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मोटे अनाजों को उगाने के लिए आएं किसान-डॉ सुधीर

कहा-मोटे आनाज उगाने में पानी की कम आवश्यकता भूमि की उर्वरता को बढ़ाने में सहायक

अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के तहत शिविर का आयोजन

न्यूज मिशन

कुल्लू

जिला कृषि विभाग के आत्मा परियोजना के तहत  कुल्लू स्थित खंड विकास कार्यालय के सभागार में पोषक युक्त मोटे अनाज संबंधित जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर की अध्यक्षता करते हुए आत्मा परियोजना के परियोजना निदेशक डॉक्टर सुधीर कुमार ने  कहा कि समूचा विश्व, वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रहा है। इस को मनाने का मुख्य उद्देश्य  विलुप्त हो रहे मोटे अनाज के बारे में लोगों को जागरूक करना है तथा उसका संरक्षण तथा संवर्धन किस प्रकार हो सके इस बारे में भी जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि जहां मोटा अनाज स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, वहीं इस को उगाने से किसान अपनी आय में भी बढ़ोतरी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज मोटे अनाज की बाजार में बहुत अधिक मांग है। इसके उगाने पर लागत भी  कम आती हैं। उन्होंने किसानों से विशेषकर महिलाओं  का आह्वान किया कि वह मोटा अनाज उगाने के लिए आगे आए। उन्होंने कहा कि मोटे आनाज उगाने में पानी की कम आवश्यकता रहती है और न ही इसके लिए रसायनिक खाद की आवश्यकता होती है। यह भूमि की उर्वरता को बढ़ाने में सहायक है। उन्होंने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वाहन किया।उन्होंने कहा कि मोटे अनाज का उपयोग से अनेक बिमारियो से बचा जा सकता है।
कार्यशाला में 106 महिलाओं ने भाग लिया इस अवसर कार्यशाला में शामिल महिलाओं को मोटे अनाज कोदरा व सरियाला के बीज की किट भी प्रदान की गई।
आतमा परियोजना की उपनिदेशक डॉ बिंदू शर्मा ने इस अवसर पर प्राकृतिक खेती के लाभ के बारे जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक कृषि से तैयार उत्पादों की बाजार मे बहुत मांग है। इस पर लागत भी कम आती है। उन्होंने कहा कि  प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान  खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। डॉ रितु गुप्ता ने इस दौरान मृदा स्वास्थ्य के बारे  जानकारी दी।

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