटेशन नहीं हो रही है ऐसे में सरकार इस को लेकर विशेष पॉलिसी के तहत कानून बनाती है तो उसको इंप्लीमेंट करना बहुत आसान हो जाएगा जिससे भविष्य में स्थानीय लोगों के हक हकूक बचे रहे। उन्होंने कहा कि यहां के स्थानीय लोगों ने हजारों साल यहीं पर रहना है ऐसे में बाहरी राज्यों से कारोबारी आएंगे 15,20 सालों में पैसा कमाएंगे और फिर चले जाएंगे लेकिन यहां के लोगों के नेचुरल रिसोर्सेज सालों साल रहे इसको लेकर सरकार से 10 पंचायतों के हजारों लोग विशेष पॉलिसी की मांग कर रहे हैं।

ग्राम पंचायत नोहांडा के प्रधान अंकुश प्लाट ने बताया कि ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की एंट्री नो हांडा पंचायत से होती है उन्होंने कहा कि ऐसे में नोहांडा पंचायत के हजारों लोग चाहते हैं कि टूरिज्म लंबे समय तक चले और पर्यटक बार-बार चित्र घटी में घूमने के लिए आए इससे स्थानीय लोगों को फायदा मिल सके उन्होंने कहा कि तीर्थन घाटी के लिए सरकार विशेष पॉलिसी के तहत साडे 3 मंजिल से ज्यादा का भवनों का निर्माण ना हो जिससे 12 कमरों के निर्माण से ज्यादा अनुमति न हो। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से बड़े बड़े कारोबारी सौ 500 कमरों वाले होटलों का निर्माण व्यवसायिक तौर के लिए किया जाएगा जिससे स्थानीय लोगों का रोजगार छिन जाएगा ऐसे में सरकार को विशेष पॉलिसी बनाकर इको टूरिज्म को बचाने के लिए प्रयास करने चाहिए।

पंचायत प्रधान मोहर सिंह ठाकुर ने बताया कि तीर्थन घाटी के 10 पंचायतों के प्रतिनिधि पिछले 3 सालों से सरकार से विशेष पॉलिसी की मांग कर रहे हैं उन्होंने कहा कि ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के साथ तीर्थन घाटी में देश विदेश से पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन सीमित है ऐसे में इको टूरिज्म के तहत लंबे समय तक चले इसके लिए सरकार से विशेष पॉलिसी की मांग कर रहे हैं उन्होंने कहा कि 10 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने उस पॉलिसी को लेकर विभिन्न बिंदुओं को तहत सरकार को प्रस्ताव भेजा है। जिससे चेतन घाटी में इको टूरिज्म विकसित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।

वीओ- गौर रहे कि पूर्व में बंजार के विधायक रहे दिले राम शबाव ने तीर्थन नदी पर किसी भी तरह के पावर प्रोजेक्ट ना लगाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी थी और उसमें वह कामयाब हुए थे ऐसे में तीर्थन नदी पर एक भी पावर प्रोजेक्ट नहीं लगा है जिससे पर्यावरण संरक्षण हुआ है।

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