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नेशनल एचीवमेंट सर्वे 2021 में शिक्षा में पिछड़े हिमाचल को उभारने का प्रयास जारी  

हिमाचल में शिक्षा विभाग  ने नेशनल अचीवमेंट सर्वे को लेकर बनाई रूपरेखा

 

2021 में  कुल्लू जिला में तिसरी, 5 वीं,8 वीं व 10 वी कक्षा के 3726 बच्चों की हुई थी एवेल्युवेंशन

न्यूज मिशन

कुल्लू

हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने नेशनल एचीवमेंट सर्वे 2024 को लेकर रूपरेखा तैयार की है। बीते 2021 के सर्वे में हिमाचल प्रदेश देशभर में 22 वें स्थान पर था उससे उभारने के लिए  प्रयास किया जा रहा है।जिसकी शुरूआत कुल्लू जिला से हुई है और कुल्लू जिला मे इसको लेकर जिला स्तरीय बैठक और सेमिनार का आयोजन किया । जिसमें रिसोर्स पर्सन नेशनल इंस्टिच्यूट ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनीस्ट्रेशन की डाक्टर कश्यपी अवस्थी और दिल्ली विश्वविद्यालय प्रोफेसर डाक्टर सुनील वर्मा  ने शिक्षकों को जिला स्तरीय राष्ट्रीय उपलब्धी परीक्षण को लेकर टिप्स दिए। जिसमें आने वाले 2024 में नेशनल अचीवमेंट सर्वे को लेकर मंथन किया गया

गौर रहे कि इससे पहले सीबीएसई (CBSE) द्वारा एनसीईआरटी (NCERT) के माध्यम से यह नेशनल अचीवमेंट सर्वे में जो शिक्षा का स्तर तीसरी, पांचवी, आठवीं और दसवीं कक्षा का पाया गया था, उसको और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए इस सेमिनार में मंथन किया गया। सेमिनार में जिला भर से स्कूलों के प्रधानाचार्य, सीएचटी, एचटी, शिक्षा उपनिदेशक प्रारंभिक और उच्च सहित विभिन्न अधिकारियों भाग लिया। जिन्होंने शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए विचार रखे। 2021 में तीसरी कक्षा के 45 स्कूल से 507 बच्चों को सर्वे में शामिल किया गया था। जबकि 5 वीं कक्षा के 46 स्कूलों से 607, आठवीं के 58 स्कूलों के 1226 व 10 वीं कक्षा के 62 स्कूलों से 1457 बच्चों को सर्वे में शामिल  किया गया था।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ सुनील वर्मा ने कहाकि देशभर में नेशनल एचीवंमेंट सर्वे  2014 के बाद प्रारंभ हुए उस समय कक्षा तिसरी,5 वीं और  8 वीं के छात्रा की वेल्यूवेंशन होती थी 2017 के बाद  तिसरी,5 वीं,8 वीं  व 10 वीं कक्षा के के छात्रा वेल्यूवेंशन शुरू हुई है।उन्हांने कहाकि इस सर्वे का उद्देशिया शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की उपलब्धी को मापना है।उन्होंने कहाकि इस सर्वे के बाद देशभर की शिक्षा की नीतियां बनाई जाती है।उन्होंने कहाकि नम्बर 2021 के नेशनल एचीवंमेंट सर्वे  में हिमाचल का रैंक देशभर में 22 वें स्थान पर रहा है।उन्होंने कहाकि हिमाचल प्रदेश केरला के साथ कंपीट करता है ऐसे में लर्निंग को इंप्रूव करने के लिए सेमिनार आयोजित किया है।उन्होंने कहाकि समुदायिक सहभागिता के बिना शिक्षा के स्तर को बढ़ाना मुश्किल है ऐसे में एसएमसी को भी सेमिनार में बुलाया था।उन्होंने कहाकि सरकार,समुदाय,शिक्षकों राजनेताओ के प्रयासों से शिक्षा के स्तर को अच्छा बनाया जा सकता है।

नेशनल इंस्टिच्यूट ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनीस्ट्रेशन की प्रोफेसर डाक्टर कश्यपी अवस्थी ने कहाकि नेशनल एचीवंमेंट सर्वे  के मुताविक कुल्लू जिला के छात्रों को इंप्रूव करने की जरूरत है।उन्होंने कहाकि समुदायिक सहभागिता भी छात्रों को गुणात्मक शिक्षा देने के लिए बढ़ाई जा रही है।उन्होंने कहाकि स्कूल लीडरशीप को बढ़ाबा दे और एसेसमेंट फॉर लर्निंग बेहतर बनाने के लिए सीखने सीखाने के लिए प्रक्रिया बेहतर ब बनाने के लिए उपयोग करें।उन्होंने कहाकि एसएमसी को प्रोत्साहन देना से शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए अभिभावकों व शिक्षकों की सहभागिता से गुणात्मक शिक्षा में बढ़ौतरी होती।उन्होंने कहाकि प्रदेश सरकार के द्वारा शिक्षा में  समुदायिक सहभागिता व शिक्षकों  के साथ मिलकर टीचिंग लर्निंग प्रोसेस को आगे बढ़ाने के लिए सराहनीय प्रयास है।

 

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